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कोविड-19: अनेक देशों में कोरोनावायरस संक्रमण में चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी

जॉर्डन में स्वेच्छाकर्मी, कोविड-19 के दौर में, अपने समुदायों को सहायता प्रदान करते हुए.
© UNICEF/Naua
जॉर्डन में स्वेच्छाकर्मी, कोविड-19 के दौर में, अपने समुदायों को सहायता प्रदान करते हुए.

कोविड-19: अनेक देशों में कोरोनावायरस संक्रमण में चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दुनिया भर के अनेक देशों में कोविड-19 संक्रमण के मामलों में तेज़ उभार पर चिन्ता जताते हुए कहा है कि नए मामले उन देशों में भी दर्ज किये जा रहे हैं, जहाँ पहले व्यापक पैमाने पर वायरस नहीं फैला था. विश्व भर में, कोरोनावायरस संक्रमण के अब तक 13 करोड़ 84 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 29 लाख 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में शुक्रवार को पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि विश्व भर में कोविड-19 संक्रमणों व मौतों की संख्या में चिन्ताजनक बढ़ोत्तरी जारी है.

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"हर सप्ताह सामने आने वाले नए मामलों की संख्या, पिछले दो महीनों में दोगुनी हो गई है, और मौजूदा हालत, महामारी के दौरान अब तक दर्ज संक्रमण की सबसे ऊँची दर के पास पहुँच रही है."

यूएन एजेंसी प्रमुख ने बताया कि जिन देशों में पहले व्यापक स्तर पर वायरस का फैलाव नहीं हुआ था, वहाँ अब संक्रमण मामलौों में तेज़ वृद्धि देखी जा रही है.

उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर महामारी के बदलते रूप की लगातार निगरानी की जा रही है और आवश्यकता अनुरूप सलाह प्रदान की जा रही है.

अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत, आपात समिति की सातवीं बैठक गुरुवार को आयोजित की गई.

वायरस की चपेट में भारत

भारत में भी कोविड-19 संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़े हैं और देश, कोरोनावायरस से सबसे अधिक प्रभावितों की सूची में अमेरिका के बाद अब दूसरे स्थान पर पहुँच गया है.

भारत में कोरोनावायरस के एक करोड़ 42 लाख मामलों की पुष्टि की गई है और एक लाख 74 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने चिन्ताजनक हालात के मद्देनज़र, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में सभी स्वास्थ्य औज़ारों का पूर्ण रूप से इस्तेमाल करने का आग्रह किया है ताकि संक्रमणों को टाला जा सके और ज़िन्दगियों की रक्षा की जा सके.

यूएन एजेंसी की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने ध्यान दिलाया कि बुनियादी सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय, महामारी पर जवाबी कार्रवाई का आधार हैं, जिनका फिर से मज़बूती से पालन किया जाना होगा.

उन्होंने कहा कि संक्रमण मामलों में तेज़ी आने के पीछे, वायरस के नए प्रकारों व रूपों की भूमिका को समझने का प्रयास किया जा रहा है और उभरती क़िस्मों की शिनाख़्त के लिये प्रणालिया स्थापित की गई हैं.

डॉक्टर खेत्रपाल सिंह ने आगाह किया कि वायरस के फैलाव को जितनी अनुमति दी जाएगी, उसके उतने ही प्रकार उभरेंगे.

बुनियादी उपाय अहम

उन्होंने, इसके मद्देनज़र, वायरस संचारण पर क़ाबू पाने की अहमियत को फिर से रेखांकित किया है, जिसके लिये कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाना होगा.

उन्होंने कहा, "समझने में ग़लती ना करें, वैक्सीन एक महत्वपूर्ण और शक्तिशाली औज़ार हैं. लेकिन वे एकमात्र औज़ार नहीं हैं."

"शारीरिक दूरी कारगर है. मास्क कारगर है. हाथों की स्वच्छता कारगर है. हवादार कमरे कारगर हैं."

उन्होंने बताया कि निगरानी, टैस्टिंग, संक्रमितों के सम्पर्क में आए लोगों का पता लगाना व उन्हें अलग रखना, संक्रमितों को उपचार मुहैया कराना - इन सभी उपायों से संक्रमण को रोकने व लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाने में मदद मिलती है, मगर इन्हें एक साथ लागू करना होगा.

डॉक्टर खेत्रपाल सिंह ने फिर से संक्रमण होने की आशंका पर कहा कि कोरोनावायरस के पुराने अनुभव बताते हैं कि समय के साथ एण्टीबॉडीज़ में गिरावट आएगी.

कुछ लोगों के फिर से संक्रमित होने के मामले भी सामने आए हैं, मगर इसकी व्यवस्थित ढंग से निगरानी नहीं हो पाई है.

फ़िलहाल, इस सम्बन्ध में प्रतिरोधक क्षमता की मज़बूती व अवधि को समझने का प्रयास किया जा रहा है.