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कोविड-19: महामारी के दौरान मादक पदार्थों के सेवन में तेज़ उछाल 

पिछले 24 वर्षों में कैनेबिस (भांग) की प्रबलता में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है.
Unsplash/Wesley Gibbs
पिछले 24 वर्षों में कैनेबिस (भांग) की प्रबलता में चार गुना बढ़ोत्तरी हुई है.

कोविड-19: महामारी के दौरान मादक पदार्थों के सेवन में तेज़ उछाल 

क़ानून और अपराध रोकथाम

मादक पदार्थों एवँ अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की एक नई रिपोर्ट दर्शाती है कि विश्व भर में पिछले वर्ष, 27 करोड़ 50 लाख लोगों ने मादक पदार्थों (ड्रग्स) का इस्तेमाल किया. वर्ष 2010 के मुक़ाबले यह 22 फ़ीसदी अधिक है. 

गुरुवार को जारी की गई इस रिपोर्ट में, कोविड-19 महामारी के दौरान व्यापक स्तर पर मची उथलपुथल को इसका एक बड़ा कारण बताया गया है.

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यूएन एजेंसी की ‘World Drug Report 2021’ के मुताबिक, पिछले दो दशकों में विश्व के कुछ हिस्सों में कैनेबिस (भांग) की प्रबलता चार गुना तक बढ़ गई है. 

कैनेबिस को आमतौर पर स्वास्थ्य के लिये नुक़सानदेह माना जाता है, विशेष रूप से इसका लम्बे समय तक सेवन करने वाले लोगों के लिये. 

मगर, इस मादक पदार्थ को हानिकारक मानने वाले किशोरों की संख्या में 40 फ़ीसदी तक की कमी दर्ज की गई है. बहुत से देशों में महामारी के दौरान कैनेबिस के इस्तेमाल में वृद्धि होने की बात सामने आई है.  

यूएन एजेंसी की कार्यकारी निदेशक ग़ादा वाली ने कहा कि ड्रग के इस्तेमाल से होने वाले जोखिमों के प्रति जानकारी कम होने की वजह से इनके सेवन की दर बढ़ रही है. 

उनके मुताबिक यूएन एजेंसी की नई रिपोर्ट में मौजूदा वास्तविकताओं और व्याप्त धारणाओं के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है. 

इसके लिये युवाओं को जागरूक बनाना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना अहम है.  

सामाजिक-आर्थिक प्रभाव

कोविड-19 महामारी ने 10 करोड़ लोगों को अत्यधिक निर्धनता में धकेल दिया है, बेरोज़गारी व विषमता बढ़ी है और वर्ष 2020 में, दुनिया में 25 करोड़ से अधिक रोज़गार ख़त्म हो गए. 

कोरोनावायरस संकट के दौरान लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर हुआ है, और इन सभी वजहों से ड्रग के इस्तेमाल में तेज़ी आई है. 

महामारी के दौरान ड्रग इस्तेमाल के रूझानों में भी बदलाव देखा गया है और कैनेबिस व दर्दनिवारक दवाओं का ग़ैर-चिकित्सा इस्तेमाल बढ़ा है. 

बढ़ते सामाजिक-आर्थिक दबावों की वजह से भी इन मादक पदार्थों की माँग में वृद्धि हुई है. 

रिपोर्ट के मुताबिक, ड्रग तस्करों पर महामारी के शुरुआती दिनों में लागू की गई पाबन्दियों का असर हुआ, मगर इससे वे जल्द उबर गए और फिर से महामारी के पहले के दिनों के स्तर पर उनका कारोबार चल रहा है. 

इसकी एक वजह टैक्नॉलॉजी, क्रिप्टो-करेन्सी भुगतान विकल्प के इस्तेमाल में आई तेज़ी है, और यह सब नियमित वित्तीय प्रणाली के दायरे से बाहर हो रहा है. 

यूएन एजेंसी नशीले पदार्थों के ग़ैरक़ानूनी इस्तेमाल की रोकथाम में नीतिनिर्धारकों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही है.
© UNICEF/John Vink
यूएन एजेंसी नशीले पदार्थों के ग़ैरक़ानूनी इस्तेमाल की रोकथाम में नीतिनिर्धारकों को हरसम्भव सहायता मुहैया करा रही है.

ऑनलाइन बिक्री की वजह से मादक पदार्थों तक पहुँच पहले से सरल हुई है और डार्क वेब पर ड्रग बाज़ार का वार्षिक मूल्य 31 करोड़ डॉलर से अधिक आंका गया है.

सम्पर्क-रहित ड्रग लेनदेन के मामलों में वृद्धि हो रही है और महामारी के दौरान इस रूझान ने और तेज़ी पकड़ी है.

रिपोर्ट बताती है कि टैक्नॉलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल से ड्रग की रोकथाम व उपचार सेवाओं में भी नवाचार उपायों का सहारा लेने में मदद मिली है.

टेलीमेडिसिन जैसी स्वास्थ्य सेवाओं के ज़रिये, स्वास्थ्यकर्मियों के लिये ज़्यादा संख्या में मरीज़ों तक पहुंचना व उनका उपचार कर पाना सम्भव हुआ है.