कोविड-19 जैसी महामारियों से निपटने की तैयारियों के तहत IAEA की नई पहल

भविष्य में कोविड-19 जैसी विश्वव्यापी महामारियों से असरदार ढँग से निपटने के लिए अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने सोमवार को एक नई पहल शुरू की है. ‘Zoonotic Disease Integrated Action’ (ZODIAC) नामक इस परियोजना के ज़रिये एक वैश्विक नैटवर्क स्थापित किया जाएगा ताकि पशुओं से व्यक्तियों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार वायरसों का समय रहते पता लगाने में मदद मिल सके.
पशुओं से व्यक्तियों में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों को ज़ूनॉटिक बीमारियाँ ((Zoonotic diseases) कहा जाता है जो बैक्टीरिया, परजीवियों और वायरसों के कारण होती हैं.
IAEA launches ZODIAC, an initiative to combat zoonotic diseases and strengthen global preparedness for future pandemics like #COVID19.📝 https://t.co/q9fq7SryUP pic.twitter.com/j2M7PJNGoL
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ऐसे रोग पहले जानवरों को संक्रमित करते हैं और फिर उनसे होते हुए ये बीमारियाँ इन्सानों को अपना निशाना बनाती हैं. इन बीमारियों से हर साल लगभग 27 लाख लोगों की मौत होती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि मनुष्यों मेंं 70 फ़ीसदी से ज़्यादा बीमारियाँ पशुओं से फैलती हैं.
हाल के दशकों में ईबोला, ज़ीका, कोविड-19 जैसी ज़ोनॉटिक महामारियों की सँख्या बढ़ी है और इसलिए जंगली व पालतु पशुओं के स्वास्थ्य पर नज़र रखा जाना और उन्हें होने वाले रोगों को मनुष्यों तक पहुँचने से पहले रोका जाना बेहद अहम है.
'ZODIAC' परियोजना के ज़रिये एक वैश्विक नैटवर्क स्थापित किया जाएगा ताकि राष्ट्रीय स्तर पर लैब की निगरानी करने, चौकसी बरतने, संक्रमण के मामलों का जल्द पता लगाने और पशुओं से व्यक्तियों में फैलने वाली कोविड-19, इबोला, एवियन इन्फ़्लुएँज़ा और ज़ीका जैसी बीमारियों पर नियन्त्रण करने में मदद की जाएगी.
यूएन परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्स की बैठक में महानिदेशक रफ़ाल मारियानो ग्रोस्सी ने बताया, “उपकरण, टैक्नॉलॉजी पैकेजों, विशेषज्ञता, दिशानिर्देश और ट्रेनिंग तक सदस्य देशों की पहुँच होगी. निर्णय-निर्धारकों को सरल ढँग से नवीनतम जानकारी मिलेगी जिससे वे तेज़ी से फ़ैसले लेने में सक्षम होंगे.”
उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस का पता लगाने की क्षमता में कुछ देशों की कमज़ोरियाँ सामने आई हैं. साथ ही दुनिया भर की स्वास्थ्य संस्थाओं में बेहतर ढँग से सूचना के आदान-प्रदान की ज़रूरत भी महसूस की गई है.
‘ZODIAC’ प्रोजेक्ट अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी और उसके साझीदार संगठनों की तकनीकी, वैज्ञानिक और प्रयोगशाला क्षमताओं पर आधारित है जिसकी सहायता से देशों को ज़रूरी उपकरण और तकनीकी जानकारी तेज़ी से मुहैया कराई जा सकती है.
इस पहल का उद्देश्य विश्व को भविष्य में फैलने वाली महामारियों से निपटने के लिए तैयार करना है.
‘Reverse Transcription-Polymerase Chain Reaction (RT-PCR)’ जैसी परमाणु तकनीकों की मदद से वायरसों का पता लगाने और उनसे जुड़ी अहम जानकारी का पता लगाया जा सकता है.
कोविड-19 महामारी का जल्द पता लगाने के लिए ऐसे परीक्षणों का इस्तेमाल करने के लिए अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी 120 से ज़्यादा देशों को आपात मदद मुहैया करा रही है.
अगर दवाओं की उपलब्धता हो तो इनमें से ई-कोलाई और ब्रुसेला जैसी अनेक बीमारियों का इलाज सम्भव है. लेकिन ईबोला, सार्स और कोविड-19 जैसी अन्य बीमारियाँ मानव जाति को बुरी तरह प्रभावित करती हैं.
‘ZODIAC’ परियोजना में अफ्रीका और एशिया में पशु-चिकित्सा सम्बन्धी प्रयोगशालाओं के नैटवर्क ‘VETLAB’ के अनुभवों का सहारा लिया जाएगा जिसे मुख्य रूप से मवेशियों को होने वाली बीमारियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) और यूएन परमाणु एजेंसी ने संयुक्त रूप से मिलकर स्थापित किया था.
‘VETLAB’ नैटवर्क के ज़रिये अब ‘अफ्रीकन स्वाइन फ़ीवर’ सहित पशुओं को होने वाले कई रोगों का समय रहते पता लगाने में देशों को मदद दी जाती है.