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कोविड-19: लगातार चौथे सप्ताह संक्रमणों में बढ़ोत्तरी दर्ज

संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स पहल के तहत पेरू को एक लाख 17 हज़ार वैक्सीनों की खेप भेजी गई.
© UNICEF/Jose Vilca
संयुक्त राष्ट्र की कोवैक्स पहल के तहत पेरू को एक लाख 17 हज़ार वैक्सीनों की खेप भेजी गई.

कोविड-19: लगातार चौथे सप्ताह संक्रमणों में बढ़ोत्तरी दर्ज

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने चिन्ता जताई है कि दुनिया भर में कोविड-19 संक्रमणों में लगातार चौथे हफ़्ते भी वृद्धि दर्ज की गई है और लगभग हर क्षेत्र इससे प्रभावित है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार को बताया कि पिछले सात दिनों की अवधि में 33 लाख नए मामलों की पुष्टि हुई है. योरोपीय और अमेरिकी क्षेत्र अब भी बुरी तरह कोविड-19 महामारी से पीड़ित है, और संक्रमणों व मौतों के हर दस में से आठ मामले इन्हीं क्षेत्रों में दिखाई दे रहे हैं.  

कोरोनावायरस के कारण होने वाली मौतों में छह सप्ताह तक गिरावट दर्ज किये जाने के बाद इस अवधि में दर्ज संख्या स्थिर है, और 60 हज़ार से ज़्यादा मौतें हुई हैं. 

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पश्चिमी प्रशान्त क्षेत्र एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहाँ पिछले सप्ताह की तुलना में, मृतकों की संख्या में एक-तिहाई तक की गिरावट दर्ज की गई है. 

विश्व स्वास्थ्य संगठन का साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट दर्शाता है कि दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिमी प्रशान्त, योरोप और पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र में संक्रमणों में वृद्धि देखने को मिली है.

अफ़्रीकी और अमेरिकी क्षेत्रों में, संक्रमणों की संख्या हाल के हफ़्तों में स्थिर रही है, लेकिन यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सचेत किया है कि इन क्षेत्रों में स्थित कुछ देशों में चिन्ताजनक रूझान दिखाई दे रहे हैं. 

इनमें ब्राज़ील भी है, जहाँ सबसे बड़ी संख्या में मामलों की पुष्टि हुई है – एक सप्ताह में पाँच लाख से ज़्यादा मामले, जोकि तीन प्रतिशत बढ़ोत्तरी को दर्शाता है. 

अमेरिका में एक सप्ताह में तीन लाख 74 हज़ार (19 फ़ीसदी गिरावट), भारत में दो लाख 40 हज़ार (62 फ़ीसदी वृद्धि), फ्राँस में दो लाख चार हज़ार (27 प्रतिशत वृद्धि) मामलों की पुष्टि हुई है. 

इटली में हालात में ज़्यादा परिवर्तन नहीं आया है और सप्ताह में, एक लाख 54 हज़ार नए मामलों की पुष्टि हुई है. 

यूएन एजेंसी के अनुसार, कोरोनावायरस के नए रूपों पर उपलब्ध आँकड़े बताते हैं कि ब्रिटेन में देखा गया प्रकार (Variant) अब, छह क्षेत्रों में, 125 देशों में पाया गया है.

कोरोनावायरस के प्रकार VOC202012/01 को गम्भीर संक्रमण होने, अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आने और मौत के जोखिम से जोड़ कर देखा जाता है.

अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 तक कोविड-19 के 55 हज़ार मरीज़ों पर आधारित एक अध्ययन दर्शाता है कि ब्रिटेन में फैल रहे कोरोनावायरस का नया प्रकार प्रति एक हज़ार संक्रमितों में से 4.1 मौतों के लिये ज़िम्मेदार था.

जबकि पुराने प्रकार के लिये आँकड़ा प्रति एक हज़ार संक्रमित में 2.5 मौत होने का था. 

वैक्सीन की कारगरता

दिसम्बर 2020 से फ़रवरी 2021 तक, इंग्लैण्ड के उन इलाक़ों में वैक्सीन परीक्षण किये गए, जहाँ VOC202012/01 ज़्यादा फैल रहा था. 

परीक्षण के नतीजे फ़ाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन और ऐस्ट्राज़ेनेका असरदार साबित होती नज़र आई हैं. 

ब्रिटेन में पाए गए कोरोनावायरस के नए प्रकार के अलावा, दक्षिण अफ़्रीकी कोरोनावायरस प्रकार 501Y.V2 के मामले अब सभी क्षेत्रों में 75 देशों में पाए गए हैं. 

दक्षिण अफ़्रीका में एक अध्ययन में, जुलाई 2020 में संक्रमणों की पहली लहर और फिर जनवरी 2021 में दूसरे प्रकार 501Y.V2 के कारण आई दूसरी लहर की तुलना की गई.
आँकड़े दर्शाते हैं कि जनवरी 2021 में अस्पतालों मे मौत होने का जोखिम 20 फ़ीसदी तक बढ़ गया.  कोरोनावायरस का एक अन्य प्रकार P.1 भी अन्य देशों में फैल रहा है – सभी क्षेत्रों के 41 देशों में. 

23 मार्च तक, विश्व भर में कोविड-19 के 12 करोड़ 34 लाख से ज़्यादा मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 27 लाख 19 हज़ार लोगों की मौत हुई है. 

बताया गया है कि 22 मार्च 2021 तक, 40 करोड़ 32 से ज़्यादा वैक्सीनों की ख़ुराकों को दिया जा चुका है.