भूमध्यसागर में एक और हादसा, बचाव अभियान फिर शुरू किये जाने की पुकार

लीबियाई तट के पास एक नाव हादसे में 43 लोगों की मौत के बाद संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने भूमध्यसागर में तलाश एवँ बचाव अभियान फिर शुरू किये जाने की पुकार लगाई है. अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने बुधवार को एक बयान जारी करके इस त्रासदीपूर्ण हादसे पर खेद व्यक्त किया है.
वर्ष 2021 में केन्द्रीय भूमध्यसागर में होने वाली यह पहली दुर्घटना है.
We are deeply saddened by the tragic loss of at least 43 lives off the Libyan coast.This again highlights the urgent need for more search and rescue operations, a gap NGO and commercial vessels are now trying to fill despite very limited resources. https://t.co/1huuFEJizv pic.twitter.com/MZFcqY5qUf
Refugees
ख़बरों के अनुसार लीबियाई शहर ज़वारा से यह जहाज़ मंगलवार सुबह यात्रा पर निकला था लेकिन कुछ ही घण्टों बाद ख़राब समुद्री परिस्थितियों के दौरान जहाज़ का इंजिन बन्द हो गया, जिसके बाद जहाज़ डूब गया.
इस हादसे में 10 लोगों को ही बचाया जा सका है, जीवित यात्री आइवरी कोस्ट, घाना, गाम्बिया से हैं और बताया गया है कि सभी मृतक पश्चिमी अफ़्रीकी मूल के थे.
जीवित यात्रियों को आपात राहत मुहैया कराए जाने के प्रयासों के तहत यूएन प्रवासन एजेंसी और अन्तरराष्ट्रीय राहत समिति कर्मचारियों ने भोजन, जल और मेडिकल जाँच सम्बन्धी सहायता सुनिश्चित की है.
ग़ौरतलब है कि हाल के सालों में भूमध्यसागर में बचाव अभियानों का दायरा व स्तर कम किया गया है. अनेक ग़ैर-सरकारी संगठनों ने इस क्षेत्र में मौतों की घटनाएँ बढ़ने के लिये योरोपीय संघ और सदस्य देशों को ज़िम्मेदार ठहराया है.
इसके मद्देनज़र यूएन एजेंसियों ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से भूमध्यसागर में रणनीति में तत्काल बदलाव लाए जाने का आहवान किया है.
इसके तहत असुरक्षित बन्दरगाहों पर वापसी को ख़त्म करने, एक सुरक्षित और स्पष्ट ढाँचा स्थापित करने पर ज़ोर दिया गया है जिससे जिन देशों में यात्री बड़ी संख्या में पहुँच रहे हैं, उनके साथ एकजुटता ज़ाहिर की जा सके.
बताया गया है कि लीबिया से भूमध्यसागर पार करने वाले प्रवासियों के लिये हालात ज़्यादा चिन्ताजनक हैं.
वर्ष 2020 में सैकड़ों लोगों की मौत होने की ख़बर है और यूएन एजेंसियों को भय है कि समुद्री मार्गों की सीमित निगरानी क्षमता के कारण मौतों की वास्तविक संख्या इससे कहीं ज़्यादा हो सकती है.
समुद्री यात्रा के प्रयास के पहले लीबिया में रह रहे प्रवासियों को अन्य जोखिमों का भी सामना करना पड़ता है. उन्हें मनमाने ढँग से गिरफ़्तार कर लिये जाने और ख़राब परिस्थितियों में हिरासत में रखे जाने का भय रहता है.
बहुत से प्रवासियों को मानव तस्करों ने अपना शिकार बनाया है और फ़िरौती के लिये उन्होंने पकड़ा गया, यातनाएँ दी गईं और देश में टकराव के कारण अब तक अनेक लोगों की मौत हो चुकी है.
यूएन एजेंसियों ने तस्करी रोकने के लिये लीबियाई प्रशासन के प्रयासों की सराहना की है. साथ ही ध्यान दिलाया है कि हज़ारों प्रवासियों व शरणार्थियों के शोषण व मानवाधिकार हनन के लिये ज़िम्मेदार आपराधिक गुटों की ज़िम्मेदारी तय की जानी होगी.
उन्होंने चेतावनी भरे अन्दाज़ में कहा है कि कार्रवाई के अभाव में और दण्डमुक्ति की भावना को बढ़ावा मिलने से आने वाले दिनों में ऐसी त्रासदियों के आगे भी घटने की आशंका है.