इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में आम आबादी की सुरक्षा किये जाने की पुकार
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी मिशेल बाशेलेट ने इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में युद्धरत सभी पक्षों से अपनी सेनाओं को ऐसे स्पष्ट और बिल्कुल सुलझे हुए आदेश देने को कहा है कि आम लोगों को निशाना बनाया जाए, और हमलों से उनकी रक्षा की जाए.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने मंगलवार को एक वक्तव्य में दोनों पक्षों की तरफ़ से उठ रही भड़काऊ आवाज़ों पर चिन्ता जताई है, और आने वाले दिनों या सप्ताहों में क्षेत्रीय राजधानी मेकेल्ले पर क़ब्ज़ा करने के लिये एक बड़ी लड़ाई छिड़ने की आशंका है.
🇪🇹 #Ethiopia: UN Human Rights Chief @mbachelet urges the parties to the conflict in #Tigray to give clear and unambiguous orders to their forces to take constant care to spare and protect civilians from the hostilities. Learn more: https://t.co/SlEkSg2B71 pic.twitter.com/Hwu0oh3rRT
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वक्तव्य में कहा गया है कि मौजूदा माहौल बहुत भड़काऊ है और इससे पहले से ही बेहद नाज़ुक हालात और डर के माहौल में रहने वाले लोगों के लिये गम्भीर ख़तरा पैदा हो गया है.
उन्होंने आगाह करते हुए कहा है, “मुझे डर है कि इस तरह की भड़काऊ बयानबाज़ी से अन्तरारष्ट्रीय मानवीय क़ानूनों का और ज़्यादा उल्लंघन होने का रास्ता निकलेगा.”
“ऐसी भड़काऊ बयानबाज़ियों से युद्धक गतिविधियों के दौरान, निशाना बनाए जाने वाले ठिकानों के बीच फ़र्क़ करने, आम इनसानों को निशाना नहीं बनाने, ऐहतियात बरतने और ज़रूरत से ज़्यादा ताक़त का इस्तेमाल नहीं करने सम्बन्धी सिद्धान्तों का उल्लंघन होगा, जोकि नागरिक आबादी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये बनाए गए हैं.
टीगरे जन स्वतन्त्रता मोर्चा (टीपीएलएफ़) की वफ़ादार सेनाओं को इथियोपिया की सरकार द्वारा आत्मसमर्पण करने के लिये 72 घण्टों की समय सीमा दिये जाने के बाद क्षेत्रीय राजधानी मेकेल्ले के आसपास भारी संख्या में टैंकों और तोपखानों के इकट्ठा होने की ख़बरें हैं. ये समय सीमा कुछ ही घण्टों में समाप्त हो जाएगी.
आम लोगों की सुरक्षा अत्यावश्यक
यूएन मानवाधिकार प्रमुख का ये बयान ऐसी ख़बरों के बीच आया है कि टीपीएलएफ़ के लड़ाके आम आबादी के बीच ख़ुद को तैनात कर रहे हैं.
अलबत्ता ये भी कहा गया है कि केवल इन्हीं ख़बरों के कारण, इथियोपिया सरकार को घनी आबादी वाले इलाक़ों में टैंकों और तोपख़ानों का इस्तेमाल करने का असीमित अधिकार नहीं मिल जाता. ग़ौरतलब है कि इथियोपिया सरकार क्षेत्रीय राजधानी को अपने नियन्त्रण में लेना चाहती है.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने ज़ोर देकर कहा है कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, किसी भी संघर्ष से सम्बद्ध पक्षों को आम आबादी की हिफ़ाज़त सुनिश्चित करने के लिये हर सम्भव उपाय करने होंगे.
मिशेल बाशेलेट ने कहा, “मैं संघर्ष से सम्बद्ध सभी पक्षों को याद दिलाना चाहती हूँ कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का सम्मान करने की ज़िम्मेदारी दूसरे पक्ष के बर्ताव के साथ जुड़ी हुई नहीं है. संघर्ष में शामिल सभी पक्षों को अन्तरराष्ट्रीय मानवीय सहायता क़ानून और मानवाधिकारों का सम्मान करना ही है. आम आबादी की सुरक्षा बेहद अहम है.”
शरणार्थियों की संख्या बढ़ी
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) ने बताया है कि इथियोपिया से लोग शान्ति की तलाश में सूडान में पहुँच रहे हैं और मौजूदा संकट शुरू होने के बाद से सूडान पहुँचने वाले इथियोपियाई शरणार्थियों की संख्या 40 हज़ार से भी ज़्यादा हो गई है. ऐसे में मानवीय सहायता की ज़रूरतें वहाँ मौजूद सहायता मुहैया कराने की क्षमता से ज़्यादा हो रही हैं.
यूएन शरणार्थी ऐजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि एजेंसी जीवन-रक्षक सामग्री ज़रूरत वाले स्थानों पर पहुँचाने और लोगों में वितरित करते रहे हैं, जिसमें भोजन भी शामिल है. लेकिन मानवीय सहायता कार्यों में ढाँचागत चुनौतियाँ सामने आ रही हैं और माँग ज़रूरत से ज़्यादा बढ़ गई है. बढ़ती ज़रूरतें पूरी करने के लिये रहने के ठिकाने मुहैया कराने की क्षमता मौजूद नहीं है.
प्रवक्ता बाबर बलोच ने टीगरे क्षेत्र में आम लोगों, विस्थापितों और सहायताकर्मियों की हालत के बारे में भी चिन्ता जताई है.
उन्होंने तमाम सम्बद्ध पक्षों से पुकार दोहराई कि जो लोग सुरक्षा और सहायता की तलाश में बेहतर स्थानों की तरफ़ जा रहे हैं, उन्हें सुरक्षित और मुक्त रास्ता दिया जाए, चाहे वो देश के भीतर ही विस्थापित हो रहे हैं या अन्तरराष्ट्रीय सीमा पार, और चाहे उनकी जातीय पृष्ठभूमि कुछ भी हो.
सुरक्षित ठिकाना व सहायता
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यों में संयोजन एजेंसी (OCHA) के अनुसार लगभग पाँच लाख लोग, मेकेल्ले में मौजूद हैं जिनमें लगभग 200 मानवीय सहायताकर्मी हैं.
एजेंसी के प्रवक्ता जेन्स लाएर्के ने कहा है कि इथियोपिया में संयुक्त राष्ट्र और उसके साझीदार संगठन इस संघर्ष से प्रभावित लोगों को सहायता मुहैया कराने के लिये मुस्तैद हैं, लेकिन इसके लिये मुक्त, सुरक्षित और आबाधित पहुँच होना बहुत ज़रूरी है.
प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी ने टीगरे, अफ़ार और अमहारा क्षेत्रों में मानवीय सहायता के ज़रूरतमन्द लगभग 20 लाख लोगों के लिये तैयारी योजना बना ली है.
संघर्ष के कारण लगभग 11 लाख अतिरिक्त लोगों को मानवीय सहायता की ज़रूरत पड़ेगी.
प्रवक्ता ने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिये लगभग 7 करोड़ 60 लाख डॉलर की रक़म की ज़रूरत होगी.