टीगरे: तोप हमलों में, सैकड़ों आम लोगों के मारे जाने की ख़बरों पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाशेलेट ने कहा है कि इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में, आम लोगों पर तोपों के हमलों और ग़ैर-लड़ाकों की सामूहिक हत्या किये जाने की ख़बरों की जाँच किया जाना ज़रूरी है, और स्वतंत्र जाँचकर्ताओं को पूरी सुविधा मिलनी चाहिये.
मिशेल बाशेलेट की मंगलवार को जारी ये अपील ऐसे समय में आई है जब इथियोपिया के उत्तरी इलाक़े में सात सप्ताहों से केन्द्रीय सरकार के सैनिकों और टीगरे जन स्वतंत्रता मंच (TPLF) के लड़ाकों के बीच संघर्ष चल रहा है जिसके कारण लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
#Ethiopia: Consistent reports of human rights violations committed by all parties to the conflict in #Tigray should be investigated. UN Human Rights Chief @mbachelet calls for unhindered humanitarian access to whole of Tigray to protect civilians. Read 👉 https://t.co/AWcuDlnhtw pic.twitter.com/VRZQ2dnrG2
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मानवाधिकार उच्चायुक्त ने मंगलवार को एक वक्तव्य में कहा, “लड़ाई जारी रहने की ख़बरें मिल रही हैं, ख़ासतौर से टीगरे के उत्तरी, मध्य और दक्षिणी इलाक़ों में.”
वक्तव्य में ये भी ध्यान दिलाया गया है कि अनेक इलाक़ों में मानवीय सहायता पहुँचने के अभाव और संचार पर लगी पाबन्दी के कारण आम लोगों के बारे में चिन्ताएँ बढ़ी हैं.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने कहा, “हमें, अन्तरराष्ट्रीय मानवीय क़ानून और मानवाधिकार क़ानून के चिन्ताजनक उल्लंघन के आरोप मिले हैं, जिनमें आबादी वाले इलाक़ों पर तोपख़ानों से हमले किये जाने, नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाने, न्यायेतर तरीक़ों से लोगों की ज़िन्दगियाँ छीनने, और बड़े पैमाने पर लूटपान होने के आरोप शामिल हैं.”
उन्होंने कहा कि वैसे तो इथियोपिया सरकार ने बार-बार आरोप लगाया है कि टीपीएलफ़ के बलों, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के उल्लंघन करने में शामिल रहे हैं, लेकिन जब तक स्वतंत्र जाँच-पड़ताल करने की सुविधा नहीं मिलती है, तब तक इन आरोपों की पुष्टि करना चुनौतीपूर्ण कार्य है.
यूएन मानवाधिकार प्रमुख ने अनेक तरह के अत्याचारों की ख़बरों का हवाला देते हुए, मुख्य रूप से पश्चिमी टीगरे के माई कादरा क़स्बे में, 9 नवम्बर को, मुख्य रूप से अमहारान्स समुदाय के कई सौ लोगों को एक साथ मार दिये जाने का आरोपों की तरफ़ भी ध्यान दिलाया है.
मिशेल बाशेलेट ने कहा, “सरकार व प्रशासन से मेरा आग्रह है कि वो इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग की प्रारम्भिक जाँच-पड़ताल के आधार पर शुरू करके, ये जानकारी हासिल करने की कोशिश करें कि वहाँ क्या हुआ है.”
उन्होंने उन ख़बरों का हवाला दिया कि जिनमें कहा गया था कि टीगरे के युवा लड़ाके उन सामूहिक हत्याओं के लिये ज़िम्मेदार थे, जिन्हें स्थानीय सुरक्षा बलों का समर्थन हासिल था.
“ये बहुत ज़रूरी है कि उस इलाक़े में अमहारान्स और टीगरेवासियों के ख़िलाफ़ मानवाधिकार उल्लंघन होने के आरोपों की जाँच-पड़ताल की जाए.”
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त ने इन ख़बरों की तरफ़ भी ध्यान दिलाया है कि अमहारा फ़ानो लड़ाकों ने मानवाधिकार उल्लंघन वाले कृत्यों को अंजाम दिया है जिनमें आम लोगों की हत्याएँ और लूटपाट शामिल हैं.
ऐसी भी अपुष्ट ख़बरें मिली हैं कि इरिट्री के सुरक्षा बल उस समय टीगरे में मौजूद थे और वो भी आम लोगों के साथ ज़्यादतियों और अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करने वाली घटनाओं में शामिल रहे हैं.
इस बीच, यूएन शरणार्थी एजेंसी -UNHCR ने टीगरे में जारी हिंसा से प्रभावित लगभग एक लाख 30 हज़ार लोगों की मदद करने के लिये, मंगलवार को, क़रीब 15 करोड़ 60 लाख डॉलर की रक़म जुटाने की अपील जारी की है.