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कोविड-19 अब भी है अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली वैश्विक स्वास्थ्य आपदा

थाईलैण्ड के नोन्थाबुरी प्रांत में एक स्वास्थ्यकर्मी एक मरीज़ के तापमान की जाँच कर रही है.
UN Women/Pathumporn Thongking
थाईलैण्ड के नोन्थाबुरी प्रांत में एक स्वास्थ्यकर्मी एक मरीज़ के तापमान की जाँच कर रही है.

कोविड-19 अब भी है अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली वैश्विक स्वास्थ्य आपदा

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की आपात समिति ने कोविड-19 महामारी के ख़िलाफ़ जवाबी कार्रवाई के लिये यूएन एजेंसी और साझीदार संगठनों की सराहना की है. साथ ही समिति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब तक एक करोड़ 70 लाख लोगों को संक्रमित करने वाला और छह लाख 50 हज़ार से अधिक लोगों की मौत का कारण बनने वाला सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट अब भी एक अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति है जो फ़िलहाल ख़त्म होती नज़र नहीं आ रही है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों (2005) के तहत 31 जुलाई को आपात समिति की चौथी बैठक बुलाई थी जिसमें कोरोनावायरस संकट से उपजी स्थिति का जायज़ा लिया गया.

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आपात समिति की बैठक के बाद शनिवार को जारी एक बयान में आने वाले दिनों में भी दुनिया के इस महामारी के चपेट में रहने की सम्भावना जताई गई है.

इसके मद्देनज़र सामुदायिक, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सतत जवाबी कार्रवाई की अहमियत को रेखांकित किया गया है. 

मौजूदा हालात पर चर्चा और तथ्यों की समीक्षा के बाद आपात समिति ने सर्वमत से सहमति जताई कि कोविड-19 अब भी अन्तरराष्ट्रीय चिन्ता वाली वैश्विक स्वास्थ्य आपदा है. यूएन एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर घेबरेयेसस ने समिति की सलाह को स्वीकार कर लिया है. 

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने शुक्रवार को आपात समिति को सम्बोधित करते हुए कहा था कि छह महीने पहले, 30 जनवरी 2020 को, आपात समिति की सिफ़ारिश पर ही अन्तरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपदा की घोषणा की गई थी. 

उस समय चीन से बाहर किसी संक्रमित की मौत नहीं हुई थी और संक्रमण के महज़ 98 मामलों की ही पुष्टि हुई थी. 

“यह वैश्विक महामारी एक सदी में एक बार आने वाला स्वास्थ्य संकट है जिसके प्रभाव आने वाले कई दशकों तक महसूस किये जाते रहेंगे.”

कुछ अध्ययनों के शुरुआती नतीजे दर्शाते हैं कि विश्व की अधिकाँश आबादी पर अब भी इस वायरस से संक्रमित होने का जोखिम मंडरा रहा है, उन इलाक़ों में भी जहाँ पहले ही व्यापक स्तर पर संक्रमण का फैलाव हो चुका है. 

समिति की सिफ़ारिशें

आपात समिति ने विश्व स्वास्थ्य संगठन और सदस्य देशों के लिये नई अनुशंसाएँ पेश की हैं. समिति ने यूएन एजेंसी से वैश्विक व क्षेत्रीय बहुपक्षीय संगठनों व साझीदार संगठनों के साथ मिलकर कोविड-19 के ख़िलाफ़ पुख़्ता जवाबी कार्रवाई को जारी रखने की सलाह दी है. 

इसके तहत तैयारियों को मज़बूत बनाना, सदस्य देशों को स्वास्थ्य प्रणालियों को जारी रखने में मदद देना, और रोग के निदान, उपचार व वैक्सीन में रीसर्च को तेज़ी से आगे बढ़ाना है. 

समिति ने देशों को सलाह दी है कि बीमारी पर क़ाबू पाने के लिये निवेश करना और देशों, व्यवसायों और जन-हितैषियों की साझा पहल COVID-19 Tools (ACT) Accelerator में शामिल होना महत्वपूर्ण है.

इसके ज़रिये कोविड-19 के निदान, उपचार व वैक्सीन के न्यासंगत वितरण को सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा. 

समिति ने देशों को सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों को मज़बूत बनाने की सलाह दी है ताकि संक्रमणों की शिनाख़्त और संक्रमितों के सम्पर्क में आए लोगों को खोजना असरदार ढँग से सुनिश्चित किया जा सके.

इसके अलावा ज़रूरत के हिसाब से उपाय लागू करने, जोखिम के अनुरूप यात्रा सम्बन्धी सलाह जारी करने और नियमित रूप से ऐसे निर्णयों की समीक्षा किये जाने को अहम बताया गया है.

सर्वश्रेष्ठ उपाय साझा करने, आम जनजीवन सफलतापूवर्क फिर से शुरू करने वाले देशों से सबक़ लेने और सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली को मज़बूत बनाने की सलाह जारी की गई है. 

समिति ने कहा है कि देशों को समय रहते यूएन एजेंसी के साथ तथ्यों, ऐहतियाती उपायों, और बीमारी के फैलाव सम्बन्धी जानकारी को साझा करते रहना होगा.