आधुनिक दासता को सभी रूपों में ख़त्म करने की सख़्त ज़रूरत

दासता अतीत की बात नहीं है, बल्कि ये आज भी दुनिया भर में कई रूपों में मौजूद है. अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन का कहना है कि दुनिया भर में लगभग 4 करोड़ लोग आज भी आधुनिक दासता के चंगुल में फँसे हुए हैं.
वैसे तो क़ानून में आधुनिक दासता को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन ये जबरन मज़दूरी, क़र्ज़ के ज़रिए किसी को बांध लेना, जबरन विवाह और मानव तस्करी जैसे हालात को बयान करने के लिए आधुनिक दासता शब्द का इस्तेमाल किया जाता है.
मुख्य रूप से आधुनिक दासता को किसी व्यक्ति के ऐसे हालात को बयान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसमें उस व्यक्ति को उसकी मर्ज़ी के बिना ज़बरदस्ती धकेल दिया जाता है. वो व्यक्ति धमकियों, हिंसा, ज़ोर-ज़बरदस्ती, धोखाधड़ी और या प्राधिकार के दुरुपयोग की वजह से उन हालात से बाहर नहीं निकल सकता.
विश्व भर में लगभग 15 करोड़ बच्चे बाल श्रम के दलदल में फँसे हैं. ये दुनिया भर में हर दस में से एक बच्चे के समान संख्या है.
आधुनिक दासता से संबंधित कुछ जानने लायक़ तथ्य इस तरह हैं -
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने जबरन मज़दूरी को ख़त्म करने के लिए वैश्विक प्रयास मज़बूत करने के इरादे से एक प्रोटोकोल तैयार किया है जो क़ानूनी रूप से बाध्य होगा. ये प्रोटोकोल नवंबर 2016 में लागू हो गया था.
साथ ही 50 for Freedom campaign नामक एक अभियान भी चलाया जा रहा है जिसका उद्देश्य कम से कम 50 देशों को जबरन मज़दूरी प्रोटोकोल को 2019 के अंत तक मंज़ूरी देने के लिए राज़ी करना है.