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वैश्विक झंझावातों के बीच 'हमारा नैतिक आधार है यूएन चार्टर'

कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की प्रतियाँ न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में प्रदर्शित कीं
UN Photo/Amanda Voisard
कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों ने संयुक्त राष्ट्र के चार्टर की प्रतियाँ न्यूयॉर्क स्थित मुख्यालय में प्रदर्शित कीं

वैश्विक झंझावातों के बीच 'हमारा नैतिक आधार है यूएन चार्टर'

यूएन मामले

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने गुरुवार, 24 अक्टूबर, को यूएन दिवस पर अपने वार्षिक संदेश में संगठन की भूमिका ध्यान दिलाते हुए कहा है कि इसे वास्तविक लोगों की वास्तविक समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर "तमाम वैश्विक झंझावातों के बीच सबका साझा नैतिक आधार” बनाना होगा. 

1945 में इसी दिन संयुक्त राष्ट्र चार्टर प्रभावी हुआ था जिसे संगठन के संस्थापक दस्तावेज़ के रूप में देखा जाता है. इस चार्टर पर हस्ताक्षर करने वाले देशों ने बहुमत से उस पर मुहर लगाई जिनमें सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य भी शामिल थे. उस चार्टर के प्रभावी होने के बाद ही संयुक्त राष्ट्र अस्तित्व में आया और यह दिवस उसी की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है.

24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में 1948 से मनाया जाता रहा है. वर्ष 1971 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अनुशंसा की थी कि सदस्य देशों को इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित कर देना चाहिए.

अपने संदेश में यूएन प्रमुख ने कहा कि, “हम निष्पक्ष वैश्वीकरण और निडर जलवायु कार्रवाई के लिए काम कर रहे हैं. हम मानवाधिकारों और लैंगिक समानता के लिए प्रयास कर रहे हैं –और किसी भी प्रकार की नफ़रत को ना कहने के लिए भी. सशस्त्र संघर्षों में फंसे लाखों लोगों के लिए जीवनरक्षक सहायता लाते हुए हम शांति बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं.”

यूएन दिवस पर संयुक्त राष्ट्र महासभा हॉल में एक संगीत समारोह का आयोजन किया जाएगा जिसका सीधा प्रसारण किया जाएगा.

साथ ही यह कार्यक्रम यूएन वेबटीवी पर ऑन डिमांड भी उपलब्ध होगा. इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) के पेरिस मुख्यालय में भी टिकाऊ शहरों पर सम्मेलन सहित अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

अपने वीडियो संदेश में यूएन महासचिव ने अगले वर्ष संगठन की 75वीं वर्षगांठ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे भविष्य को एक साथ मिलकर आकार देने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर होगा.

संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ पर कार्यक्रमों की शुरुआत जनवरी 2020 में होगी जिसके तहत दुनिया भर में संवाद का आयोजन होगा और वैश्विक स्तर पर लोगों के पास बातचीत में हिस्सा लेने का मौक़ा होगा.

इसका मुख्य उद्देश्य सभी के लिए भविष्य के निर्माण में वैश्विक सहयोग की भूमिका पर विमर्श करने और लोगों की हिस्सेदारी सुनिश्चित करना है.