‘यमन के लिए बेहद अंधकारपूर्ण समय’
यमन में संयुक्त राष्ट्र मानवीय समन्वयक लिज़े ग्रान्डे ने रविवार को धमर शहर में घातक हवाई बमबारी को एक भयावह घटना क़रार दिया है. इस बमबारी में बड़ी संख्या में बंदियों के मारे जाने पर शोक जताते हुए उन्होंने कहा कि यमन के लिए यह एक अंधकार भरा समय है. हाल के दिनों में यमन में लड़ाई और दक्षिणी हिस्से में बमबारी में तेज़ी आई है जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग हताहत हुए हैं.
रविवार को हवाई बमबारी में धमर शहर के बाहरी हिस्से में पहले कभी सामुदायिक कॉलेज रही एक इमारत निशाना बनी. रिपोर्टों के अनुसार इसका इस्तेमाल एक हिरासत केंद्र के रूप में किया जा रहा था जहां 170 बंदियों को रखा गया था.
यमन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने मृतकों में 52 बंदियों के होने की पुष्टि की है जबकि 68 अब भी लापता बताए जा रहे हैं. बचाव प्रयासों को तेज़ किए जाने के बीच हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका भी जताई गई है.
इलाक़े में लगातार बमबारी के बीच फ़ौरी तौर पर राहत पहुंचाने वाले राहतकर्मियों को पहुंचने में मुश्किलें पेश आ रही हैं. कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है और उन्हें जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है.
यमन में महासचिव के विशेष दूत मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि “आज की यह घटना एक त्रासदी है. इस युद्ध की मानवीय क़ीमत असहनीय है. हमें इसे रोकने की ज़रूरत है. यमन को एक शांतिपूर्ण भविष्य की आवश्यकता है. आज की यह त्रासदी हमें ध्यान दिलाती है कि यमन अब और इंतज़ार नहीं कर सकता. मुझे उम्मीद है कि गठबंधन इस घटना की जांच करेगा. जवाबदेही तय की जानी होगी.”
लिज़े ग्रान्डे ने राहत प्रयासों पर जानकारी देते हुए बताया कि मानवीय राहत संगठन मेडिकल राहत सामग्री धमार जनरल अस्पताल और माबेर अस्पताल में पहुंचा रहे हैं. तत्काल ज़रूरत को पूरा करने के लिए हैज़ा के लिए रखी गई आपूर्ति को इस घटना में हताहत लोगों के लिए लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है. “हमारे पास और कोई चारा नहीं है.”
चंद दिन पहले ही यमन में हालात को बेहद नाज़ुक बताया था और सुरक्षा परिषद को सचेत किया था कि फंडिंग के अभाव में कई स्वास्थ्य कार्यक्रमों को निकट भविष्य में रोकना पड़ सकता है.
यमन को दुनिय़ा के सबसे ख़राब मानवीय संकटों के रूप में देखा जाता है – कुल जनसंख्या का 80 फ़ीसदी हिस्सा (2.4 करोड़) किसी न किसी रूप में मानवीय मदद और संरक्षण पर निर्भर है.
यमन में मानवीय राहत योजना के तहत वर्ष 2019 में 2 करोड़ से ज़्यादा लोगों की सहायता के लिए 4.2 अरब डॉलर की आवश्यकता है - इनमे एक करोड़ वो लोग भी शामिल हैं जो हर महीने अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह से मानवीय सहायता पर निर्भर हैं. फ़िलहाल इस योजना को कुल ज़रूरत का महज़ 34 प्रतिशत धन ही उपलब्ध हो पाया है.
फ़रवरी में मानवीय संकट के लिए एक उच्च-स्तरीय संकल्प सम्मेलन में यमन में तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए 2.6 अरब डॉलर का वादा किया गया था लेकिन अभी तक आधे से कम राशि ही प्राप्त हुई है.