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बेहतर जीवनशैली अपनाकर बचा जा सकता है डिमेंशिया से

क्रोएशिया में साइकिल चलाती एक वृद्ध महिला. नई गाइडलाइंस में नियमित व्यायाम पर ज़ोर दिया गया है.
World Bank/Miso Lisanin
क्रोएशिया में साइकिल चलाती एक वृद्ध महिला. नई गाइडलाइंस में नियमित व्यायाम पर ज़ोर दिया गया है.

बेहतर जीवनशैली अपनाकर बचा जा सकता है डिमेंशिया से

स्वास्थ्य

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर जैसे नियमित व्यायाम करने, कम मात्रा में शराब और सिगरेट पीने से डिमेंशिया (मनोभ्रम) के जोखिम को कम किया जा सकता है. डिमेंशिया एक सिंड्रोम है जिससे मरीज़ की याददाश्त बिगड़ने के साथ उसके व्यवहार में बदलाव देखने को मिलते हैं और रोज़मर्रा के काम करने में मुश्किलें पेश आती हैं.

दुनिया भर में पांच करोड़ से अधिक लोग डिमेंशिया से पीड़ित हैं और हर साल इस दिमागी बीमारी के एक करोड़ नए मामले सामने आते हैं.  मरीज़ों की संख्या लगातार बढ़ने से कई देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों पर बोझ भी बढ़ रहा है.

कुछ अनुमानों के अनुसार अगले 30 सालों में डिमेंशिया के मरीज़ों की संख्या में तीन गुना बढ़ोत्तरी हो सकती है जो एक चिंता का विषय है.

डिमेंशिया की चुनौती से निपटने के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं ताकि सरकारों और स्वास्थ्यकर्मियों को राष्ट्रीय नीतियां तैयार करने में मदद मिल सके.

संगठन के महानिदेशक  टेड्रोस  अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा है कि डिमेंशिया के ख़तरे को कम करने के लिए जो कुछ भी हो सके उसे किए जाने की आवश्यकता है. “इन गाइडलाइंस के लिए जिन वैज्ञानिक तथ्यों को जुटाया गया उनसे हमारे संशयों की पुष्टि होती है: जो हमारे ह्रदय के लिए अच्छा है वह हमारे मस्तिष्क के लिए भी अच्छा है.”

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की ओर से जारी नए दिशानिर्देशों के अनुसार डिमेंशिया होने के जोखिम को कम करने के लिए जीवनशैली में जो बदलाव लाए जा सकते हैं उनमें वज़न पर नियंत्रण करना, सेहतमंद खाना, उचित रक्तचाप बनाए रखना और कोलेस्ट्रोल और खून में शुगर की मात्रा को सही रखना है.

पिछले साल यूएन एजेंसी ने एक व्यापक और बहुक्षेत्रीय सार्वजनिक योजना विकसित करने के लिए बोस्निया और हर्त्ज़ेगोविना, क्रोएशिया, क़तर, स्लोवेनिया और श्रीलंका की मदद की थी.

संगठन ने डिमेंशिया के विरूद्ध लड़ाई में अपनी वैश्विक कार्ययोजना में जिन बिंदुओं का उल्लेख किया है जीवनशैली से जुड़े जोखिमों को कम करना उन्हीं का हिस्सा है.

अन्य उपायों में रोग की पहचान की प्रक्रिया को मज़ूबत करना, उसका सही उपचार करना और मरीज़ की देखभाल करना है. डिमेंशिया से पीड़ित लोगों की देखभाल करने वाले लोगों के लिए ऑनलाइल सेवा उपलब्ध कराने पर ख़ास ज़ोर दिया गया है.

मानसिक स्वास्थ्य विभाग में निदेशक डॉ डेवोरो केस्टेल ने बताया कि “डिमेंशिया मरीज़ों की देखभाल करने वाले आमतौर पर परिजन होते हैं जिन्हें अपने प्रियजनों की देखभाल के लिए कामकाजी जीवन और पारिवारिक जीवन में बड़े बदलाव करने पड़ते हैं.”

“इसीलिए संगठन ने iSupport शुरू किया है...यह एक ऑनलाइन ट्रेनिंग कार्यक्रम है जिसके ज़रिए डिमेंशिया मरीज़ों की देखभाल कर रहे लोगों को ज़रूरी सलाह प्रदान की जाती है और बताया जाता है कि मरीज़ों के व्यवहार में बदलावों के अलावा अपनी सेहत का भी कैसे ख़्याल रखा जाए.”