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वेनेज़्वेला शरणार्थियों पर छिटपुट हमलों के ख़िलाफ़ 'एकजुटता की ज़रूरत'

शरण की तलाश में पेरू के शिविर में रह रहे दो बच्चे.
UNHCR/Elisabet Diaz Sanmartin
शरण की तलाश में पेरू के शिविर में रह रहे दो बच्चे.

वेनेज़्वेला शरणार्थियों पर छिटपुट हमलों के ख़िलाफ़ 'एकजुटता की ज़रूरत'

प्रवासी और शरणार्थी

पड़ोसी देशों में शरण ले रहे वेनेज़्वेला के लोगों के ख़िलाफ हमलों और नफ़रत भरे भाषणों की निंदा एकुजट होकर स्पष्ट और कड़े संदेश के ज़रिए की जानी चाहिए. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (UNHCR) और यूएन प्रवासन एजेंसी (IOM) के संयुक्त विशेष प्रतिनिधि ने यह बात कही है. 

वेनेज़्वेला से आए शरणार्थियों और प्रवासियों के लिए विशेष प्रतिनिधि एडुअर्डो श्टाइन की ओर यह बयान सुरक्षा परिषद की शनिवार को उस बैठक के बाद आया है जिसमें वेनेज़्वेला के राजनीतिक संकट की चर्चा की गई थी. विपक्षी नेता जुआन ग्वाइदो ने 23 जनवरी को अंतरिम तौर पर स्वयं को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. 

बिना किसी देश का नाम लिए ग्वाटेमाला के पूर्व उपराष्ट्रपति श्टाइन ने कहा, "हमले छिटपुट तौर पर ही हुए हैं लेकिन नफ़रत, असहिष्णुता और विदेशियों के ख़िलाफ़ डर को प्रदर्शित करते ये हमले चिंताजनक हैं."

"नस्लवाद, स्त्री द्वेष और विदेशियों के ख़िलाफ़ डर का हमारे देशों में कोई स्थान नहीं है और इसकी पुरज़ोर ढंग से निंदा की जानी चाहिए." इससे पहले नवंबर 2018 में श्टाइन ने आगाह किया था कि वेनेज़्वेला के पड़ोंसी देशों के लिए शरण मांग रहे लोगों  का इंतज़ाम करना मुश्किल होता जा रहा है.

राय बनाने में भूमिका निभाने वाले और राजनीतिक नेताओं से उन्होंने शांति, न्याय और संयम की अपील करने का आग्रह किया. पारंपरिक और इंटरनेट मीडिया में ज़िम्मेदार समाचार कवरेज की अहमियत को भी उन्होंने ध्यान दिलाया है.

"मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों को ज़िम्मेदारी से तथ्यों के साथ अपनी बातें रखनी चाहिए. शरणार्थियों के ख़िलाफ़ होने वाले हमलों और विदेशियों के प्रति नफ़रत फैलाने वाले रवैयों से बचा जाना चाहिए."

श्टाइन को पिछले साल सितंबर में नियुक्त किया गया था और उनका काम संवाद और आम सहमति का निर्माण करना है. "संवाद, एकजुटता, न्याय, सहअस्तित्व और विविधता के प्रति आदर के ज़रिए ही हम क्षेत्र में उभर रही चुनौतियों का सामना कर सकते हैं."

यूएन शरणार्थी एजेंसी और प्रवासन एजेंसी के अनुमानों के मुताबिक़ हज़ारों लोग वेनेज़्वेला छोड़ कर जा रहे हैं. अर्थव्यवस्था ढह रही है और राजनीतिक उठापठक के चलते देश में बुरे हालात हैं जिससे मानवीय संकट पैदा हो गया है. 

2015 से अब तक तीस लाख नागरिक वेनेज़्वेला छोड़ कर जा चुके हैं जिनमें से करीब 24 लाख लोगों  ने पड़ोसी देशों में शरण ले रखी है. कोलंबिया में दस लाख लोग रह रहे हैं जबकि पेरू में पांच लाख, इक्वाडोर में दो लाख से ज़्यादा, अर्जेंटीना में सवा लाख और चिली और ब्राज़ील में लगभग एक-एक लाख लोग हैं. 

दक्षिण अमेरिकी देशों के अलावा मध्य अमेरिका और कैरिबियाई देशों में भी शरणार्थी और प्रवासी पहुंच रहे हैं. पनामा में इस समय 94 हज़ार वेनेज़्वेला के नागरिक हैं.

दक्षिण अमेरिकी देशों के इतिहास में सबसे बड़े विस्थापन के चलते पिछले साल यूएन एजेंसियों ने क्षेत्रीय पहल की थी ताकि वेनेज़्वेला से आने वाले लोगों के राहत कार्य में पड़ोसी देशों की मदद की जा सके.

इस पहल में वे सभी संगठन शामिल हो सकते हैं जो वेनेज़्वेला के शरणार्थियों और प्रवासियों की मदद करने की क्षमता रखते हैं. इसमें 30 सदस्य संगठन हैं जिनमें अमेरिकी एजेंसियां और ग़ैर सरकारी संगठन शामिल हैं.