लघु द्वीपीय विकासशील देश: सहनसक्षम समृद्धि के लिए, हरसम्भव क़दम उठाने का आहवान
लघु द्वीपीय विकासशील देशों (Small Island Developing States) के नेतागण, इस सप्ताहांत कैरीबियाई क्षेत्र में स्थित देश एंटीगुआ एंड बरबूडा में आयोजित एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए एकत्र हो रहे हैं, जिसका लक्ष्य टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने व सहनसक्षमता निर्माण के लिए एक साहसिक, नई योजना को आकार देना है.
एंटीगुआ एंड बरबूडा की राजधानी सेंट जॉन्स में लघु द्वीपीय विकासशील देशों पर चौथा अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन (SIDS4) में 24-27 मई के दौरान देशों की सरकारों, संयुक्त राष्ट्र, नागरिक समाज, निजी सैक्टर के प्रतिनिधि और युवजन शिरकत करेंगे.
इस दौरान विचारों को कार्रवाई में बदलने, समर्थन के लिए नए सकंल्प व्यक्त करने और उन अहम चुनौतियों पर चर्चा की जाएगी, जिनसे नाज़ुक हालात का सामना करने वाले देश जूझ रहे हैं.
विश्व में कुल 39 लघु द्वीपीय विकासशील देश (Small Island Developing States/SIDS) हैं. इस सम्मेलन की मेज़बानी कर रहे एंटीगुआ एंड बरबूडा से लेकर दक्षिणी प्रशान्त महासागर क्षेत्र में स्थित वानुआतू तक.
वर्ष 1992 में पर्यावरण एवं विकास पर आयोजित यूएन सम्मेलन (पृथ्वी शिखर बैठक) के दौरान SIDS देशों के इस समूह के लिए विशेष रूप से समर्थन व्यक्त किया गया था.
ये देश कुछ ऐसे इलाक़ों में स्थित हैं जोकि प्राकृतिक आपदाओं की दृष्टि से सम्वेदनशील हैं, समुद्री जलस्तर बढ़ने, जलवायु व्यवधानों का जोखिम है.
उनके घरेलू बाज़ार का आकार छोटा है और वे आर्थिक झटकों व मन्दी के प्रति सम्वेदनशील हैं. उनकी अन्य चुनौतियों में तेज़ी से बढ़ती आबादी भी है, जिससे बुनियादी सेवाओं और रोज़गार उपलब्धता पर दबाव बढ़ रहा है.
और यह ऐसे समय में हो रहा है जब जलवायु परिवर्तन और नाज़ुक पर्यावरणीय स्थिति के कारण वे पहले ही मुश्किलों से जूझ रहे हैं.
अनेक SIDS देशों के पास प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं का सामना करने के लिए पर्याप्त सहनसक्षमता का अभाव है. इस सम्मेलन के मेज़बान देश, एंटीगुआ एंड बरबूडा में 2017 में चक्रवाती तूफ़ान इरमा और मारिया से बर्बादी हुई थी.
अस्तित्व पर जोखिम
देश के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में बताया कि इन आपदाओं की वजह से अर्थव्यवस्थाएँ तबाह हो रही हैं, बुनियादी ढाँचे को क्षति और लोगों के घरों, इमारतों को नुक़सान पहुँच रहा है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वैश्विक तापमान में वृद्धि को रोकने के लिए वैश्विक स्तर पर सहयोग की आवश्यकता है और इसके ज़रिये ही SIDS देशों के लिए आने वाले दशकों में बचना सम्भव होगा.
उनके समक्ष मौजूद अन्य चुनौतियों में आयात की ऊँची क़ीमत, निर्यात की लागत, सीमित प्राकृतिक संसाधन, जनसंख्या घनत्व है, जोकि वैश्विक औसत की तुलना में कहीं अधिक है. इसके अलावा, कर्ज़ का बोझ अधिक है और कम क़ीमत पर उधार लेने के लिए सीमित अवसर हैं.
वर्ष 2014 में SIDS देशों ने कार्रवाई के लिए ‘SAMOA Pathway’ पर सहमति बनाई थी, जिससे तहत भूमिबद्ध विकासशील देशों, अल्प विकसित देशों के हितों पर केन्द्रित यूएन निकाय में लघु द्वीपीय विकासशील देशों को भी शामिल कर लिया गया.
वादे पूरे करने का समय
अल्प विकसित देशों, भूमिबद्ध विकासशील देशों और लघु द्वीपीय विकासशील देशों के लिए उच्च प्रतिनिधि और यूएन अवर महासचिव रबाब फ़ातिमा ने यूएन न्यूज़ को बताया कि यह सम्मेलन एक साहसिक नई योजना को आकार देगा.
इससे 39 SIDS देशों में विस्व की सबसे कठिन चुनौतियों से निपटने और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने बताया कि एक कार्रवाई कार्यक्रम के इर्दगिर्द आम सहमति बन चुकी है, जिसे फिर प्रतिनिधि एंटीगा एंड बारबूडा सम्मेलन समाप्त होने पर अपने देशों की राजधानी में लेकर जाएंगे.
इस नए एजेंडा के ज़रिये आने वाले दशकों में लघु द्वीपीय विकासशील देशों की सतत विकास सम्बन्धी आकाँक्षाओं को पूरा करने का पथ तैयार किया जाएगा.
![सेंट विन्सेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में स्थानीय किसान, विश्व खाद्य कार्यक्रम समर्थित एक सरकारी परियोजना के ज़रिये अपने घरों में सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं. सेंट विन्सेंट एंड द ग्रेनेडीन्स में स्थानीय किसान, विश्व खाद्य कार्यक्रम समर्थित एक सरकारी परियोजना के ज़रिये अपने घरों में सब्ज़ियाँ उगा रहे हैं.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/Embargoed/06-03-2024-WFP-St-Vincent.jpg/image1170x530cropped.jpg)
नए सिरे से संकल्प
यूएन अवर महासचिव और SIDS4 सम्मेलन के लिए विशेष सलाहकार रबाब फ़ातिमा ने कहा कि हम वहाँ सहनसक्षमता निर्माण और समृद्धि को प्रोत्साहन देने के लिए नए सिरे से संकल्प व्यक्त करने के लिए जा रहे हैं.
उनके अनुसार, हर किसी के द्वारा हरसम्भव प्रयास किए जाने की ज़रूरत है: ग़ैर-सरकारी संगठन, नागरिक समाज, सरकार और निजी सैक्टर, सभी की एक भूमिका है.
अवर महासचिव ने बताया कि नई रणनीति से सहनसक्षमता विकसित होगी, जलवायु कार्रवाई का स्तर बढ़ाया जा सकेगा, सुरक्षित व स्वस्थ समाज़ों को मज़बूती मिलेगी, आपदा जोखिम न्यूनीकरण को मुख्यधारा में लाया जाएगा, और विज्ञान, टैक्नॉलॉजी, नवाचार व डिजिटलीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा.
इस क्रम में, उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से और अधिक समर्थन का आहवान किया है.
जलवायु परिवर्तन से लड़ाई
रबाब फ़ातिमा ने कहा कि लघु द्वीपीय देश जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाने और नवीकरणीय ऊर्जा की दिशा में बढ़ने के लिए महत्वाकाँक्षी लक्ष्य स्थापित करने में अग्रिम मोर्चे पर हैं.
अनेक देशों ने वर्ष 2030 तक 100 प्रतिशत ऊर्जा उत्पादन को नवीकरणीय स्रोतों से पूरा करने का संकल्प व रोडमैप तैयार किया है, जिनमें सोलोमन आईलैंड्स, वानुआतू और एंटीगा एंड बारबूडा हैं.
वहीं प्रशान्त क्षेत्र में फ़िजी, समोआ, टोंगा समेत अन्य देशों ने सौर, पवन और जलविद्युत परियोजनाओं में बड़ा निवेश किया है, जिसके लिए एशियाई विकास बैन्क समेत अन्य वित्तीय संस्थानों से सहायता मिली है.
जमाइका और ग्रेनाडा में छतों पर सौर ऊर्जा पर काम जारी है और साथ ही, पवन चक्की व अन्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है.
![तिमोर लेस्ते में एक महिला एक मैनग्रोव में नमक उपजा रही है. तिमोर लेस्ते में एक महिला एक मैनग्रोव में नमक उपजा रही है.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/UNHCR/Embargoed%202/12-07-2021_UNDP_Timor-Leste.jpg/image1170x530cropped.jpg)
आशंका से, उम्मीद तक
तो फिर, एंटीगुआ एंड बरबूडा में SIDS4 सम्मेलन से क्या उम्मीदें की जा सकती हैं?
यूएन अवर महासचिव रबाब फ़ातिमा के अनुसार, टिकाऊ विकास पर वैश्विक एजेंडा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ, उन्हें आशा है कि यह सम्मेलन बेहतर बदलाव के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा.
उन्होंने इन देशों के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस कार्रवाई योजना तैयार किए जाने और अन्तरराष्ट्रीय संगठनों, विकास साझेदारों, नागरिक समाज व लघु द्वीपीय विकासशील देशों के बीच साझेदारी को मज़बूती देने का आहवान किया.
इसके अलावा, SIDS को समर्थन प्रदान करने वाले देशों व संगठनों से वित्तीय समर्थन, तकनीकी सहायता व क्षमता निर्माण के इरादे से नीतिगत संकल्पों की उम्मीद है.
उन्होंने उम्मीद जताई कि SIDS अपने विकास की ज़िम्मेदारी सम्भालने के लिए सशक्त होंगे और उन्हें वे औज़ार व समर्थन दिया जाएगा, जिससे इन योजनाओं को कार्रवाई में बदला जा सकेगा.
![मॉरिशस के एक फ़ोटोवोल्टिक फ़ार्म में एक कर्मचारी, सौर ऊर्जा पैनल की देखरेख कर रहा है. मॉरिशस के एक फ़ोटोवोल्टिक फ़ार्म में एक कर्मचारी, सौर ऊर्जा पैनल की देखरेख कर रहा है.](https://global.unitednations.entermediadb.net/assets/mediadb/services/module/asset/downloads/preset/Collections/UNHCR/Embargoed%202/13-07-2021-UNDP-Mauritius-renewable-energy.jpg/image1170x530cropped.jpg)
यूएन न्यूज़ की टीम, इस सम्मेलन में आपको बिल्कुल पहली क़तार में बिठाने के लिए एंटीगुआ और बरबूडा की राजधानी सेंट जॉन्स में मौजूद रहेगी. आप अपने मोबाइल फ़ोन या कम्प्यूटर से ही, इस सम्मेलन के तमाम कार्यक्रमों और चर्चाओं पर नज़र रख सकते हैं. आप SIDS4 में शिरकत करने वाले प्रतिनिधियों को एक सर्वसम्मत, विषय केन्द्रित, भविष्योन्मुखी और कार्रवाई-केन्द्रित राजनैतिक परिणाम वाले दस्तावेज़ पर काम करते हुए देख सकते हैं.