कोविड-19: एक सप्ताह में, कुल संक्रमण मामलों के 46 फ़ीसदी भारत में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का विश्लेषण दर्शाता है कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद से संक्रमण के अब तक पुष्ट मामले, अपने उच्चतम स्तर पर लगातार दूसरे सप्ताह बरक़रार है. पिछले सात दिनों में, संक्रमण के 53 लाख नए मामले दर्ज किये गए हैं जिनमे से लगभग 46 प्रतिशत मामले भारत में सामने आए हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुताबिक़ पिछले 9 सप्ताहों से, कोविड-19 मामलों में निरन्तर बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है, जबकि मृतक संख्या में लगातार सात हफ़्तों से वृद्धि जारी है.
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दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में स्थित देशों में सामने आ रहे कुल मामलों में 90 फ़ीसदी की पुष्टि भारत में हो रही है.
पिछले सप्ताह, दुनिया भर में कोरोनावायरस संक्रमण के कुल जितने मामले दर्ज किये गए, उनमें से 46 प्रतिशत भारत से थे.
जबकि संक्रमण से हुई कुल मौतों में से, एक चौथाई भारत में हुईं.
यूएन एजेंसी के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में, पिछले एक सप्ताह में, संक्रमण के 27 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है और 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
कोरोनावायरस संक्रमण मामलों में हुई बढ़ोत्तरी के रुझान की वजह, भारत में कोविड-19 का तेज़ी से फैलना बताया गया है, मगर नेपाल व श्रीलंका सहित अन्य देशों में भी काफ़ी ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं.
इस क्षेत्र में स्थित 10 देशों में इस सप्ताह, संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं और इनमें से आठ देशों में संक्रमण मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है.
भारत में सबसे बड़ी संख्या - 25 लाख 97 हज़ार संक्रमण मामलों की पुष्टि हुई है, जबकि इण्डोनेशिया में यह आँकड़ा 36 हज़ार और नेपाल में 31 हज़ार है.
पिछले सात दिनों में सबसे अधिक - 23 हज़ार से अधिक मौतें, भारत में हुई हैं. एक सप्ताह के दौरान अन्य देशों में मृतक संख्या इण्डोनेशिया में 1 हज़ार 152 और बांग्लादेश में 558 है.
समय-पूर्व चेतावनी हब
विश्वव्यापी महामारियों पर क़ाबू पाने के लिये जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक अन्तरराष्ट्रीय हब तैयार किया गया है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को बताया कि इस हब का उद्देश्य, भावी वैश्विक स्वास्थ्य ख़तरों से लड़ाई में बेहतर तैयारी व पारदर्शिता सुनिश्चित करना है.
महामारी सम्बन्धी जानकारी, आँकड़ों, निगरानी व अभिनव विश्लेषण को सम्भव बनाने वाले इस हब को, जर्मन सरकार का समर्थन प्राप्त है.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख टैड्रॉस एडहेनॉम घेबेरेयसस ने देशों के बीच ज़्यादा सहयोग व सूचनाएँ साझा किये जाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है.
उन्होंने आशंका जताई कि आने वाले समय में नए वैश्विक स्वास्थ्य ख़तरों का जोखिम है.
एक सुपर-कम्प्युटर की मदद से महामारियों का अनुमान लगाने, उनकी रोकथाम व तैयारी करने और दुनिया भर में जवाबी कार्रवाई को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.