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कोविड-19 पर पार पाने में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की भूमिका ‘बेहद अहम’

जिनीवा में एक प्रैस वार्ता के दौरान यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएं) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस.
UN Photo/Jean-Marc Ferré
जिनीवा में एक प्रैस वार्ता के दौरान यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएं) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस.

कोविड-19 पर पार पाने में यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की भूमिका ‘बेहद अहम’

स्वास्थ्य

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने बुधवार को कहा है कि मौजूदा समय में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को दुनिया भर में समर्थन सुनिश्चित किया जाना ज़रूरी है. यूएन प्रमुख ने कहा कि अपनी स्थापना से ही यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने अनेक मौक़ों पर बहुपक्षीय कार्रवाईयों का नेतृत्व किया है और विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से निपटने में भी उसकी भूमिका बेहद अहम है.  

यूएन महासचिव ने कोविड-19 महामारी को उन ख़तरनाक चुनौतियों में से एक बताया है जिसका सामना दुनिया हमारे जीवनकाल में कर रही है.

“इन सबसे इतर यह एक मानवीय सकंट है जिसके बेहद गंभीर स्वास्थ्य और सामाजिक-आर्थिक नतीजे होंगे.”

यूएन प्रमुख ने ध्यान दिलाया कि हज़ारों की संख्या में यूएन एजेंसी के कर्मचारी वास्तविक परिस्थितियों में काम कर रहे हैं, अग्रिम मोर्चों पर वायरस के ख़िलाफ़ लड़ाई में जुटे हैं, सदस्य देशों को समर्थन दे रहे हैं और बेहद नाज़ुक हालात में रहने के लिए मजबूर लोगों की सेवा कर रहे हैं. उन्हें इस ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए यूएन एजेंसी से दिशानिर्देश, ट्रेनिंग, उपकरण और ठोस जीवन-रक्षक सहायता मिल रही है. 

“मैंने प्रत्यक्ष तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्टाफ़ के साहस और संकल्प को तब महसूस किया जब मैंने पिछले साल कॉंगो लोकतांत्रिक गणराज्य का दौरा किया. वहाँ यूएन एजेंसी का स्टाफ़ बेहद जोखिम भरी और ख़तरनाक परिस्थितियों में दूरदराज़ के इलाक़ों में घातक इबोला वायरस के ख़िलाफ़ काम कर रहा है.” 

उन्होंने कहा कि हाल के महीनों में इबोला का कोई नया मामला सामने नहीं आया है और यह विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए एक शानदार सफलता है. 

अभूतपूर्व वायरस

“हमारे जीवनकाल में यह वायरस अभूतपूर्व है और इससे निपटने के लिए अभूतपूर्व कार्रवाई की ज़रूरत है.”

उन्होंने कहा कि एक जैसे तथ्यों से अलग-अलग संस्थाओं द्वारा अलग-अलग निष्कर्ष निकाला जाना संभव है. 

यूएन प्रमुख ने भरोसा दिलाया कि जब दुनिया इस महामारी को क़ाबू में कर लेगी तो वह समय भी आएगा जब यह पता लगाया जाना होगा कि किस तरह यह बीमारी उभरी और दुनिया भर में इससे इतनी जल्दी तबाही कैसे फैल गई, और जो पक्ष इससे निपटने की कार्रवाई में शामिल थे उन्होंने किस तरह से क़दम उठाए. 

“जो सबक़ सीखे जाएंगे वो ऐसी ही अन्य चुनौतियों से असरदार ढंग से निपटने के लिए ज़रूरी होंगे, जो भविष्य में उभर सकते हैं.”

उन्होंने कहा कि लेकिन फ़िलहाल यह वो समय नहीं है. “यह समय एकता के लिए है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के एकजुट होकर साथ मिलकर काम करने के लिए ताकि वायरस और उसके स्तब्धकारी नतीजों को रोका जा सके.”