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कोविड-19: निर्धन देशों की मदद के लिए ज़्यादा प्रयासों की दरकार

अफ़्रीका में संक्रमण के 10 हज़ार मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 500 लोगों की मौत हुई है.
WHO Africa
अफ़्रीका में संक्रमण के 10 हज़ार मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 500 लोगों की मौत हुई है.

कोविड-19: निर्धन देशों की मदद के लिए ज़्यादा प्रयासों की दरकार

स्वास्थ्य

विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के संक्रमण का पहला मामला दिसंबर 2019 में चीन के वूहान शहर में पता चलने के बाद गुरुवार, 9 अप्रैल को महामारी के 100 दिन पूरे हो गए. विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने इस बीमारी की व्यापकता को रेखांकित करते हुए कहा है कि अब तक दुनिया भर में 14 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और पर्याप्त कार्रवाई के अभाव में निर्धन देशों में भारी तबाही होने की आशंका है.   

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख टैड्रोस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा कि हम हरसंभव प्रयास के लिए संकल्पित हैं ताकि ऐसा होने से रोका जा सके. 

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लेकिन अनेक देशों में वायरस पर नियंत्रण करने की अवधि समाप्त होती जा रही है. कोविड-19 संक्रमण के 14 लाख 36 हज़ार मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 85 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है. 

अफ़्रीका में संक्रमण के मामले अपेक्षाकृत रूप से अब भी कम है लेकिन वे तेज़ी से बढ़ रहे हैं.

एजेंसी के महानिदेशक ने कहा कि यह बीमारी इन्फ़्लुएंज़ा से दस गुना ज़्यादा घातक है और इसकी रोकथाम के लिए सरकार व समाज के स्तर पर पूर्ण रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है. 

दुनिया भर में जिस तेज़ी से वायरस फैला है उससे स्वास्थ्य प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ा है, विश्व अर्थव्यवस्था में व्यवधान आया है और सामाजिक जीवन व्यापक तौर पर प्रभावित हुआ है. 

उन्होंने कहा कि जनवरी 2020 में कोरोनावायरस को अंतरराष्ट्रीय चिंता वाली स्वास्थ्य एमरजेंसी घोषित किए जाने के पीछे एक बड़ा कारण देशों व समुदायों को तैयारी का समय देना था. 

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की तकनीकी रणनीति पर अपडेट को प्रकाशित किए जाने की घोषणा की है जिसे कार्रवाई के अगले चरण में इस्तेमाल किया जाएगा.

यही यूएन एजेंसी की रणनीतिक तैयारी और कार्रवाई के लिए योजना (Strategic Preparedness and Response Plan) के उस दूसरे चरण को आधार प्रदान करेगा जिसे अगले कुछ दिनों में जारी किया जाना है. 

कोरोनावायरस की वैक्सीन पर रिसर्च का काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.
UN Photo/Loey Felipe
कोरोनावायरस की वैक्सीन पर रिसर्च का काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.

 

“इस साल के शुरू में पहली बार इस वायरस का पता चलने के बाद से अब तक हमें इस नए वायरस के बारे में काफ़ी कुछ पता चल चुका है.”

इस अपडेट में उन निम्न और मध्य आय वाले देशों में हालात पर ध्यान केंद्रित किया गया है जहां मौजूदा स्वास्थ्य प्रणालियां कमज़ोर हैं, विशेषकर वे देश जो हिंसा और विस्थापन से प्रभावित हैं. 

इस अपडेट में पॉंच अहम लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित किया गया है: 

- सभी सैक्टरों व समुदायों को संगठित करना
- छिटपुट मामलों व क्लस्टर्स पर क़ाबू करना और सामुदायिक फैलाव को रोकना 
- सामुदायिक फैलाव होने पर उस पर तेज़ी से नियंत्रण पाना
- उपयुक्त देखभाल के ज़रिए मृत्यु दर घटाना
- सुरक्षित और असरदार वैक्सीन व उपचार विकसित करना

यूएन एजेंसी के मुताबिक सदस्य देशों को इन लक्ष्यों को समर्थन देना होगा और इसके लिए ज़रूरी है कि आवश्यकतानुसार संक्रमण के हर संदिग्ध मामले को ढूंढा जाए, परीक्षण हो, संक्रमण की पुष्टि के बाद मरीज़ के संपर्क में आए लोगों का पता लगाया जाए और उन्हें अलग रखा जाए. 

अंतरराष्ट्रीय सहयोग अहम

अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कमज़ोर स्वास्थ्य प्रणालियों वाले देशों में क्षमता निर्माण में मदद देनी होगी, महामारी का विश्लेषण उपलब्ध कराना होगा, वैश्विक आपूर्ति श्रंखला में समन्वय सुनिश्चित करना होगा और तकनीकी मदद के साथ-साथ स्वास्थकर्मियों को संगठित करना होगा. 

उन्होंने कहा कि रणनीतिक तैयारी और कार्रवाई के लिए (Strategic Preparedness and Response Plan) विश्व स्वास्थ्य संगठन की दूसरी योजना में संसाधनों की आवश्यकता का अनुमान लगाया जाएगा. 

कोविड-19 के ख़िलाफ़ कार्रवाई के अगले चरण में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियाँ लागू करने के लिए ज़रूरतों का अनुमान होना आवश्यक है. 

यूएन एजेंसी के प्रमुख ने उन सदस्य देशों और साझीदार संगठनों का आभार जताया है जिन्होंने इस योजना के पहले चरण में मदद उपलब्ध कराई है. इसके तहत अब तक 80 करोड़ डॉलर की रक़म का इंतज़ाम  करने का संकल्प लिया जा चुका है.

उन्होंने ध्यान दिलाया कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर इस वायरस के राजनीतिकरण से बचा जाना चाहिए. उनके मुताबिक इस घड़ी में प्राथमिकता सभी लोगों की सेवा करना, जिंदगियां बचाना और महामारी पर क़ाबू पाना होना चाहिए.