बोलीविया में भरोसेमन्द, पारदर्शी व समावेशी चुनाव के लिए भरपूर मदद
बोलीविया के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव के विशेष दूत ज्याँ अरनॉल्ट ने कहा है कि देश चुनावी प्रक्रिया में इस सप्ताह एक निर्णायक मुक़ाम पर पहुँच रहा है और संयुक्त राष्ट्र ये सुनिश्चित करने में भरपूर मदद करेगा कि देश में मतदान भरोसेमन्द, पारदर्शी और समावेशी हो.
बोलीविया में अक्टूबर 2019 में उस समय भारी संकट पैदा हो गया था जब तत्कालीनी राष्ट्रपति ईवो मोरालेस ने आंशिंक चुनावों के बाद ख़ुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. वो उनका चौथा कार्यकाल था जिसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में ईवो मोरालेस ने पद छोड़ दिया था और उन्हें मैक्सिको में राजनैतिक शरण मिली थी.
Jean Arnault, Secretary-General's Personal Envoy: Candidates in next #Bolivia general elections may begin campaigning today, opening a decisive phase for consolidation of peace. @UN will do everything possible to help the country hold credible, transparent and inclusive polls. https://t.co/WXDa9oaPVK
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बोलीविया के लिए यूएन महासचिव के निजी दूत ज्याँ अरनॉल्ट ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी करके देश में 3 मई को आम चुनावों के लिए होने वाले मतदान के लिए चुनाव प्रचार औपचारिक रूप से शुरू होने का स्वागत किया है.
उन्होंने कहा है, “इस तरह बोलीविया में चुनावी प्रक्रिया का निर्णायक पड़ाव और शांति स्थापना के प्रयासों में एक मुक़ाम की तरफ़ बढ़त शुरू हो गई है.”
“ऐसा सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए नागरिक और उम्मीदवार, अपनी राजनैतिक संबद्धता से अलग हटकर अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए पूरी स्वतंत्रता के साथ मतदान का प्रयोग करें, और निर्वाचित हों. इस प्रक्रिया में किसी भी तरह का दुरुपयोग, उत्पीड़न और भेदभाव नहीं होना चाहिए. इन्हीं मानकों पर उन चुनावों की वैधता निर्भर होगी.”
चुनौतीपूर्ण राजनैतिक वातावरण
विशेष दूत ने हालाँकि ये भी कहा कि बोलीविया में मौजूदा राजनैतिक हालात को देखते हुए सुचारू मतदान चुनौतीपूर्ण होगा. उन्होंने मौजूदा हालात को गहरे ध्रुवीकरण में आई तेज़ी के रूप में परिभाषित किया, हालाँकि उम्मीद, अनिश्चितता, बेचैनी और नाराज़गी का मिश्रण भी वातावरण में देखा जा रहा है.
उन्होंने कहा, “ये बहुत आवश्यक है कि मुद्दों पर चर्चा शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीक़ों से कराने के लिए आम सहमति का माहौल बने, साथ ही ऐसी किसी भी कार्रवाई से बचा जाए जिससे शांतिपूर्ण ढंग से सभाएँ करने, विचार अभिव्यक्ति, संगठन बनाने, राय ज़ाहिर करने व उसके प्रसार की का उल्लंघन हो.”
ये भी बहुत ज़रूरी है कि घृणा फैलाने वाले भाषणों और हिंसा व भेदभाव को भड़काने वाली कार्रवाई को भी ग़ैर-क़ानूनी क़रार देकर उस पर रोक लगाई जाए.
विशेष दूत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र बोलीविया में भरोसेमन्द, पारदर्शी और समावेशी चुनाव संपन्न कराने के लिए अपने स्तर से हर संभव मदद करेगा.
यूएन सहायता का ख़ाका
संयुक्त राष्ट्र योरोपीय संघ सहित अन्य साझादारों के साथ बोलीविया के चुनाव प्राधिकरण को तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएगा ताकि वो नागरिकों की उच्च आशाओं पर खरा उतरने के लिए अपनी कार्यकारी व न्यायिक ज़िम्मेदारियों को सफलतापूर्वक पूरा कर सके.
संयुक्त राष्ट्र पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान मानवाधिकारों की भी निगरानी करेगा, ख़ास ध्यान इस पर रहेगा कि निर्धारित प्रक्रिया पर अमल किया जाए.
विशेष दूत ज्याँ अरनॉल्ट ने कहा कि एक चुनावी प्रक्रिया में ये बहुत ज़रूरी है कि कोई राजनैतिक उत्पीड़न ना हो, और न्यायिक प्रक्रिया का भी कोई दुरुपयोग ना हो.
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र राजनैतिक और चुनावी उत्पीड़न, या महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा की शिकायतें की पहचान करके उनकी निगरानी पर भी काम करेगा.
संयुक्त राष्ट्र संस्थानों और सिविल सोसायटी के साथ मिलकर ऐसे संघर्षों और शिकायतों को दूर करने पर भी काम करेगा जिनसे ताज़ा हिंसा भड़कने की आशंका हो.