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संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों की सेवा, उनके सर्वोच्च बलिदान का सम्मान

यूएन महासचिव ने न्यूयॉर्क मुख्यालय में शान्तिरक्षकों की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.
UN Photo/Mark Garten
यूएन महासचिव ने न्यूयॉर्क मुख्यालय में शान्तिरक्षकों की स्मृति में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों की सेवा, उनके सर्वोच्च बलिदान का सम्मान

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन ध्वज के तले, अपनी सेवाएँ प्रदान करने वाले और अपना सर्वोच्च बलिदान करने वाले सभी शान्तिरक्षकों को अपनी श्रृद्धांजलि की है.

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने गुरूवार को न्यूयॉर्क स्थित यूएन मुख्यालय में शान्तिरक्षक स्मारक स्थल पर अपने श्रृद्धासुमन अर्पित किए. हर वर्ष 29 मई को अन्तरराष्ट्रीय यूएन शान्तिरक्षक दिवस मनाया जाता है, और इसी सिलसिले में गुरूवार को कार्यक्रम आयोजित किए गए.

इस अवसर पर उन्होंने उन 4,300 ‘ब्लू हैलमैट’ शान्तिरक्षकों को याद किया, जिन्होंने संगठन के 80 वर्षों के इतिहास के दौरान अपने जीवन का बलिदान किया है. 

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इसके बाद, ट्रस्टीशिप परिषद कक्ष में एक समारोह के दौरान अपने प्राण का बलिदान करने वाले सैन्य, पुलिस, असैनिक कर्मचारियों व राष्ट्रीय स्टाफ़ की स्मृति में एक मिनट का मौन रखा गया.

यूएन प्रमुख ने कहा कि अपना सर्वोच्च त्याग करने वाले यूएन शान्तिरक्षक, हमें हिंसक टकराव की त्रासदीपूर्ण मानव क़ीमत की याद दिलाते हैं.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने हिंसा की रोकथाम करने, सर्वाधिक निर्बलों की रक्षा करने पर बल दिया और कहा कि इन घातक टकरावों का अन्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जानी होगी.

‘हम उन्हें कभी नहीं भुलाएंगें’

पिछले वर्ष, 33 देशों के 61 शान्तिरक्षकों ने अपनी सेवाएँ प्रदान करते हुए जीवन का बलिदान दिया. उनके परिजन को डैग हैमर्शहॉल्ड पदक से सम्मानित किया गया, जिसे यूएन के दूसरे महासचिव के नाम पर रखा गया है.

उनकी सितम्बर 1961 में एक विमान हादसे के दौरान मौत हो गई थी. 

महासचिव गुटेरेश ने कहा कि, “हम परिवारों और मित्रों के साथ अपनी गहरी सम्वेदना साझा करते हैं. हमें उन्हें कभी नहीं भुलाएंगें.”

उन्होंने ध्यान दिलाया कि दुनिया एक बेहद कठिन और ख़तरनाक दौर से गुज़र रही है और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय में गहरी दरार है. इस पृष्ठभूमि में, शान्तिरक्षकों की भूमिका पहले से कहीं अधिक अहम हो गई है. 121 देशों के 76 हज़ार से अधिक पुरुष व महिलाएँ, फ़िलहाल विश्व भर में 11 यूएन शान्तिरक्षा अभियानों के लिए तैनात हैं. 

महासचिव ने कहा कि ये शान्तिरक्षक अक्सर उन देशों या ऐसे इलाक़ों में कार्य करते हैं जहाँ शान्ति बिलकुल नहीं है.

हथियारबन्द गुटों द्वारा सीधे निशाना बनाए जाने, कठिन माहौल और डिजिटल टैक्नॉलॉजी समेत युद्ध के नए हथियार उभरने जैसी चुनौतियों से निपटते हुए हमारे शान्तिरक्षक अपने काम में निरन्तर जुटे हैं. और उनका समर्थन किया जाना होगा.

 

लैंगिक पैरोकार सम्मान

यूएन प्रमुख ने गुरूवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय शान्तिरक्षक मेजर राधिका सेन को 2023 सैन्य लैंगिक पैरोकार पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 

मेजर राधिका सेन, मार्च 2023 से अप्रैल 2024 तक काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य (DRC) के पूर्वी इलाक़े में भारतीय त्वरित तैनाती बटालियन (INDRDB) में, MONUSCO के सम्पर्क व संवाद दल की कमांडर के रूप में कार्यरत रहीं.

उन्होंने डीआरसी के नॉर्थ कीवू प्रान्त में टकराव में तेज़ी आने के दौरान, अनगिनत इलाक़ों में ग़श्त के लिए अपनी टीम का नेतृत्व किया. 

मेजर सेन ने सामुदायिक नैटवर्क की स्थापना की और अपने विचार व चिन्ताओं को साझा करने के लिए महिलाओं को सुरक्षित मंच की व्यवस्था की, ताकि यूएन मिशन उनकी ज़रूरतों के अनुरूप समाधान की तलाश कर सके.

महासचिव गुटेरेश ने मेजर सेन को एक सच्ची नेता और रोल मॉडल क़रार दिया है, और कहा है कि उनकी सेवा, सम्पूर्ण यूएन के लिए एक बड़ा मान है.