वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

तिमोर-लेस्ते में जनमत संग्रह की 25वीं वर्षगाँठ, 'प्रेरणा से पूर्ण है' देश का सफ़र

अगस्त 1999 में हुई जनमत संग्रह के दौरान तिमोर-लेस्ते की जनता मतदान कर रही है.
United Nations/Michele Zaccheo
अगस्त 1999 में हुई जनमत संग्रह के दौरान तिमोर-लेस्ते की जनता मतदान कर रही है.

तिमोर-लेस्ते में जनमत संग्रह की 25वीं वर्षगाँठ, 'प्रेरणा से पूर्ण है' देश का सफ़र

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटरेश ने तिमोर-लेस्ते में सांसदों को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्व-शासन के लिए उनके संघर्ष से दुनिया बहुत कुछ सीख सकती है. 25 वर्ष पहले, एक ऐतिहासिक जनमत संग्रह के ज़रिये 2002 में देश की स्वाधीनता का मार्ग प्रशस्त हुआ था.

तिमोर-लेस्ते के सांसदों ने इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में यूएन के शीर्षतम अधिकारी को देश की नागरिकता देने की घोषणा की. महासचिव ने कहा कि उन्हें इस देश व स्थानीय समुदायों का हिस्सा बनने पर गर्व है.

Tweet URL

पूर्वी तिमोर ने पहले पुर्तगाल के औपनिवेशिक शासन से आज़ादी के लिए संघर्ष किया और फिर वर्ष 1976 में इंडोनेशिया द्वारा हिंसक क़ब्ज़े से मुक्ति पाने के लिए. वर्ष 1999 में यूएन के तत्वाधान में 30 अगस्त को एक जनमत संग्रह के ज़रिये तिमोर-लेस्ते ने स्वतंत्रता की ओर क़दम बढ़ाया. 

इंडोनेशियाई सरकार ने उस वर्ष अक्टूबर में देश की स्वाधीनता के पक्ष में हुए मतदान को औपचारिक रूप से मान्यता दी, मगर उसे पहले कई सप्ताह तक घातक झड़पें और विध्वंस हुआ. इसके बाद, संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों की निगरानी में देश पूर्ण रूप से स्व-शासन वाली सरकार की दिशा आगे बढ़ा, और स्वतंत्र तिमोर-लेस्ते का जन्म हुआ.

यूएन प्रमुख को मानद नागरिता दिए जाने की घोषणा, राष्ट्रीय संसद की अध्यक्ष मारिया फ़र्नान्डा लेय ने की, जोकि तिमोर-लेस्ते में संसद की अध्यक्षता सम्भालने वाली पहली महिला हैं.

तिमोरी जनता की आकाँक्षाओं के समर्थन में पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री, महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से अनेक विश्व नेताओं से अपील की गई थी कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल तिमोर-लेस्ते में जनसंहार को रोकने के लिए करें.

यूएन के निर्वाचन मिशन (UNAMET) को भी जनमत संग्रह की 25वीं वर्षगाँठ पर कार्यक्रमों के दौरान सम्मानित किया गया और महासचिव गुटेरेश ने मिशन का अनेक बार उल्लेख किया.

सम्प्रभुता की नींव

देश में स्थिरता सितम्बर 1999 में आई जब सुरक्षा परिषद ने बहुराष्ट्रीय शान्तिरक्षा बल (INTERFET) को भेजने की स्वीकृति दी. महासचिव गुटेरेश ने तिमोर-लेस्ते में शान्ति स्थापना में योगदान देने वाले अन्य यूएन मिशन की भूमिका को रेखांकित किया.

उन्होंने तिमोरी जनता के अपार साहस व अथक संकल्प की सराहना की और कहा कि दुनिया तिमोर-लेस्ते की जनता से बहुत से सबक़ ले सकती है.

1999 में जनमत संग्रह को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित किया गया था, जिसने तिमोरी जनता को हिंसा व डराए धमकाए जाने के माहौल में स्व-शासन के लिए अपना संकल्प दर्शाने का एक ऐतिहासिक अवसर दिया.

30 अगस्त को सवेरा होने से पहले ही, पूर्वी तिमोर के हज़ारों लोग अंधेरे में ही अपने घर से निकल पड़े और उन्होंने लम्बी दूरियाँ तय की. उनका निश्चय था, यूएन चार्टर के अनुच्छेद 1 व 55 में निहित आदर्शों को पाना: स्व-निर्धारण का अधिकार.

संक्रमणकालीन प्रक्रिया के ज़रिये, 24 वर्षों से जारी इंडोनेशियाई क़ब्ज़े का अन्त हुआ जोकि पुर्तगाल के औपनिवेशिक शासन के अन्त के साथ ही शुरू हो गया था.

संयुक्त राष्ट्र का एक कर्मचारी, जनमत संग्रह के दौरान एक पोलिंग स्टेशन पर लोगों की मदद कर रहा है.
United Nations/Michele Zaccheo
संयुक्त राष्ट्र का एक कर्मचारी, जनमत संग्रह के दौरान एक पोलिंग स्टेशन पर लोगों की मदद कर रहा है.

यूएन ध्वज से प्रेरणा

यूएन न्यूज़ के फ़िलिपे दे कारवाल्हो के साथ एक ख़ास बातचीत में पूर्व प्रतिरोधी नेता और तिमोर-लेस्ते के वर्तमान राष्ट्रपति ज़नाना गुसमाओ ने बताया कि स्वाधीनता के लिए हुए आन्दोलन के सैन्य, राजनैतिक व कूटनैतिक पहलू थे.

उनके अनुसार, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के नज़रिये से, संयुक्त राष्ट्र के ध्वज ने उन्हें प्रेरित किया. स्व-निर्धारण व स्वाधीनता के लिए सभी व्यक्तियों का अधिकार.

राष्ट्रपति गुसमाओ ने अपने गंतव्य तक पहुँचने की देश की यात्रा में जनमत संग्रह को निर्णायक क़रार दिया, जिसके ज़रिये, पूर्वी तिमोर के लिए बहुपक्षीय प्रयासों को मज़बूती मिली और इंडोनेशिया पर क़ब्ज़ा छोड़ने का दबाव बढ़ा.

यूएन निर्वाचन मिशन (UNAMET) के अनुसार, पत्रकारों व दो हज़ार से अधिक चुनाव पर्यवेक्षकों की मौजूदगी के बावजूद, आम नागरिकों को डराए-धमकाए जाने की घटनाएँ हुईं और यूएन कार्यालय पर हमले भी. इस हिंसा के लिए मुख्य रूप से इंडोनेशिया का समर्थन करने वाले गुटों ने अंजाम दिया.

UNAMET ने केवल 22 दिनों के भीतर तिमोर-लेस्ते में सवा चार लाख से अधिक लोगों का पंजीकरण किया, जिनमें से 98 फ़ीसदी से अधिक लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

मतदान के बाद, हिंसक घटनाओं में तेज़ी आई और फिर 4 सितम्बर को नतीजे की घोषणा की गई जब न्यूयॉर्क में पूर्व महासचिव कोफ़ी अन्नान भी उपस्थित थे. 78 प्रतिशत से अधिक लोगों ने स्वायत्तता के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए, इंडोनेशिया से अलग होने का विकल्प चुना था. इसके साथ ही, तिमोर-लेस्ते की स्वाधीनता का मार्ग स्पष्ट हो गया.