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ग़ाज़ा: यूएन में सेवारत भारतीय कर्मचारी की मौत, पड़ताल के लिए टीम गठित

ग़ाज़ा में स्थित यूएन कार्यालय.
Ziad Abu Khousa
ग़ाज़ा में स्थित यूएन कार्यालय.

ग़ाज़ा: यूएन में सेवारत भारतीय कर्मचारी की मौत, पड़ताल के लिए टीम गठित

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र ने दक्षिणी ग़ाज़ा के रफ़ाह शहर में सेवारत एक यूएन कर्मचारी के इसराइली बमबारी में मारे जाने की घटना से जुड़े तथ्यों की पड़ताल के लिए एक टीम गठित की है. मृतक यूएन स्टाफ़ की पहचान भारतीय नागरिक, वैभव अनिल काले के रूप में की गई है.

7 अक्टूबर को इसराइल और हमास के बीच हिंसक टकराव शुरू होने के बाद संयुक्त राष्ट्र के किसी अन्तरराष्ट्रीय कर्मी की मौत का यह पहला मामला बताया गया है.

यह घटना सोमवार को तब हुई जब यूएन में बचाव एवं सुरक्षा विभाग (UNDSS) के दो कर्मचारी अपने वाहन में रफ़ाह में स्थित योरोपीय अस्पताल जा रहे थे, और बमबारी की चपेट में आ गए. 

जॉर्डन की एक अन्य यूएन कर्मी इस घटना में घायल हुई हैं जिनका उपचार किया जा रहा है.

इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने यूएन कर्मचारियों पर किए जाने वाले हमलों की निन्दा करते हुए, पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदना व्यक्त की थी.

साथ ही, उन्होंने इस घटना की पूर्ण जाँच कराए जाने का आग्रह किया था.

संयुक्त राष्ट्र के उप प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने बताया कि मृतक वैभव अनिल काले, भारतीय सेना में एक पूर्व अधिकारी रहे हैं. सोमवार को वह अपने नियमित कामकाज पर थे, जिसके तहत लोगों को अलग-अलग स्थानों पर पहुँचाया जाता है.

यूएन प्रवक्ता के अनुसार ग़ाज़ा युद्ध के दौरान यह पहली बार है जब यूएन के किसी अन्तरराष्ट्रीय कर्मचारी की जान गई है. फ़िलहाल ग़ाज़ा में अन्तरराष्ट्रीय स्टाफ़ के 71 सदस्य सेवारत हैं.   

घटना पर और जानकारी जुटाने के लिए एक पैनल का गठन किया गया है. इसराइली सुरक्षा बलों के सहयोग से पुष्ट जानकारी जुटाई जा रही है, मगर ऐसा प्रतीत होता है कि वाहन को क्षतिग्रस्त करने वाला गोला किसी टैंक द्वारा दागा गया था.