वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

सूडान संकट का एक वर्ष, युद्धविराम के लिए समन्वित वैश्विक प्रयासों पर बल

पश्चिमी दारफ़ूर में विस्थापित लोग भोजन व पोषण सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
© WFP/World Relief
पश्चिमी दारफ़ूर में विस्थापित लोग भोजन व पोषण सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

सूडान संकट का एक वर्ष, युद्धविराम के लिए समन्वित वैश्विक प्रयासों पर बल

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि दुनिया, संकट से जूझ रहे सूडान के लोगों को भुला रही है, जबकि वहाँ विशाल स्तर पर मानवीय सहायता और शान्ति स्थापना की आवश्यकता है. उन्होंने विश्व समुदाय से देश में लड़ाई पर विराम लगाने के लिए समन्वित ढंग से प्रयास किए जाने की अपील की है.

सूडान में परस्पर विरोधी सैन्य गुटों के बीच पिछले वर्ष अप्रैल में शुरू हुए हिंसक टकराव को एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर, यूएन प्रमुख ने ज़रूरतमन्दों तक राहत पहुँचाने की पुकार लगाई है.

उन्होंने न्यूयॉर्क में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले सप्ताहांत, दुनिया की नज़रें मध्य पूर्व में घटनाक्रम पर केन्द्रित थीं. वहीं सूडान में राष्ट्रीय सेना और अर्द्धसैनिक बल (RSF) के बीच जारी लड़ाई ने आम नागरिकों को त्रस्त कर दिया है. 

“यह उन हज़ारों आम नागरिकों पर छेड़ा गया युद्ध है, जिनकी जान जा चुकी है, और जो हज़ारों अन्य जीवन भर के लिए अपंग हो चुके हैं.”

Tweet URL

“यह उन 1.8 करोड़ लोगों पर युद्ध है, जो अचानक भूख का सामना कर रहे हैं और जो समुदायों अगले कुछ महीने में अकाल के भयावह ख़तरे को ताक रहे हैं.”

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने कहा कि नागरिक जीवन का कोई भी पहलु इस युद्ध से अछूता नहीं है. यौन हिंसा की घटनाएँ हुई हैं और राहत क़ाफ़िलों व सहायताकर्मियों को निशाना बनाया गया है.

सूडान की राजधानी ख़ारतूम और उसके नज़दीकी इलाक़ों में एक वर्ष पहले भड़की हिंसा से अब तक 80 लाख लोग अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं जबकि 20 लाख लोग शरणार्थी बन गए हैं.

युद्ध शुरू होने के एक वर्ष बाद, सूडान की जनता को जीवनरक्षक सहायता की आवश्यकता है. 

महासचिव गुटेरेश ने उत्तरी दारफ़ूर की राजधानी अल-फ़शर में गहराते टकराव की ख़बरों पर चिन्ता जताई, जहाँ RSF के सम्बद्ध गुटों ने गाँवों को जला दिया है, जिससे नए सिरे से विस्थापन हुआ है और दारफ़ूर में अन्तर-सामुदायिक टकराव भड़क उठने की आशंका है.

इसके मद्देनज़र, उन्होंने अकाल का सामना कर रहे इलाक़ों में राहत अभियानों को जारी रखने के लिए सभी पक्षों से सुरक्षित व बेरोकटोक सहायता मार्ग मुहैया कराए जाने की अपील की है.

दुस्वप्न से निकलने का रास्ता

सोमवार को सूडान संकट के मुद्दे पर पेरिस में एक अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है. महासचिव ने कहा कि सूडानी नागरिकों को जल्द से जल्द समर्थन और वैश्विक समुदाय की उदारता की आवश्यकता है, ताकि वे इस दुस्वप्न से बाहर आ सकें.

सूडान के लिए 2.7 अरब डॉलर की मानवीय सहायता योजना की अपील की गई थी, जिसमें से केवल छह फ़ीसदी का ही प्रबन्ध हो पाया है. वहीं, 1.4 अरब डॉलर की क्षेत्रीय शरणार्थी योजना में सात प्रतिशत रक़म ही जुट पाई है.

उन्होंने मानवीय सहायता धनराशि का स्तर बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि सूडानी जनता को मदद से इतर, रक्तपात का अन्त किए जाने की भी ज़रूरत है. उन्हें शान्ति चाहिए.

राजनैतिक समाधान, एकमात्र समाधान

यूएन प्रमुख ने कहा कि इस भयावह स्थिति से केवल एक राजनैतिक समाधान के ज़रिये ही निकला जा सकता है.

“इस अहम क्षण में, सहायता के लिए वैश्विक समर्थन के अलावा, हमें सूडान में युद्धविराम के लिए एक समन्वित वैश्विक प्रयास की भी आवश्यकता है, जिसके बाद एक व्यापक शान्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाए.”

उन्होंने बताया कि उनके निजी दूत रामतने लमाम्रा इस दिशा में परस्पर विरोधी सैन्य नेतृत्व के बीच मध्यस्थता व बातचीत के लिए प्रयासों में जुटे हैं.

साथ ही, सूडान में 2021 में हुए सैन्य तख़्तापलट के बाद देश को लोकतंत्र की दिशा में बढ़ाने के लिए कोशिशें भी जारी रखनी होंगी, और इसे एक समावेशी प्रक्रिया बनाना होगा.