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ग़ाज़ा: गहराते संकट के बीच, ICJ ने इसराइल के लिए जारी किए नए आदेश

दक्षिण अफ़्रीका द्वारा अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में इसराइल के विरुद्ध दायर किए गए मुक़दमे में ICJ ने आदेश जारी किया है.
© ICJ-CIJ/ Frank van Beek
दक्षिण अफ़्रीका द्वारा अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय में इसराइल के विरुद्ध दायर किए गए मुक़दमे में ICJ ने आदेश जारी किया है.

ग़ाज़ा: गहराते संकट के बीच, ICJ ने इसराइल के लिए जारी किए नए आदेश

क़ानून और अपराध रोकथाम

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने युद्धग्रस्त ग़ाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता आपूर्ति सुनिश्चित करने के इरादे से इसराइल द्वारा अन्तरिम तौर पर कुछ क़दम उठाने के लिए गुरूवार को एक आदेश जारी किया है. इस बीच, ग़ाज़ा में निरन्तर बमबारी और घेराबन्दी जारी रहने के कारण हालात बद से बदतर हो रहे हैं.

दक्षिण अफ़्रीका ने 'द हेग' स्थित न्यायालय में, कुछ महीने पहले इसराइल पर जनसंहार को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए मुक़दमा दर्ज कराया था.

इसमें न्यायालय से ऐसे अन्तरिम उपायों को इंगित करने के लिए कहा गया था ताकि "जनसंहार निरोधक कन्वेंशन के अन्तर्गत, फ़लस्तीनी लोगों के अधिकारों को और अधिक गम्भीर और अपूरणीय क्षति से बचाया जा सके."

मगर, इसराइल ने इस आरोप को "आधारहीन" बताकर, इसका ज़ोरदार खंडन किया है.

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7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इसराइल में हमास व अन्य गुटों के हमलों में 1,200 लोग मारे गए थे और 240 को बंधक बना लिया गया था. 

इसके बाद, ग़ाज़ा में स्वास्थ्य मंत्रालय से प्राप्त आँकड़ों के अनुसार, इसराइली कार्रवाई में अब तक 32 हज़ार फ़लस्तीनियों की जान गई है.

ICJ द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि ग़ाज़ा में फ़लस्तीनियों के लिए परिस्थितियाँ बद से बदतर होती जा रही हैं और अकाल व भुखमरी की दस्तक सुनाई दे रही है. 

इस पृष्ठभूमि में, विश्व अदालत ने इसराइल को हर आवश्यक व कारगर क़दम उठाने का आदेश दिया है, ताकि बिना किसी देरी के, संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से, पूरे ग़ाज़ा में सभी फ़लस्तीनियों को तत्काल, बेरोकटोक बुनियादी सेवाएँ व मानवीय सहायता पहुँचाई जा सके.

इसके तहत, भोजन, जल, बिजली, ईंधन, शरण, कपड़े, स्वच्छता सामग्री, चिकित्सा आपूर्ति व स्वास्थ्य देखभाल का प्रबन्ध किया जाना होगा.

सीमा चौकियाँ खोलने का आदेश

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय ने अपने आदेश में इसराइल को आदेश दिया है कि सड़क मार्ग के लिए सीमा चौकियों को खोला जाना होगा, उनकी क्षमता बढ़ानी होगी और जब तक सम्भव हो उन्हें खुला रखना होगा.

साथ ही, इसराइल को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसके सैन्य बल ऐसे किसी कृत्य को अंजाम ना दें, जिससे ग़ाज़ा में जनसंहार सन्धि के तहत संरक्षण प्राप्त फ़लस्तीनियों के अधिकारियों का किसी तरह से कोई हनन ना हो. 

इसमें किसी भी क़दम के ज़रिये वहाँ तत्काल, आवश्यक मानवीय सहायता को पहुँचने से रोकना भी है. 

कोर्ट का निर्णय है कि इसराइल द्वारा इन सभी क़दमों पर एक महीने के भीतर अपनी एक रिपोर्ट, ICJ में दाख़िल की जाएगी.

ICJ निर्णयों का अनुपालन

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने गुरूवार को न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि अन्तरराष्ट्रीय स्वतंत्र रूप से कार्य करता है.

“हमारा सैद्धान्तिक तौर पर यह मानना है कि सभी सदस्य देश कोर्ट के निर्णय का अनुपालन करेंगे.”

अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत स्थापित किया गया था और यह संगठन का प्रधान न्यायिक अंग है.