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लीबिया: बाढ़ आपदा में जीवित बचे लोगों के लिए मनोसामाजिक समर्थन ज़रूरी

पूर्वोत्तर लीबिया में बाढ़ के कारण 43 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
© USAR Spain
पूर्वोत्तर लीबिया में बाढ़ के कारण 43 हज़ार से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

लीबिया: बाढ़ आपदा में जीवित बचे लोगों के लिए मनोसामाजिक समर्थन ज़रूरी

मानवीय सहायता

संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मियों ने चेतावनी जारी की है कि लीबिया में हज़ारों नागरिकों के लिए बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में इस आपदा के बाद, दैनिक जीवन में मानसिक तनाव व बेचैनी से जूझना एक बड़ी चुनौती बन गया है.

दो सप्ताह पहले, लीबिया में ‘डेनियल’ तूफ़ान के दौरान मूसलाधार बारिश हुई और डेरना शहर में दो बाँध ध्वस्त हो गए, जिससे बड़े पैमाने पर तबाही हुई. 

समाचार माध्यमों के अनुसार, शहर का लगभग एक चौथाई हिस्सा बाढ़ के कारण जलमग्न हो गया. हज़ारों लोगों की मौत हुई और अनेक शव अब भी मलबे के भीतर दबे हुए होने की आशंका है.

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हाल के दिनों में, मानवीय राहतकर्मियों ने शवों को ढूंढने पर अपना ध्यान केन्द्रित किया है, चूँकि बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ रही है. 

मगर, डेरना में बाढ़ की विभीषिका के बाद जीवित बच गए लोगों के लिए सदमा और अनिश्चितिता, एक बड़ी चुनौती है. 

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय ने बताया कि पूर्वी लीबिया में रह रहे लोगों को मनोसामाजिक समर्थन प्रदान करना एक बड़ी प्राथमिकता है. 

आशंका जताई गई है कि यहाँ डेनियल तूफ़ान के कारण मृतकों का आँकड़ा 20 हज़ार तक पहुँच सकता है.

यूएन एजेंसी के अनुसार, 43 हज़ार से अधिक लोग बाढ़ के कारण विस्थापित हुए हैं, जिनमें से अधिकाँश अपने सम्बन्धियों के साथ नज़दीकी इलाक़ों में रह रहे हैं.  ढाई हज़ार से अधिक लोगों ने बेनग़ाज़ी का रुख़ किया है.

शोक की लहर

लीबिया में संयुक्त राष्ट्र की मानवीय राहत समन्वयक जॉर्जेट गैगनॉन ने बेनग़ाज़ी में अपनी दो-दिवसीय यात्रा के दौरान बाढ़ के कारण विस्थापित और वहाँ शरण लेने वाले लोगों से मुलाक़ात की.

उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों की व्यथा को सुनना हृदयविदारक था और उन पर भारी मानसिक दाबव है, इसलिए जल्द से जल्द सहायता मुहैया कराए जानी होगी.

यूएन की वरिष्ठ अधिकारी को एक परिवार ने बताया कि कुछ ही सेकेंड के भीतर जल का स्तर उनकी कमर तक पहुँच गया, उनका सारा सामान बह गया और बड़ी मुश्किल से वे अपने घर से जीवित बाहर आ पाए.

अनेक अन्य आपदा प्रभावितों के साथ उनका घर भी बर्बाद हो गया है. 

यूएन एजेंसी के अनुसार, पीड़ितों के लिए जल्द से जल्द चिकित्सा देखभाल, रोग नियंत्रण व रोकथाम और जल स्रोतों के परीक्षण व विश्लेषण की व्यवस्था की जानी होगी.

इसके अलावा, आवश्यकताओं का आकलन कर रही यूएन टीम ने मनोसामाजिक समर्थन को भी प्राथमिकता के रूप में चिन्हित किया है.