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दाएश और सम्बद्ध गुट, हिंसक टकरावों से ग्रस्त क्षेत्रों के लिए बड़ा ख़तरा

विस्थापन का शिकार एक व्यक्ति अपने दो बच्चों के साथ इराक़ के मोसुल में एक सीमा चौकी पर.
© UNICEF/Alessio Romenzi
विस्थापन का शिकार एक व्यक्ति अपने दो बच्चों के साथ इराक़ के मोसुल में एक सीमा चौकी पर.

दाएश और सम्बद्ध गुट, हिंसक टकरावों से ग्रस्त क्षेत्रों के लिए बड़ा ख़तरा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-निरोधक कार्यालय के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों में सफलता मिलने के बावजूद, चरमपंथी संगठन दाएश और उसके सहयोगी संगठन हिंसाग्रस्त क्षेत्रों व पड़ोसी देशों के लिए एक गम्भीर ख़तरा बने हुए हैं. 

यूएन अधिकारियों ने शुक्रवार को सुरक्षा परिषद में एक चर्चा के दौरान इस विषय में महासचिव एंतोनियो गुटेरेश की नवीनतम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की. दाएश को इराक़ व लेवान्त में इस्लामिक स्टेट (ISIL) के नाम से भी जाना जाता है. रिपोर्ट के अनुसार, जो क्षेत्र हिंसा प्रभावित नहीं हैं, वहाँ दाएश का ख़तरा कम है.

आतंकवाद-निरोधक यूएन कार्यालय (UNOCT) के प्रमुख व्लादीमीर वोरोन्कोव ने कहा कि आतंकवाद का सामना और उसकी रोकथाम करने के लिए दीर्घकालीन संकल्प, और समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होगी.

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उन्होंने अफ़्रीका के कुछ हिस्सों में दाएश और उसके सहयोगी संगठनों के विस्तार और हिंसा बढ़ने पर गहरी चिन्ता जताई. 

बताया गया है कि दाएश से सम्बद्ध गुट, सहेल क्षेत्र में स्वत: अपने पाँव पसार रहे हैं और माली, बुरकिना फ़ासो और निजेर में हमलों में तेज़ी आई है. 

“इस समूह और क्षेत्र में अल-क़ायदा के एक सम्बद्ध गुट के बीच टकराव, निजेर में तख़्तापलट के बाद उपजी अनिश्चित स्थिति, एक जटिल व बहुआयामी चुनौती को दर्शाता है.”

वहीं, सूडान में हिंसक टकराव और अस्थिरता के कारण वहाँ दाएश और अन्य आतंकी गुटों की उपस्थिति व गतिविधियों पर नए सिरे से ध्यान केन्द्रित किया गया है. 

काँगो लोकतांत्रिक गणराज्य में भी हमलों में वृद्धि हुई है, जहाँ लगभग 500 लोग देश के पूर्वी क्षेत्र में आतंकी हिंसा में मारे गए हैं. 

अफ़ग़ानिस्तान में चुनौतियाँ

इस बीच, अफ़ग़ानिस्तान में हालात जटिल होते जा रहे हैं और हथियारों व गोला-बारूद के आतंकवादियों के नियंत्रण में आने की आशंका अब सही साबित होती दिख रही है.

व्लादीमीर वोरोन्कोव ने कहा कि आइसिल-ख़ोरासान प्रान्त की अभियान क्षमता में वृद्धि होने की जानकार मिली है और अब तालेबान व अन्तरराष्ट्रीय ठिकानों पर परिष्कृत ढंग से हमले किए जा रहे हैं. 

“इसके अलावा, देश में लगभग 20 विभिन्न आतंकी गुटों की उपस्थिति व गतिविधि, तालेबान प्रशासन द्वारा उठाए गए दमनकारी क़दम, टिकाऊ विकास का अभाव और बदहाल मानवीय स्थिति से पूरे क्षेत्र व उससे परे भी बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं.”

आतंकवाद-विरोधी प्रयासों में सफलता

यूएन के शीर्ष अधिकारी ने बताया कि अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने दाएश के वित्तीय तंत्र को निशाना बनाए जाने समेत आतंकवाद के विरुद्ध जो पहल शुरू की हैं, उनमें सफलता मिली है.

यूएन रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी गुट के पास नक़दी भंडार अब ढाई करोड़ से पाँच करोड़ डॉलर होने का अनुमान है, जोकि पहले की तुलना में कम है और कम होता जा रहा है.

साथ ही, इन गुटों के शीर्ष नेताओं पर भी निरन्तर ध्यान केन्द्रित किया गया है और सीरिया में इस वर्ष समूह के मुखिया मारा गया था.

उन्होंने कहा कि आतंकवाद-विरोधी इन प्रयासों के परिणामस्वरूप, दाएश अब पहले की तुलना में कम वर्गीकृत और कहीं अधिक नैटवर्क वाले ढाँचों को अपना रहा है, और अल-क़ायदा का अनुसरण कर रहा है.

उसके सम्बद्ध गुटों द्वारा हमलों व गतिविधियों के लिए स्वायत्तता बढ़ी है. 

नाइजीरिया में शिखर बैठक

व्लादीमीर वोरोन्कोव ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून, सफल आतकंवाद-निरोधक प्रयासों की आधारशिला हैं.

उनके अनुसार, इस सिलसिले में योजनाओं व पहलों को राजनैतिक रणनीतियों पर खड़ा किया जाना होगा, उन टकरावों का अन्त करने के लिए जिनसे आतंकवाद को बढ़ावा मिलती है. 

यूएन अधिकारी का मानना है कि जवाबी सुरक्षा कार्रवाई और रोकथाम उपायों को एक दूसरे के पूरक के तौर पर काम में लाना होगा.  

ग़ौरतलब है कि अगले वर्ष नाइजीरिया में आतंकवाद-निरोधक मुद्दों पर एक शिखर बैठक हो रही है, जिसे यूएन कार्यालय और सरकार मिलकर आयोजित करेंगे.

इस बैठक को अफ़्रीका में आतंकवाद के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय समर्थन को बढ़ाने और आतंकी चुनौती पर पार पाने के एक अवसर के रूप में देखा जा रहा है.