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यूक्रेन: ओडेसा पर हमलों में सांस्कृतिक धरोहरों को क्षति पहुँचने की निन्दा

यूक्रेन के ओडेसा में सुरक्षा के लिये इकट्ठे किए गए रेत के बोरों के सामने से निकलती एक महिला.
© UNICEF/Siegfried Modola
यूक्रेन के ओडेसा में सुरक्षा के लिये इकट्ठे किए गए रेत के बोरों के सामने से निकलती एक महिला.

यूक्रेन: ओडेसा पर हमलों में सांस्कृतिक धरोहरों को क्षति पहुँचने की निन्दा

संस्कृति और शिक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की महानिदेशक ने रविवार को यूक्रेन के ओडेसा शहर में घातक मिसाइल हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा की है, जिनमें अनेक ऐतिहासिक इमारतों को क्षति पहुँची है.

पिछले एक सप्ताह में, रूस ने ओडेसा और यूक्रेन के दो अन्य बन्दरगाह शहरों, कोर्नोमोर्स्क और मिकोलाइव पर हवाई हमले किए हैं. 

हाल ही मे रूस ने यूक्रेनी बन्दरगाहों से अनाज और उर्वरक के निर्यात पर केन्द्रित काला सागर पहल में अपनी भागेदारी समाप्त करने की घोषणा की थी, जिसके बाद से इन हमलों में तेज़ी आई है. 

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अन्तरराष्ट्रीय मीडिया के अनुसार, रविवार को हुए इन हमलों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई है और 20 अन्य घायल हुए हैं. ओडेसा में अनेक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थलों को नुक़सान पहुँचने की ख़बर है, जिनमें शहर का सर्वप्रथम ऑर्थोडॉक्स चर्च समेत अन्य इमारतें हैं.

यह कैथेड्रल वर्ष 1794 में स्थापित किया गया था और ओडेसा के ऐतिहासिक केन्द्र में स्थित है. संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन ने जनवरी में इसे विश्व धरोहर सूची में शामिल किया था. 

संयुक्त राष्ट्र के शीर्षतम अधिकारी एंतोनियो गुटेरेश के प्रवक्ता ने उनकी ओर से एक वक्तव्य जारी करके इन हमलों की कठोर निन्दा की है.

वक्तव्य में क्षोभ प्रकट किया गया है कि आमजन की ज़िन्दगी पर युद्ध का भयावह असर जारी है, और अब विश्व धरोहर सन्धि के तहत इस संरक्षित इलाक़े पर हमला होना, सशस्त्र संघर्ष के दौरान सांस्कृतिक सम्पत्ति के संरक्षण पर 1954 की हेग सन्धि का उल्लंघन है.

यूएन महासचिव ने चिन्ता जताई है कि युद्ध काल में यूक्रेन की संस्कृति और विरासत पर ख़तरा बढ़ रहा है. यूनेस्को के अनुसार, फ़रवरी 2022 में रूस के आक्रमण के बाद से अब तक देश में 270 सांस्कृतिक स्थलों को क्षति पहुँची है, जिनमें 116 धार्मिक स्थल हैं.  

यूएन प्रवक्ता ने कहा कि महासचिव गुटेरेश ने रूसी महासंघ से सांस्कृतिक सम्पत्तियों पर हमलों को तुरन्त रोकने का आग्रह किया है. साथ ही आम नागरिकों और नागरिक प्रतिष्ठानों पर सभी हमलों पर तत्काल विराम लगाया जाना होगा. 

दुखद विध्वंस

यूनेस्को ने इस हमले पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है और ओडेसा में एक मिशन तैनात किए जाने की बात कही है, ताकि धरोहरों को पहुँची क्षति का आकलन किया जा सके. 

यूएन एजेंसी ने ध्यान दिलाया कि इससे पहले भी अन्य हमलों में लिविव और ओडेसा की उन सांस्कृतिक विरासतों पर असर हुआ है, जोकि विश्व धरोहर सन्धि के तहत संरक्षित हैं. 

यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अज़ूले ने रूस से आग्रह किया कि अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत तयशुदा दायित्वों का निर्वहन करने के लिए अर्थपूर्ण क़दम उठाए जाने होंगे, और सशस्त्र संघर्ष के दौरान सांस्कृतिक सम्पत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी होगी. 

बताया गया है कि हाल के दिनों में हुए हमले, रूस सरकार के उन वक्तव्यों के विपरीत हैं, जिनमें सतर्कता बरते जाने और यूक्रेन में विश्व धरोहर स्थलों को निशाना ना बनाए जाने की बात कही गई थी.

यूनेस्को के अनुसार, सांस्कृतिक स्थलों को जानबूझकर क्षति पहुँचाए जाने को युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा सकता है. 

सांस्कृतिक स्थलों का संरक्षण

युद्धकाल में, यूनेस्को यूक्रेन में सांस्कृतिक संस्थाओं के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है. साथ ही पत्रकारों पर हमलों की आलोचना की गई है और शिक्षा व्यवस्था को जारी रखने के लिए प्रयासों को समर्थन दिया गया है.

यूनेस्को की शीर्ष अधिकारी ने इस वर्ष अप्रैल में ओडेसा का दौरा किया और वहाँ सांस्कृतिक सैक्टर में स्थल प्रबन्धकों और अन्य हितधारकों से मुलाक़ात के दौरान यूनेस्को द्वारा संचालित आपात प्रयासों के बारे में जानकारी जुटाई. 

उन्होंने कहा था कि यूक्रेन में सांस्कृतिक सैक्टर को अगले एक दशक में फिर से खड़ा करने के लिए लगभगत सात अरब डॉलर की आवश्यकता होगी.