यूक्रेन युद्ध के 500 दिन: आम नागरिक चुका रहे हैं ‘भयावह क़ीमत’
संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार, 7 जुलाई, को यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के 500 दिन पूरे होने के दुखद पड़ाव पर इस युद्ध की भीषण मानवीय क़ीमत पर क्षोभ प्रकट किया है.
यूक्रेन युद्ध 24 फ़रवरी 2022 को शुरू हुआ था, और देश में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन के अनुसार, अब तक नौ हज़ार से अधिक आम लोग अपनी जान गँवा चुके हैं, जिनमें 500 से अधिक बच्चे हैं.
यूएन मिशन ने मृतकों का वास्तविक आँकड़ा इससे कहीं अधिक होने की आशंका जताई है.
निगरानी मिशन की उपप्रमुख नोएल कैलहुन ने बताया कि, “आज हम इस युद्ध में एक और दुखद पड़ाव पर हैं, जिसकी यूक्रेन में नागरिक आबादी को भयावह क़ीमत चुकानी पड़ी है.”
यूएन मिशन के अनुसार, वर्ष 2022 की अवधि की तुलना में इस वर्ष की शुरुआत में हर महीने हताहत होने वाले लोगों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई.
मगर, मई और जून में औसत संख्या फिर से बढ़ी है और पिछले दो सप्ताह युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे जानलेवा साबित हुए हैं.
यूक्रेन के पूर्वी शहर क्रैमातोर्स्क में 27 जून की शाम को एक व्यस्त बाज़ार में हुए एक मिसाइल हमले में 13 लोगों की मौत हो गई.
इस हमले में घायल हुए लोगों में पुरस्कार विजेता लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता विक्टोरिया ऐमेलिना भी थीं, जिनकी पिछले सप्ताह मौत हो गई.
इसके कुछ ही दिन बाद पश्चिमी यूक्रेन के लिविव शहर में एक और मिसाइल हमले में 10 आम लोगों की जान गई है.
हज़ारों आम लोग हताहत
मृतक आम लोगों के बारे में जानकारी यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय द्वारा प्रकाशित नवीनतम रिपोर्ट में है, जोकि फ़रवरी 2022 में युद्ध की शुरुआत से 30 जून 2023 की अवधि पर आधारित है.
कुल 25 हज़ार 170 लोगों के हताहत होने की पुष्टि हुई है, जिनमें से 9 हज़ार 177 लोगों की मौत हुई है और 15 हज़ार 993 लोग घायल हुए हैं.
बताया गया है कि इनमें से 61 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएँ हैं.
मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय को रूसी नियंत्रण वाले क्राइमिया और सेवस्तोपॉल शहर में 22 आम लोगों के हताहत होने की जानकारी भी प्राप्त हुई है. पाँच पुरुषों व एक महिला की मौत हो गई, जबकि 16 लोग घायल हुए हैं.
परमाणु ऊर्जा प्लांट
इस बीच, दक्षिणी यूक्रेन के ज़ैपोरिझिया परमाणु प्लांट पर तैनात अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के विशेषज्ञों को वहाँ किसी भी प्रकार की बारूदी सुरंग या विस्फोटक सामग्री के संकेत नहीं मिले हैं.
यूएन परमाणु एजेंसी के महानिदेशक राफ़ाएल मारियानो ग्रोस्सी ने शुक्रवार को इस आशय की जानकारी दी.
यूक्रेन युद्ध के शुरुआती दिनों से ही योरोप का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र, रूस के नियंत्रण में है और दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर इस केन्द्र पर गोलाबारी का आरोप लगाया है.
इससे पहले, यूएन परमाणु एजेंसी ने उन रिपोर्टों की जानकारी होने का संकेत दिया था, जिनके अनुसार इस प्लांट के इर्दगिर्द विस्फोटकों को फैलाया गया है.
इसके बाद, यूएन विशेषज्ञों ने प्लांट पर अतिरिक्त स्थलों का जायज़ा लिया और अभी तक ऐसे कोई संकेत नहीं हैं, मगर उनके अनुसार और स्थानों पर जाकर वहाँ पड़ताल किए जाने की अनुमति मिलनी चाहिए.