वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

भूमध्यसागर नाव दुर्घटना: ‘भयावह’ त्रासदियों को टालने के लिए कार्रवाई की दरकार

यूएन एजेंसियों ने कहा है कि भूमध्यसागर प्रवासन मार्ग, विश्व में सबसे ख़तरनाक और जानलेवा रास्तों में है.
IOM/Amanda Nero
यूएन एजेंसियों ने कहा है कि भूमध्यसागर प्रवासन मार्ग, विश्व में सबसे ख़तरनाक और जानलेवा रास्तों में है.

भूमध्यसागर नाव दुर्घटना: ‘भयावह’ त्रासदियों को टालने के लिए कार्रवाई की दरकार

मानवीय सहायता

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) और शरणार्थी मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी (UNHCR) ने अपने एक साझा वक्तव्य में भूमध्यसागर में बुधवार को नाव दुर्घटना में बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने पर गहरा दुख प्रकट किया है और ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए त्वरित, निर्णायक कार्रवाई की पुकार लगाई है.

भूमध्यसागर क्षेत्र में पिछले अनेक वर्षों की यह सबसे दुखद घटना बताई गई है. अब तक, 78 शव बरामद किए जा चुके हैं, 104 लोगों को जीवित बचा लिया गया है, और सैकड़ों लोग अभी लापता बताए गए हैं. 

Tweet URL

14 जून को हुई इस दुर्घटना में अभी तक नाव पर सवार लोगों की सही संख्या का पता नहीं चल पाया है, मगर प्रत्यक्षदर्शियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस पर 400 से 750 यात्रियों के मौजूद होने का अनुमान है. 

बताया गया है कि यह नाव, 13 जून की सुबह से ही कठिनाइयों से जूझ रही थी और इसके डूब जाने के बाद ग्रीस के तटरक्षक बल द्वारा व्यापक स्तर पर तलाश एवं बचाव अभियान शुरू किया गया. 

प्रवासन संगठन, और शरणार्थी मामलों के लिए यूएन एजेंसी ने अपने एक साझा वक्तव्य में कहा है कि समुद्र में फँसे लोगों को बिना देरी किए बचाना, अन्तरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र क़ानून का एक बुनियादी नियम है.

ख़तरनाक समुद्री मार्ग

यूएन एजेंसियों ने ध्यान दिलाया कि जहाज़ के कप्तान और देशों का यह दायित्व है कि समुद्र में फँसे लोगों की राष्ट्रीयता, दर्जे और उन परिस्थितियों में फँसे होने की वजह की परवाह किए बिना, ज़रूरतमन्दों तक तुरन्त सहायता पहुँचाई जाए.

यूएन एजेंसियों ने कहा है कि भूमध्यसागर प्रवासन मार्ग, विश्व में सबसे ख़तरनाक और जानलेवा रास्तों में हैं और वहाँ मौजूदा तौर-तरीक़े फ़िलहाल कारगर नहीं हैं. 

अन्तरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) ने मंगलवार को कुछ आँकड़े जारी किए थे जिनमें दिखाया गया कि वर्ष 2022 के दौरान, मध्य पूर्व और उत्तर अफ़्रीका के भीतर और वहाँ से निकलने वाले रास्तों में, लगभग 3 हज़ार 800 लोगों की मौत हुई.

ये संख्या वर्ष 2017 के बाद से सबसे ज़्यादा है, जब 4 हज़ार 255 लोगों की मौतें दर्ज की गई थीं.

यूएन एजेंसियों का समर्थन

संयुक्त राष्ट्र की दोनों एजेंसियाँ दक्षिणी ग्रीस के कालामाटा में मौजूद हैं, और स्थानीय प्रशासन के समन्वय में जीवित बचे लोगों को समर्थन व सहायता प्रदान कर रही हैं.

पीड़ितों को ग़ैर-भोज्य वस्तुओं, स्वच्छता किट, दुभाषिया सेवा समेत इस त्रासदी से पहुँचे सदमे के मद्देनज़र, परामर्श सेवा की व्यवस्था की गई है. 

यूएन एजेंसियों के अनुसार, तलाश एवं बचाव अभियान का संचालन, समुद्री क्षेत्र में जीवन हानि टालने के दायित्व के अनुरूप किया जाना होगा. 

प्रवासन संगठन और यूएन शरणार्थी एजेंसी ने ग्रीस में घटित हुई इस त्रासदी की जाँच किए जाने की घोषणा का स्वागत किया है, जिसमें इस नाव के डूबने और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने के कारणों की जाँच की जाएगी. 

'भयावह त्रासदी'

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के प्रमुख वोल्कर टर्क ने भूमध्यसागर में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत होने को एक भयावह त्रासदी बताया है.

यूएन कार्यालय के प्रवक्ता जर्मी लॉरेन्स ने शुक्रवार को जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि तस्करों और मानव व्यापार में संलिप्त लोगों की जाँच किए जाने और उन्हें न्याय के कटघरे में लाए जाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है. 

उन्होंने जीवित बच गए व्यक्तियों और मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी सम्वदेना व एकजुटता व्यक्त की है. पीड़ितों में अनेक महिलाएँ व बच्चे हैं. 

वोल्कर टर्क ने देशों से प्रवासन मार्गों को और अधिक नियमित बनाने, ज़िम्मेदारियों को साझा रूप से निभाने, और समुद्र में बचाए गए सभी व्यक्तियों को समय पर सुरक्षित ढंग से जहाज़ से उतारे जाने का आग्रह किया है.