उपनिवेशवाद की समाप्ति के लिए, ‘हम हवा का रुख़ पलट सकते हैं’

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि उपनिवेशवाद के दौर की आख़िरकार समाप्ति करने और विश्व के बाक़ी बचे 17 उपनिवेशों में टिकाऊ विकास को आगे बढ़ाने में मदद की ख़ातिर, नए विचारों को नए रास्ते खोलने होंगे. उन्होंने इंडोनेशिया के बाली में हो रही – उपनिवेशवाद संगोष्ठि को एक वीडियो सन्देश में ये बात कही है.
यूएन प्रमुख ने, वि-औपनिवेशीकरण पर विशेष समिति – सी24 की क्षेत्रीय संगोष्ठि को अपने सन्देश में कहा, “हमारा साझा लक्ष्य, वि-औपनिवेशीकरण एजेंडा को और ज़्यादा प्राथमिकता देना और बढ़ी गति से कार्रवाई करना है.”
वर्ष 1961 में यूएन महासभा द्वारा स्थापित इस समिति को, औपनिवेशिक देशों और लोगों को स्वतंत्रता दिए जाने की घोषणा पर आवेदन की जाँच-पड़ताल करने का शासनादेश मिला हुआ है.
वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र के जन्म के बाद से, 80 से ज़्यादा ऐसे पूर्व उपनिवेशों को स्वतंत्रता मिली है, जिनमें लगभग 75 करोड़ लोग बसते थे.
वि-औपनिवेशीकरण की मौजूदा प्रक्रिया में, 17 ऐसे क्षेत्रों पर ध्यान है जो स्वप्रशासित नहीं है और ये क्षेत्रों लगभग 20 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं.
यूएन महासचिव ने इस संगोष्ठि की थीम – टिकाऊ विकास लक्ष्यों (SDGs) प्राप्ति – को रेखांकित करते हुए कहा कि 2030 के टिकाऊ विकास एजेंडा की प्राप्ति के लिए आधा समय पहले ही बीत चुका है, “हम आधी से ज़्यादा दुनिया को पीछे छोड़ रहे हैं.”
उन्होंने आगाह करते हुए कहा, “प्रगति रुक गई है, और कुछ मामलों में तो पलट गई है. टिकाऊ विकास लक्ष्य, एक स्वस्थ ग्रह पर रहने वाले सभी जन के लिए शान्ति और समृद्धि का रास्ता हैं; कोई भी देश उन्हें नाकाम होते देने का जोखिम नहीं उठा सकता.”
यूएन प्रमुख ने चेतावनी के अन्दाज़ में कहा कि ये ध्यान रहना चाहिए कि स्वप्रशासन के अभाव वाले बहुत से क्षेत्र जोकि, जलवायु आपदा की अग्रिम पंक्तियों पर लघु द्वीपीय हैं – उनके लिए मुद्दे तो उनके अस्तित्व से जुड़े हुए हैं.
एंतोनियो गुटेरेश ने संगोष्ठि के प्रतिभागियों से कहा, “एक वैश्विक समुदाय के रूप में, हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि क्षेत्रों को, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति, सहनक्षमता निर्माण, और उनके भविष्य में संसाधन निवेश के लिए ज़रूरी संसाधन और समर्थन हासिल हों.”
यूएन प्रमुख ने कहा, “प्रासंगिक प्रस्तावों के अनुरूप, क्षेत्रों, प्रशासनिक शक्तियों और अन्य हितधारकों के दरम्यान, सहयोग मज़ूबूत करने के लिए नए विचार और नए रास्ते खोलने के लिए, मेरी नज़रें आप पर टिकी हुई हैं.”
उन्होंने कहा, “एक साथ मिलकर, हम हवा का रुख़ पलट सकते हैं और इन क्षेत्रों व उनसे भी आगे, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए नई जान फूँक सकते हैं.”
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