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सूडान: बदतर हो रहे मानवीय संकट के बीच, यूएन आपात राहत प्रमुख का दौरा

27 अप्रैल 2023 को पश्चिम दारफ़ूर के अल-जिनिइना शहर में एक स्कूल को जलाकर ध्वस्त कर दिया गया.
Mohamed Khalil
27 अप्रैल 2023 को पश्चिम दारफ़ूर के अल-जिनिइना शहर में एक स्कूल को जलाकर ध्वस्त कर दिया गया.

सूडान: बदतर हो रहे मानवीय संकट के बीच, यूएन आपात राहत प्रमुख का दौरा

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन प्रमुख, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स को, सूडान में तेज़ी से बिगड़ती परिस्थितियों और मानवीय संकट की पृष्ठभूमि में, वहाँ के लिए, तत्काल रवाना किए जाने की घोषणा की है.

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यूएन प्रवक्ता स्तेफ़ान दुजैरिक ने रविवार को एक वक्तव्य में कहा, “सूडान में जो कुछ घटित हो रहा है, उसका दायरा व गति, अभूतपूर्व है. हम सूडान के सभी नागरिकों और वृहद क्षेत्र के लिए, इसके तात्कालिक और दीर्घकालिक असर के प्रति अत्यधिक चिन्तित हैं.”

संयुक्त राष्ट्र ने सभी युद्धरत पक्षों से आमजन और नागरिक प्रतिष्ठानों की रक्षा सुनिश्चित किए जाने, हिंसा प्रभावित इलाक़ों से आम लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता देने और मानवीय राहतकर्मियों व सम्पत्तियों का सम्मान किए जाने का आग्रह किया है.

यूएन के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने अपने एक वक्तव्य में आगाह किया है कि सूडान में मानवीय परिस्थितियाँ दरक जाने के कगार पर हैं, और लड़ाई को तत्काल रोका जाना होगा.   

देश में बड़ी संख्या में परिवारों को जल, भोजन, ईंधन व अन्य अति-आवश्यक सामानों की क़िल्लत से जूझना पड़ रहा है, विशेष रूप से राजधानी ख़ारतूम में.

हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित इलाक़ों से लोग बाहर निकलने में असमर्थ हैं, चूँकि परिवहन क़ीमतों में उछाल आया है. वहीं, लड़ाई की चपेट में आने से घायल हुए व्यक्तियों को स्वास्थ्य देखभाल सेवाएँ सुलभ नहीं हैं.

राहत सामग्री की क़िल्लत

अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफ़िथ्स ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठन, देश में मानवीय सहायता प्रयासों को मज़बूत करने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रहे हैं.

“मानवीय सहायता संगठनों के कार्यालयों और भंडार केन्द्रों में भारी लूटपाट की वजह से हमारी अधिकांश आपूर्ति में कमी आई है.”

“हम जल्द से जल्द अतिरिक्त आपूर्ति लाने और उसे वितरित करने के रास्ते तलाश कर रहे हैं.”

आपात राहत मामलों के यूएन प्रमुख ने बताया कि आपात राहत आपूर्ति की खेप, पोर्ट सूडान से रवाना किए जाने के लिए तैयार है और अब सम्बन्धित एजेंसियों से स्वीकृति की प्रतीक्षा की जा रही है.   

संघर्षविराम की अपील

यूएन के अवर महासचिव को क्षेत्र के लिए रवाना किए जाने की घोषणा से कुछ ही घंटे पहले, यूएन और अन्तरराष्ट्रीय साझीदार संगठनों ने सूडान के सशस्त्र बलों और त्वरित समर्थन बल से 72 घंटे के लिए संघर्षविराम पर सहमत होने की अपील जारी की थी.

इस बीच राजधानी ख़ारतूम में हवाई कार्रवाई किए जाने की ख़बरें मिली हैं.

अफ़्रीकी संघ, पूर्व अफ़्रीकी ब्लॉक (IGAD) और संयुक्त राष्ट्र के त्रिपक्षीय तंत्र ने परस्पर विरोधी गुटों से, संघर्षविराम का पूर्ण रूप से पालन किए जाने की मांग की है, ताकि नागरिकों की रक्षा की जा सके और घनी आबादी वाले इलाक़ों पर हमले रोके जा सकें.

उन्होंने कहा कि इस संघर्षविराम से दोनों पक्षों के बीच शान्ति वार्ता का रास्ता खुलेगा, जिससे टकराव को स्थाई रूप से रोकने की दिशा में बढ़ा जा सके.

सूडान के पूर्व राष्ट्रपति ओमर हसन अल-बशीर को अप्रैल 2019 सत्ता से बेदख़ल किए जाने के बाद, देश को नागरिक शासन व्यवस्था की ओर बढ़ाने के प्रयास चुनौतियों से परिपूर्ण रहे हैं.

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन अवर महासचिव, मार्टिन ग्रिफ़िथ्स.
UN Photo/Loey Felipe

इसी वर्ष के उत्तरार्ध में, सेना और राजनैतिक नेताओं के बीच सत्ता साझा किए जाने पर हुए समझौते के ज़रिए, एक संक्रमणकालीन सरकार का 2019 में गठन किया गया, मगर अक्टूबर 2021 में सैन्य तख़्तापलट में इस सरकार को भी सत्ता से हटा दिया गया.

त्रिपक्षीय तंत्र के तत्वाधान में मई 2022 से वार्ता को आगे बढ़ाया गया है, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक शासन व्यवस्था की बहाली पर एक समझौते पर दिसम्बर 2022 में हस्ताक्षर हुए.

बर्बादी और विस्थापन

मगर, आपसी सहमति की ये आशाएँ, 15 अप्रैल को लैफ़्टिनेंट जनरल अब्देल-फ़ताह अल-बुरहान के नेतृत्व में सूडान के सशस्त्र बलों और लैफ़्टिनेंट जनरल मोहम्मद हमदान डागालो के नेतृत्व वाले त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच लड़ाई शुरू होने के साथ ही धूमिल हो गईं.

अब तक हिंसक झड़पों में सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है, हज़ारों घायल हुए हैं, और 20 हज़ार से अधिक लोगों ने पड़ोसी देश चाड में शरण ली है.

हिंसक टकराव के कारण, संयुक्त राष्ट्र को देश में अपने मानवीय सहायता अभियान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

लड़ाई शुरू होने से पहले ही, सूडान में मानवीय सहायता आवश्यकताएँ रिकॉर्ड स्तर पर थीं, और देश में डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों, यानि क़रीब एक तिहाई आबादी को इस वर्ष मानवीय सहायता की ज़रूरत होगी.

सुरक्षा कारणों से लाल सागर तट पर स्थित पोर्ट सूडान में स्थानांतरित होने वाले मानवीय राहतकर्मियों ने जल्द से जल्द ख़ारतूम वापिस लौटने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.  

यूएन और साझेदार संगठन पोर्ट सूडान में एक टीम गठित कर रहे हैं, जिसका दायित्व देश में मानवीय राहत अभियान को संचालित करना और मानवीय राहत पहुँचाने के लिए मार्ग मुहैया कराने पर बातचीत को आगे बढ़ाना होगा.