माली: सरकारी बलों और 'वागनर समूह' के कथित अपराधों की जाँच की मांग
संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने माली में स्थानीय सरकार से, पिछले वर्ष बड़े पैमाने पर आम नागरिकों की सामूहिक हत्या के मामलों की तत्काल जाँच कराए जाने का आग्रह किया है. माली में सरकारी सुरक्षा बलों और भाड़े पर सैनिक मुहैया कराने वाले तथाकथित रूसी वागनर समूह (private contractor) पर, युद्धापराधों, मानवता के विरुद्ध अपराध समेत मानवाधिकार उल्लंघन के अन्य गम्भीर अपराधों को अंजाम दिए जाने के आरोप लगे हैं.
विशेषज्ञों ने मगलवार को क्षोभ प्रकट करते हुए कहा है कि माली में वागनर समूह की गतिविधियों के कारण, पूरी तरह से आतंक और दंडमुक्ति का माहौल बन गया है.
यूएन विशेषज्ञों ने कहा, “हमें उन विश्वसनीय रिपोर्टों पर विशेष रूप से चिन्ता है जिनके अनुसार मार्च 2022 के आख़िर में कई दिनों तक, माली के सशस्त्र बलों ने कुछ सैन्यकर्मियों के साथ मिलकर, जिन पर वागनर समूह से सम्बद्ध होने का सन्देह है, सैकड़ों लोगों को जान से मार दिया. इन्हें मध्य माली में एक गाँव माउरा में एकत्र किया गया था.”
#Mali: UN experts call for independent investigation into possible international crimes committed by Government forces and “Wagner group”
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UN_SPExperts
मीडिया माध्यमों के अनुसार, वागनर नामक इस समूह को रूसी व्यवसायी येवगेनी प्रिगोज़िन ने गठित किया है, जिस पर यूक्रेन में लड़ाई में शामिल होने की भी व्यापक ख़बरें मिली हैं.
इस मक़सद से रूसी जेलों में सज़ा काट रहे हज़ारों बन्दियों की भर्ती की गई है.
हाल के महीनों में अन्य देशों में भी वागनर समूह के सम्बन्ध में चिन्ताएँ उभरी हैं, जिनमें मध्य अफ़्रीका गणराज्य भी है.
यूएन मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के अनुसार, भाड़े के सैनिकों ने व्यवस्थागत ढंग से मानवाधिकार और मानव कल्याण क़ानून के गम्भीर उल्लंघन किया है, जिनमें मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने, गुमशुदगी और क़ानूनी सुनवाई के बिना ही मौत की सज़ा दिए जाने के मामले बेरोकटोक जारी हैं और इन मामलों मे के दोषियों को दंडित नहीं किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने बताया कि वागनर समूह के अधिकारियों पर बलात्कार, और महिलाओं, पुरुषों व युवा लड़कियों के विरुद्ध यौन हिंसा को अंजाम दिए जाने के मामले भी सामने आए हैं.
“यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग यौन हिंसा के पीड़ित हैं, चूँकि भुक्तभोगी, बदले की भावना की कार्रवाई के डर से अपने मामलों को न्याय के कटघरे में लाने से डरते हैं.”
मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामले
बताया गया है कि माली के माउरा में अत्याचार और अपराधों से इतर, प्यूहल जातीय समूह के व्यक्तियों के विरुद्ध मानवाधिकार हनन के गम्भीर मामलों को अंजाम दिए जाने की विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है.
इनमें यातना, बलात्कार, लूटपाट, मनमाने ढंग से हिरासत में रखा जाना और जबरन गुमशुदगी समेत अन्य मामले हैं.
मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अपने एक वक्तव्य में सैन्य बलों के पारम्परिक कामकाज को माली में वागनर समूह को सौंपे जाने का रुझान बढ़ने पर चिन्ता जताई.
इन इलाक़ों में सरकार उत्तरी और मध्य क्षेत्रों में पिछले कई वर्षों से जिहादी विद्रोह के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही है.
भाड़े के सैनिकों का इस्तेमाल चिन्ताजनक
इसके अलावा, भाड़े के सुरक्षाकर्मियों (private contractors) ने निया आउरो, गाउनी और फ़काला में आतंकवाद-विरोधी अभियानों में भी हिस्सा लिया है.
इसके मद्देनज़र, यूएन विशेषज्ञों ने माली सरकार से आग्रह किया है कि निजी स्तर पर व्यक्तियों के इस टकराव में हिस्सा लेने पर पाबन्दी लगाई जानी होगी.
“भाड़े के सैनिकों या उनके जैसे तत्वों, निजी सुरक्षा व सैन्य कम्पनियों का इस्तेमाल, हिंसा का चक्र केवल और गहरा होगा, और देश में दंडमुक्ति की भावना प्रबल होगी.”
वागनर समूह के भुक्तभोगियों को यौन हिंसा समेत मानवाधिकार हनन के मामलों में न्याय पाने और कष्ट-निवारण के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है.
इसकी एक वजह माली में वागनर समूह की गतिविधियों के सम्बन्ध में पसरी गोपनियता और अपारदर्शिता को बताया गया है.
यूएन विशेषज्ञों के अनुसार, अपनी बात कहने की हिम्मत रखने वाले लोगों के विरुद्ध बदले की भावना से कार्रवाई के ख़तरे से, वागनर समूह के हाथों पीड़ितों के लिए आतंक और दंडमुक्ति के माहौल का कारण बन गया है.