सड़क यातायात सुरक्षा: ज़िन्दगियों की रक्षा, विकास को सहारा
संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद ने वैश्विक सड़क सुरक्षा में बेहतरी लाने के उपायों पर केन्द्रित एक उच्चस्तरीय बैठक को, सड़क यातायात दुर्घटनाओं में ज़िन्दगियों की रक्षा के लिये एक अहम अवसर बताया है. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अपने सम्बोधन में सचेत किया कि सुरक्षित सड़कें, टिकाऊ विकास की प्राप्ति में सहायक हैं.
एक अनुमान के अनुसार, सड़क यातायात दुर्घटनाओं में हर साल 13 लाख लोगों की मौत होती है, और देशों को अपने वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में तीन प्रतिशत तक का नुक़सान उठाना पड़ता है.
Every 2⃣4⃣ seconds, the 🌍 loses:a childa fathera mothera brothera sistera frienda colleagueWe urge world leaders to ensure #RoadSafety for all! 👉https://t.co/z02YFscnZe pic.twitter.com/5BgCq0qsHh
WHO
विश्व भर में पाँच से 29 वर्ष के आयु वर्ग में होने वाली मौतों के लिये सड़क दुर्घटनाएँ, सबसे बड़ी वजहों में से हैं.
वैश्विक सड़क दुर्घटनाओं में हर एक मिनट में दो लोगों की मौत होती है. मोटर-गाडियाँ विकसित किये जाने के बाद से अब तक दुनिया भर में सड़कों पर पाँच करोड़ लोगों की मौत हो चुकी है.
यूएन महासभा प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद ने कहा, “आज की बैठक...ज़रूरी बदलाव लागू करने का एक अहम अवसर व मंच प्रदान करती है. राजनैतिक इच्छाशक्ति को मज़बूत बनाने, निवेश का स्तर बढ़ाने और सीखे गए सबक़ का लाभ उठाने के लिये.”
साथ ही, इसके ज़रिये ‘सड़क सुरक्षा पर कार्रवाई के दशक’ में वैश्विक योजना पर कार्य को तेज़ी से आगे बढ़ाया जाएगा, जोकि पिछले वर्ष शुरू हुआ है.
उच्चस्तरीय बैठक के दौरान, विश्व भर में सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों को श्रृद्धांजलि देने के लिये एक मिनट का मौन रखा गया.
महासभा अध्यक्ष ने कहा कि सड़क यातायात सुरक्षा में बेहद चिन्ताजनक आँकड़ों को बदले जाने की आवश्यकता है और यह चर्चा इसी दिशा में लक्षित है.
इस क्रम में, उन्होंने पाँच प्रमुख बिन्दु साझा किये हैं:
- पहला, सड़कों पर मौत बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है
- दूसरा, मौतों में कमी लाने और विकास को बढ़ावा देने के लिये वैश्विक योजना अहम है
- तीसरा, गुरूवार को आयोजित उच्चस्तरीय बैठक, वैश्विक सड़क सुरक्षा के लिये प्रयासों में एक अहम पड़ाव है
- चौथा, सड़क सुरक्षा के लिये रूपान्तरकारी नेतृत्व और सुशासन सुनिश्चित किया जाना महत्वपूर्ण है
- पाँचवा, इस लक्ष्य की प्राप्ति में हर किसी की भूमिका है
विकास मार्ग में अवरोध
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि सड़क दुर्घटनाएँ, लचर बुनियादी ढाँचे, अनियोजित शहरीकरण, पस्त स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और देशों के भीतर व उनके बीच पसरी विषमताओं से जुड़ी हैं.
उन्होंने कहा कि असुरक्षित सड़कें, विकास मार्ग में भी एक बड़ी बाधा हैं.
महासचिव के अनुसार यातायात दुर्घटनाओँ से पूरा परिवार निर्धनता के गर्त में धँस सकता है – परिवार को भरण पोषण करने वाले व्यक्ति की मौत होने, कमाई का साधन खो जाने या फिर लम्बे समय तक इलाज की वजह से.
‘सुरक्षित सड़कें टिकाऊ विकास को बढ़ावा देती हैं.’
स्पष्ट लक्ष्य, समग्र कार्रवाई
उच्चस्तरीय बैठक के दौरान एक राजनैतिक घोषणापत्र भी पारित किया गया, जिसके अहम लक्ष्य, यूएन प्रमुख ने साझा किये.
इस घोषणापत्र में वर्ष 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों व घायलों में 50 फ़ीसदी की कमी लाने और सतत सचलता को बढ़ावा देने की पुकार लगाई गई है.
इन प्रयासों के केन्द्र में सुरक्षा को रखा गया है.
“हमें सबसे बड़े ख़तरों को घटाने के लिये ज़्यादा महत्वाकांक्षी और व तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.”
उदाहरणस्वरूप, तेज़ गति से गाड़ी चलाना, शराब सेवन या मादक पदार्थ व दवा लेकर, ड्राइविंग करना, सीट बेल्ट या हेलमेट ना बान्धना, असुरक्षित सड़क बुनियादी ढाँचा और असुरक्षित वाहन, पैदल चलने वालों के लिये लचर सुरक्षा और यातायात क़ानूनों को सही ढंग से लागू ना किया जाना.
महासचिव ने सतत व सुरक्षित बुनियादी ढाँचे और स्वच्छ सचलता व हरित शहरी नियोजन के लिये वित्त पोषण पर बल दिया है, विशेष रूप से निम्न और मध्य-आय वाले देशों में.
साथ ही, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन से लेकर, कार्बन उत्सर्जन में कटौती, भूमि के इस्तेमाल की योजनाओं और आपदा राहत योजनाओंमें में सड़क सुरक्षा को एकीकृत किया जाना होगा.
असुरक्षित परिवहन प्रणाली चिन्ताजनक
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने ध्यान दिलाया कि सड़क सुरक्षा हर किसी को प्रभावित करती है.
“हम हर दिन अपने घर से बाहर सड़कों पर निकलते हैं, जो हमें हमारे रोज़गारों, स्कूलों और दैनिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिये रास्तों पर ले जाती हैं.”
“इसके बावजूद हमारी परिवहन प्रणाली अब भी बहुत ख़तरनाक बनी हुई है. गतिशीलता के भविष्य में स्वास्थ्य व कल्याण, पर्यावरण संरक्षण और सर्वजन की भलाई को बढ़ावा दिया जाना होगा.”
उन्होंने राजनैतिक घोषणापत्र का स्वागित करते हुए कहा कि इस दूरदृष्टि को वास्तविकता के धरातल पर साकार करने के लिये, सरकार के उच्चतम स्तर पर रूपान्तरकारी नेतृत्व की दरकार होगी.