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मादक ड्रग मेथमफ़ेटामीन की एक अरब से अधिक गोलियाँ हुईं ज़ब्त

चीन के फ़ुजियान प्रान्त में मेथमफ़ेटामीन. पूर्वी व दक्षिण पूर्वी एशिया में मादक पदार्थों का अवैध व्यापार बढ़ रहा है.
Gary Todd
चीन के फ़ुजियान प्रान्त में मेथमफ़ेटामीन. पूर्वी व दक्षिण पूर्वी एशिया में मादक पदार्थों का अवैध व्यापार बढ़ रहा है.

मादक ड्रग मेथमफ़ेटामीन की एक अरब से अधिक गोलियाँ हुईं ज़ब्त

क़ानून और अपराध रोकथाम

मादक पदार्थों एवं अपराध पर संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (UNODC) की एक नई रिपोर्ट में, पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया में कृत्रिम मादक पदार्थों के बेरोकटोक ग़ैरक़ानूनी उत्पादन और तस्करी में आ रही तेज़ी पर चेतावनी जारी की गई है. पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया में साल 2021 में, क़रीब 172 टन मेथमफ़ेटामीन और इसकी एक अरब गोलियाँ (tablets) ज़ब्त की गईं, जोकि एक रिकॉर्ड है.

Synthetic Drugs in East and Southeast Asia: latest developments and challenges 2022, शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मेथमफ़ेटामीन का उत्पादन, तस्करी व इस्तेमाल किया जा रहा है.  

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आपूर्ति बढ़ने की वजह से दक्षिण पूर्व एशिया में मेथमफ़ेटामीन की गोलियों और क्रिस्टल मेथमफ़ेटामीन की क़ीमतों में गिरावट आई है. मलेशिया और थाईलैण्ड में थोक और सड़कों पर इन पदार्थों की क़ीमतें अपने सबसे निचले स्तर पर थीं.

इन पदार्थों की क़ीमत में गिरावट दर्ज किया जाना चिन्ताजनक है, चूँकि फिर इसकी सुलभता व उपलब्धता उन लोगों के लिये भी बढ़ जाती है, पहले, जिनकी पहुँच से ये बाहर थीं.

प्रशान्त व दक्षिण-पूर्व एशिया के लिये UNODC के क्षेत्रीय प्रतिनिधि जर्मी डगलस ने कहा, “पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया में मेथमफ़ेटामीन और सिंथेटिक दवा के व्यापार का स्तर व पहुँच विशाल है, और इसके बावजूद, यदि क्षेत्र ने अपने तौर-तरीक़े नहीं बदले और उन बुनियादी वजहों से नहीं निपटा गया, जिनकी वजह से यह यहाँ तक पहुँचा, तो इसका बढ़ना जारी रह सकता है.”

संगठित आपराधिक और हथियारबन्द गुटों ने स्वर्णिम त्रिभुज और म्याँमार के सीमावर्ती इलाक़ों में वैश्विक महामारी और राजनैतिक अस्थिरता का फ़ायदा उठाते हुए उत्पादन बढ़ाना जारी रखा है.

स्वर्णिम त्रिभुज वो क्षेत्र है, जहाँ थाईलैण्ड का चियांग राय प्रान्त, म्याँमार और लाओस से मिलता है.

बताया गया है कि थाईलैण्ड और मेकान्ग व एशिया-प्रशान्त के अन्य हिस्सों में तस्करी के लिये लाओ पीडीआर एक बड़ा केन्द्र बन गया है. 

इसके अलावा मलेशिया को भी इण्डोनेशिया, फ़िलिपींस, जापान, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में लाने-ले जाने और तस्करी के लिये एक साधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

तस्करी में चिन्ताजनक उछाल 

वर्ष 2021 में पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया में क़रीब 172 टन मेथमफ़ेटामीन और इसकी एक अरब गोलियाँ (tablets) पकड़ी गईं, जोकि एक रिकॉर्ड है.

यह संख्या 10 वर्ष पहले से लगभग सात गुणा अधिक है, जब 14 करोड़ 30 लाख टैबलेट्स ज़ब्त की गई थीं, जबकि 20 साल पहले की तुलना में 35 गुना से भी ज़्यादा है. 

वर्ष 2021 में ही 79 टन क्रिस्टल मेथमफ़ेटामीन ज़ब्त किया गया, जबकि 2020 में यह आँकड़ा 82 टन था. मगर पिछले एक दशक में ज़ब्त मादक पदार्थों की मात्रा दस गुना हो चुकी है.

रिपोर्ट बताती है कि संगठित अपराधियों के पास अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिये हर चीज़ उपलब्ध है: उत्पादन के लिये क्षेत्र, रासायनिक तत्वों तक पहुँच, तस्करी के लिये मार्ग और उत्पाद लाने-ले जाने के लिये जुड़े हुए तार.  

साथ ही आबादी का एक ऐसा बड़ा हिस्सा है, जो इन उत्पादों के लिये ख़र्च करने के लिये भी तैयार है.  

बढ़ती पहुँच

रिपोर्ट के अनुसार स्वर्णिम त्रिभुज से, मेथमफ़ेटामीन ने 2021 में दक्षिण एशिया में भी अपनी पहुँच में विस्तार किया है. 

स्वर्णिम त्रिभुज में तैयार की गई क्रिस्टल मेथमफ़ेटामीन के पैकेज और टैबलेट्स, पूर्वोत्तर भारत में ज़ब्त किये जा रहे हैं और यही रुझान कुछ साल पहले बांग्लादेश में देखा गया था. 

इन मादक पदार्थों का इस्तेमाल बढ़ने के गहरे सामाजिक दुष्परिणाम सामने आते हैं, जबकि प्रभावित क्षेत्र में स्वास्थ्य हानि में कमी लाने वाली सेवाओं की सीमित उपलब्धता है.

यूएन विशेषज्ञों ने फ़िलहाल मेथमफ़ेटामीन को क्षेत्र में अपनी मुख्य चिन्ता माना है, मगर अन्य सिंथेटिक ड्रग्स, जैसे कीटामीन भी व्यापक रूप से उपलब्ध हैं. इनसे मादक पदार्थों का सेवन करने वाले लोगों को नुक़सान पहुँच सकता है.