यूएन महासभा (UNGA) का 76वाँ सत्र शुरू

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने, मंगलवार को यूएन महासभा के 75वें सत्र का समापन करते हुए कहा है कि विश्व ने, कोविड-19 महामारी के रूप में, दूसरे विश्व युद्ध के बाद का सबसे चुनौतीपूर्ण दौर देखा है. उन्होंने कहा कि बीते सत्र ने, गहरी होती विषमताएँ, धराशाई होती अर्थव्यवस्थाएँ और लाखों-करोड़ों लोगों को, अत्यधिक निर्धनता के गर्त में धकेले जाते हुए देखा है.
75वें सत्र के लिये अध्यक्ष तुर्की के राजदूत वोल्कान बोज़किर ने नए महासभा प्रमुख अब्दुल्ला शाहिद को परम्परागत हथौड़ा (Gavel) सौंपा.
महासचिव एंतोनियो गुटेेरेश ने निर्वतमान अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर को विदाई अभिवादन पेश किया.
"It is time that we stand up and give hope."-- UN General Assembly President-elect @abdulla_shahid shares his vision for the 76th #UNGA session. https://t.co/AI6UfMbQ82 pic.twitter.com/pdJ3iqpPNk
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“इस पूरे कठिन व ऐतिहासिक दौर में, हमें महामहिम अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर के नेतृत्व पर निर्भर रहने का सौभाग्य हासिल हुआ.”
यूएन प्रमुख ने कहा कि वोल्कान बोज़किर के नेतृत्व में, यूएन महासभा ने स्वास्थ्य प्रणालियों को मज़बूत किये जाने पर ध्यान दिया, कोविड-19 के परीक्षण, उपचार व उपकरण उपलब्ध कराए जाने की बात की, और इतिहास में सर्वाधिक महत्वाकांक्षी टीकाकरण अभियान में योगदान किया.
इससे भी ज़्यादा, उन्होंने शान्ति और सुरक्षा, निरस्त्रीकरण, मानवाधिकार, लैंगिक समानता और टिकाऊ विकास के क्षेत्रों में, यूएन महासभा के काम को आगे बढ़ाया.
साथ ही, शान्ति निर्माण से लेकर, आतंकवाद निरोधक और मानवता के ख़िलाफ़ अपराधों की रोकथाम – जलवायु परिवर्तन का सामना करने और मानव तस्करी पर लगाम कसने जैसे मुद्दों पर प्रमुख प्रस्ताव पारित होने की प्रक्रिया की निगरानी की.
यूएन महासचिव ने कहा, “संक्षिप्त में कहें तो, अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर के नेतृत्व में, इस महासभा ने, एक बार फिर, बहुपक्षवाद और नियम आधारित अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था की अहमियत को साबित किया है.”
यूएन महासभा (UNGA) के निर्वतमान अध्यक्ष वोल्कान बोज़किर ने 75वाँ सत्र की अन्तिम बैठक में, एक भावुक तक़रीर में कहा कि उनके कार्यकाल ने एक उथल-पुथल भरा, ऐतिहासिक, परिवर्तनशील, असमान, चुनौतीपूर्ण और अभूतपूर्व वर्ष देखा है.
उन्होंने कहा, “अध्यक्ष का कार्यकाल शुरू होते समय ही, हमने देख लिया था कि, कोविड-19 मुद्दा ही, हमारे एजेण्डा पर छाया रहेगा.
अलबत्ता, अब मैं ये कह सकता हूँ कि इस मुद्दे ने, एक ज़्यादा प्रभावशाली और ज़्यादा सक्रिय संयुक्त राष्ट्र में हमारा विश्वास और भी पक्का कर दिया है.”
वोल्कान बोज़किर ने, महासभा अध्यक्ष के पद की अपनी ज़िम्मेदारी पूरी करते हुए, कुछ सिफ़ारिशें भी पेश कीं जिनमें महासभा को मज़बूत किये जाने, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों और विश्व के सर्वोच्च राजनैतिक कार्यालय को और ज़्यादा सम्मान दिये जाने जैसे मुद्दे शामिल हैं.
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र को गरिमा, साख और प्रगति के सर्वाधिक प्रमुख ठिकाने के रूप में प्राथमिकता दिये जाने की भी सिफ़ारिश की है.
उन्होंने महासभा अध्यक्ष के रूप में, अन्तिम बार हथौड़ा प्रयोग करने से पहले, मौन और ध्यान के कुछ लम्हों का भी आहवान किया.
यूएन महासभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष, मालदीव के अब्दुल्ला शाहिद ने 76वें सत्र का उदघाटन करते हुए ध्यान दिलाया कि उनके देश का ध्वज इस दिन बहुत गर्व महसूस कर रहा है.
उन्होंने लगभग सार्वभौमिक प्रकृति की सामूहिक चिन्ता और हताशा नज़र आने का ज़िक्र किया, जिसमें से सारी चिन्ता, महामारी से सम्बन्धित नही है.
उन्होंने कहा कि चर्चा का रुख़ बदलना होगा, और महासभा को इसमें एक सक्रिय भूमिका निभानी होगी.
अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि इतिहास का ये लम्हा, सबसे ज़्यादा आशा बनाए रखने की पुकार लगाता है ताकि वैश्विक आबादी को ये दिखाया जा सके कि हम उनकी तकलीफ़ों से वाकिफ़ हैं...उनकी बात सुन रहे हैं...और हम समस्याओं पर पार पाने के लिये, साथ मिलकर काम करने के इच्छुक हैं.
और ये कि हम, आगे बढ़ने की हिम्मत जुटा सकते हैं, दुनिया भर में टीकाकरण कर सकते हैं, और महामारी से उबरने में एक हरित व ज़्यादा समावेशी पुनर्बहाली का रास्ता बना सकते हैं.
अब्दुल्ला शाहिद का विशेष साक्षात्कार पढ़ने के लिये यहाँ क्लिक करें
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने, 76वें सत्र का उदघाटन करते हए कहा कि पार्टनरशिप यानि साझेदारी और साझा मुद्दों पर एकजुट होने की ये भावना, यहाँ संयुक्त राष्ट्र में, हमारे कामकाज की धड़कन है.
यूएन प्रमुख ने, मालदीव के राजनयिक अब्दुल्ला शाहिद को यूएन महासभा के 76वें सत्र का अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई देते हुए कहा कि उनके लम्बे कूटनीतिक अनुभव की ओर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने ये भी कहा कि मालदीव्स का प्रतिनिधित्व करते समय, अब्दुल्ला शाहिद, लघु द्वीपीय देशों के अनोखा अनुभव और दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हैं.
उन्होंने कहा, “श्रीमान अध्यक्ष महोदय, समय के इस असाधारण दौर में, जब हम देशों की सेवा और उन्हें समर्थन व सहयोग देने का काम जारी रखे हुए हैं, मैं आपके साथ निकट रूप में मिलजुलकर काम करने के लिये उत्सुक हूँ...”
उन्होंने संयुक्त राषट्र परिवार के पूर्ण सहयोग व साझेदारी निभाने का वादा करते हुए, बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सम्भावनाओं व क्षमताओं पर खरा उतरने के लिये भी प्रयास करना का वादा किया.