‘बारूदी सुरंग के ख़तरों को ना भूले दुनिया’

दशकों पहले दुनिया के कई देशों में लाखों बारूदी सुरंगों के बिछे होने और लोगों के उनकी चपेट में आने से मासूम ज़िंदगियां बर्बाद हो रही थी. शनिवार, 4 अप्रैल, को ‘अंतरराष्ट्रीय बारूदी सुरंग जागरूकता दिवस’ पर यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ध्यान दिलाया है कि कोविड-19 की चुनौती पर पार पाते समय ध्यान रखना होगा कि कई इलाक़ों में युद्धों के विस्फोटक अवशेष आज भी लोगों के लिए ख़तरा बने हुए हैं.
लड़ाई ख़त्म होने के सालों बाद भी हिंसक संघर्षों और युद्धों के दौरान बिछाई गई बारूदी सुरंगों और विस्फोटकों से आम नागरिकों, शांतिरक्षकों और मानवीय राहत कर्मचारियों को जान का जोखिम बना रहता है.
The achievements of the mine action community show that, in working together, we can reach milestones once seen as impossible – a timely message for our efforts today against #COVID19.-- @antonioguterres on Saturday's Mine Awareness Day. https://t.co/LsOH5TQJfU pic.twitter.com/tVt6Au8dwv
UN
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा कि कम्बोडिया से मोज़ाम्बीक़ तक और अंगोला से अफ़ग़ानिस्तान तक, बहुत से देशों में हज़ारों जानें गई और कई अन्य ज़िंदगियां एक ग़लत क़दम के कारण हमेशा के लिए बदल गईं.
“आज कई देशों ने ख़ुद को बारूदी सुरंग से मुक्त घोषित कर दिया है जबकि अन्य देश उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.”
लेकिन जिन देशों में बारूदी सुरंग एक वास्तविकता है वहां “बाज़ार जाती महिलाएं, पशु चराते किसान, ज़रूरतमंदों तक मदद पहुंचाने का प्रयास करते राहतकर्मी” सबसे ज़्यादा जोखिम झेल रहे हैं.
अपने संदेश में उन्होंने कहा कि विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के कारण इस अवसर पर होने वाले कार्यक्रमों को सीमित करना पड़ रहा है.
“कोविड-19 जनित ख़तरे हर देश, हर व्यक्ति को ऐसे क़दम उठाने के लिए मजबूर कर रहे हैं जिनकी कुछ सप्ताह पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी.”
बारूदी सुरंगों को हटाए जाने के बाद सुरक्षित भूमि पर होने वाले फ़ुटबॉल टूर्नामेंट को फ़िलहाल स्थगित कर दिया गया है और बारूदी सुरंगों पर कार्रवाई करने वाले समुदायों को साथ लेने वाले आयोजनों को भी ऑनलाइन ही कराए जाने की संभावना है.
“इसके बावजूद, इस अभूतपूर्व संकट के बीच हम इस दिन को अनदेखा नहीं कर सकते, ना ही हम विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों की उपेक्षा कर सकते हैं.”
बारूदी सुरंग पर कार्रवाई करने वाले समुदाय की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि साथ मिलकर ऐसे मुक़ाम हासिल किए जा सकते हैं जिन्हें कभी असंभव समझा जाता था. विश्वव्यापी महामारी पर क़ाबू पाने के लिए जारी प्रयासों के परिप्रेक्ष्य में उन्होंने इस एहसास को सामयिक क़रार दिया है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि एक बड़ी आबादी आज कोविड-19 संक्रमण के जोखिम का भी सामना कर रही है. उन्होंने ध्यान दिलाया कि जब दुनिया मौजूदा संकट से उबर जाएगी तो सीरिया से माली और अन्य स्थानों पर बारूद के साए में अपनी ज़िंदगी गुज़ारने को मजबूर लोगों को मदद की ज़रूरत होगी.
वर्ष 1990 के शुरुआती सालों में नागरिक समाज संगठनों द्वारा पुरज़ोर ढंग से आवाज़ उठाए जाने के बाद बहुपक्षीय प्रणालियों ने बारूदी सुरंगों के इस्तेमाल के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अख़्तियार किया था.
वर्ष 1997 में नॉर्व की राजधानी ओस्लो में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान इस संधि पर सहमति बनी थी. इसके तहत बारूदी सुरंगों का इस्तेमाल करने, उनके भंडारण और उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2005 में हर साल 4 अप्रैल को ‘बारूदी सुरंग के प्रति जागरूकता एवं बारूदी सुरंग कार्रवाई में सहायता का अंतरराष्ट्रीय दिवस’ मनाने की घोषणा की थी.