कोविड-19: 'साझा लड़ाई में ऊर्जा का हर क़तरा अहम'

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि दुनिया में आज सिर्फ़ एक ही लड़ाई की ज़रूरत है, जो विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 के ख़िलाफ़ साझा लड़ाई है. उन्होंने चेतावनी जारी की है कि अनेक हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में महामारी के कारण हालात अभी और भी बदतर हो सकते हैं इसलिए शांति व एकता की पहले से कहीं ज़्यादा ज़रूरत है.
महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने कुछ दिन पहले वैश्विक युद्धविराम की अपील जारी की थी जिसके बाद उसके असर पर शुक्रवार को एक रिपोर्ट जारी करते हुए उन्होंने कहा कि अनेक देशों और हलकों से अपील को समर्थन मिला है लेकिन उसे यथार्थ के धरातल पर उतारने में अभी और ज़्यादा प्रयासों की ज़रूरत होगी.
लेकिन यूएन प्रमुख ने चिंता जताई कि घोषणा करने और उसे वास्तविक रूप से अमल में लाए जाने में अब भी बड़ा फ़ासला है – शब्दों को ज़मीनी हक़ीक़त और लोगों के जीवन में शांति बहाल करने में तब्दील करना.
"We need to do everything possible to find the peace & unity our world so desperately needs to battle #COVID19. We must mobilize every ounce of energy to defeat it."-- @antonioguterres https://t.co/IQeeneOSAh #coronavirus pic.twitter.com/a8cXgwbMgP
UN
यूएन प्रमुख ने कहा कि वैश्विक युद्धविराम की उनकी पुकार को दुनिया भर में बल मिला है और उसे समर्थन देने वाले सदस्य देशों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
70 से ज़्यादा क्षेत्रीय साझीदारों, नागरिक समाज नैटवर्क और संगठनों, संयुक्त राष्ट्र टिकाऊ विकास लक्ष्यों के पैरोकारों और यूएन की ओर से शांति संदेश दूतों ने उसे समर्थन दिया है.
साथ ही पोप फ़्रांसिस सहित धर्मगुरुओं ने अपनी नैतिक आवाज़ से और नागरिकों ने ऑनलाइन माध्यमों पर एकजुटता के ज़रिए वैश्विक युद्धविराम की अपील को मज़बूती दी है.
यूएन प्रमुख ने माना कि गहरे अविश्वास, संदेहों और अनेक अन्य कारणों से युद्धविराम को लागू करना कठिन है. इसलिए गंभीर हालात वाली अनेक परिस्थितियों में लड़ाई में कोई कमी नहीं आई है और जहां कुछ असर हुआ है वो भी नाज़ुक है और स्थिति कभी भी बदल सकती है.
“इन चुनौतियों पर पार पाने के लिए हमें स्फूर्तिवान कूटनैतिक प्रयासों की ज़रूरत है. बंदूकों को शांत करने के लिए हमें शांति की आवाज़ें उठानी होंगी."
महासचिव ने स्पष्ट किया कि ऐसी सभी परिस्थितियों में उनके विशेष प्रतिनिधि, विशेष दूत और रेज़िडेंट कोऑर्डिनेटर को हरसंभव मदद प्रदान की जाएगी ताकि टिकाऊ शांति के पहली शर्त के रूप में संघर्षरत पक्षों को वास्तविक युद्धविराम की दिशा में बढ़ाया जा सके.
यूएन प्रमुख ने कहा कि इस विश्वव्यापी महामारी के गहरे सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक असर हुए हैं और अंतरराष्ट्रीय शांति व सुरक्षा भी प्रभावित हुई है.
“हम इसे, उदाहरणस्वरूप, चुनावों के रद्द होने या वोट देने की क़ाबलियत सीमित होने, आवाजाही पर निरंतर पाबंदी लगे रहने, बेरोज़गारी बढ़ने और अन्य कारणों में देखते हैं जिससे असंतोष और राजनैतिक तनाव बढ़ सकता है.”
इसके अलावा आतंकवादी या चरमपंथी गुट भी इस वायरस के फैलने से पसरी अनिश्चितता का फ़ायदा उठा सकते हैं.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 का तूफ़ान अब हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का रुख़ कर रहा है. इस वायरस ने दिखाया है कि ये कितनी जल्दी सीमाओं को पार कर सकता है, देशों को बर्बाद कर सकता है और जीवन में उथल-पुथल मचा सकता है.
यूएन प्रमुख ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि हालात अभी और भी बदतर हो सकते हैं.
इसलिए वे सभी लोग जो अपनी आवाज़ के ज़रिए बदलाव ला सकते हैं, उन्हें लड़ाकों से हथियार डालने की अपील में हिस्सा लेना चाहिए.
यूएन प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ इस लड़ाई में शांति और एकता की बहुत ज़रूरत है और उसके लिए हरसंभव प्रयास करना होगा. इसे हराने के लिए ऊर्जा का हर क़तरा जुटाना होगा.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि दस दिन पहले उन्होंने दुनिया के हर कोने में तत्काल युद्धविराम की अपील जारी की थी ताकि ज़रूरतमंदों और नाज़ुक हालात वाले समुदायों तक जीवनरक्षक सहायता पहुंचाना संभव हो सके.