कोविड-19: जी-20 नेताओं से एकजुटता के साथ समन्वित कार्रवाई की पुकार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने जी-20 समूह की बैठक में कोविड-19 पर क़ाबू पाने के लिए सामूहिक अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई किए जाने की पुकार लगाई है. यूएन प्रमुख ने बुधवार को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के ज़रिए विश्व के शीर्ष नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस वायरस के ख़िलाफ़ युद्ध में जीत हासिल करने के लिए आपसी एकजुटता की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है.
जी-20 विश्व में उभरती व विकसित, सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का समूह है जो दुनिया के कुल 85 फ़ीसदी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिए ज़िम्मेदार है. जी-20 समूह के मौजूदा अध्यक्ष सऊदी अरब द्वारा आयोजित इस शिखर वार्ता में नेताओं ने वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के ज़रिए शिरकत की.
कोरोनावायरस के कारण अब तक विश्व भर में चार लाख से ज़्यादा लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है और 18 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है.
विश्वव्यापी महामारी कोविड-19 से ऐहतियाती उपायों के मद्देनज़र कई देशों में तालाबंदी लागू है जिससे क़रीब तीन अरब लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है.
Make no mistake: #COVID19 anywhere is a threat to countries and people everywhere.The magnitude of our response must match the scale of the crisis.My remarks to #G20 leaders: https://t.co/6leJhlSW0D
antonioguterres
यूएन प्रमुख ने जी-20 नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम इस वायरस से युद्ध कर रहे हैं और और फ़िलहाल इस युद्ध में हमारी जीत नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि इस युद्ध को जीतने के लिए एक ठोस योजना की ज़रूरत है.
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस कार्य में जी-20 नेताओं में और विकासशील देशों के साथ आपसी एकजुटता अहम है – ख़ासतौर पर हिंसक संघर्ष से प्रभावित देशों के साथ.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि कोविड-19 के फैलाव को जल्द से जल्द रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि जी-20 के स्तर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप एक समन्वित ढांचा तैयार किया जाए.
उन्होंने बताया कि सभी देशों क पास नियमित तौर पर परीक्षण करने, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने, संदिग्धों को अलग रखने और बीमारों की देखभाल सुनिश्चित करने की क्षमता होनी चाहिए.
बताया गया है कि इस वायरस पर तब तक क़ाबू पाना बेहद अहम है जब तक इसके लिए एक असरदार वैक्सीन तैयार ना हो जाए.
साथ ही उन देशों के लिए समर्थन सुनिश्चित करना ज़रूरी है जहां स्वास्थ्य प्रणालियों अपेक्षाकृत रूप से कमज़ोर हैं.
लोगों के स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करने वाली इस महामारी से सामाजिक व आर्थिक चुनौतियां भी पैदा हुई है.
महासचिव गुटेरेश ने इसके असर को कम करने के लिए सामूहिक कार्रवाई का आहवान किया है.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि वित्तीय प्रणाली में नक़दी को सुनिश्चित करते समय मानवीय पहलुओं को सर्वोपरि रखते हुए लोगों, घरों और व्यवसायों के लिए आजीविका की सुरक्षा का ख़याल रखा जाना होगा.
इन सभी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर वैश्विक कार्रवाई की ज़रूरत पर बल दिया गया है.
इस संबंध में उन्होंने नक़दी उपलब्ध कराए जाने और विकसित देशों में सामाजिक व आर्थिक समर्थन मुहैया कराए जाने के क़दमों का स्वागत किया है.
इन क़दमों के तहत व्यक्तियों व व्यवसायों तक सीधे वित्तीय मदद पहुंचाए जाने का प्रयास किया जा रहा है.
लेकिन उन्होंने ध्यान दिलाया कि विकासशील देशों के लिए भी इन्हीं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए व्यापक स्तर पर निवेश की ज़रूरत होगी.
इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं की भूमिका अहम होगी.
इसके तहत केंद्रीय बैंकों को क़र्ज़ घटाने के लिए समन्वित ढंग से कार्रवाई करते हुए ब्याज़ दरों में छूट जैसे विकल्पों पर विचार करना होगा.
यूएन प्रमुख ने वो पाबंदियाँ भी हटाने का आग्रह किया है जो किसी देश के लिए इस महामारी से निपटने के प्रयासों में अवरोध उत्पन्न करें.
महासचिव गुटेरेश ने कहा कि दुनिया को फिर से पटरी पर लाने के लिए साथ मिलकर एक ऐसी ज़मीन तैयार करनी होगा जो टिकाऊ विकास लक्ष्यों के 2030 एजेंडा के अनुरूप पहले से कहीं ज़्यादा टिकाऊ, समावेशी और न्यायोचित अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण करे.