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योरोप में ख़सरा का ख़तरा फिर उठा रहा है सिर

यूक्रेन के कीव में बच्चों के एक अस्पताल में चिकित्साकर्मी एक बच्ची को ख़सरा की पहली ख़ुराक़ देते हुए. योरोप में अब ख़सरा फिर से सिर उठा रही है.
© UNICEF/UN0201055/Krepkih
यूक्रेन के कीव में बच्चों के एक अस्पताल में चिकित्साकर्मी एक बच्ची को ख़सरा की पहली ख़ुराक़ देते हुए. योरोप में अब ख़सरा फिर से सिर उठा रही है.

योरोप में ख़सरा का ख़तरा फिर उठा रहा है सिर

स्वास्थ्य

ख़सरा का ख़ात्मा करने के अभियान में योरोप पीछे छूट रहा है. योरोप के ख़सरा और रूबेला उन्मूलन पुष्टिकरण क्षेत्रीय आयोग (आरवीसी) ने गुरूवार को आगाह करते हुए कहा है कि योरोप के अनेक ऐसे देशों में जहाँ ख़सरा या तो पूरी तरह ख़त्म हो गया था या उस पर व्यापक पैमाने पर क़ाबू पा लिया गया था, वहाँ अब ये कामयाबी कमज़ोर पड़ती दिख रही है.

 

आरवीसी के अध्यक्ष गुंटेर प्फाफ़ वार्षिक आकलन पूरा करने के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा, "अगर उच्च स्तर पर लोगों को ख़सरा से बचने की ख़ुराकें नहीं दी जाती हैं और उसे हर समुदाय में लगातार व टिकाऊ नहीं रखा जाता है तो बच्चे और वयस्क दोनों ही इसके गंभीर नतीजे भुगतेंगे, यहाँ तक कि कुछ की तो दर्दनाक मौत हो जाएगी."

आरवीसी के अनुसार साल 2018 के अंत तक 35 देशों में ख़सरा को ख़त्म करने और उस ख़ात्मे को बरक़रार रखने में कामयाबी हासिल की गई थी. जबकि साल 2017 के अंत तक ऐसे देशों की संख्या 37 थी. जबकि 12 देश अब भी ख़सरा के लिए उपजाऊ बने हुए हैं. 

अल्बानिया, चैक गणराज्य, ग्रीस और ब्रिटेन चार ऐसे देश हैं जिन्होंने ख़सरा के पूरी तरह उन्मूलन करने वाले देश का दर्जा खो दिया है.  2012 में पुष्टिकरण प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ये दर्जा गँवाने वाले ये पहले देश हैं.

हालाँकि ऑस्ट्रिया और स्विट्ज़रलैंड ने अपने यहाँ ख़सरा का उन्मूलन करने का दर्जा पिछले लगभग 36 महीनों में हासिल किया है.

इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने योरोप में ख़सरा के फैलाव से निपटने के लिए आपात स्थिति का दर्जा-2 कर दिया है. इस स्थिति पर संगठन को प्रभावित देशों में सहायता मुहैया कराने के लिए ज़रूरी मानवीय व वित्तीय संसाधन जुटाने की इजाज़त मिल जाती है.

योरोप के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक सुज़ाना जैकब का कहना है, "विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपात स्थिति का स्तर घोषित करके ख़सरा के उन्मूलन पर अपना ध्यान बढ़ा दिया है और अपनी कार्रवाइयों का स्तर भी बढ़ा दिया है."

उन्होंने कहा, "ये एक अच्छा मौक़ा साबित हो सकता है जिसमें स्वास्थ्य प्रणालियों में मौजूद ऐसी कमियों, समाज में व्याप्त ग़लत धारणाओं और सामाजिक चुनौतियों से निपटा जाए जो क्षेत्र में इस जानलेवा वायरस की मौजूदगी को संभव बनाते हों."

आरवीसी योरोप में विषेशज्ञों का एक स्वतंत्र पैनल है जिसे 2011 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गठित किया था. योरोप क्षेत्र में ख़सरा के उन्मूलन की स्थिति का आकलन करने के लिए ये पैनल हर साल वार्षिक बैठक करता है. इस वार्षिक आकलन के लिए हर देश अपनी-अपनी विस्तृत वार्षिक रिपोर्ट दाख़िल करता है.

2019 में इस पैनल की बैठक 12-14 जून को वारसा में हुई थी जिसमें 2018 की रिपोर्टों का आकलन किया गया था. पैनल ने ख़सरा की मौजूदगी के बारे में उपलब्ध डेटा, ख़सरा पर क़ाबू पाने वाली ख़ुराकें देने वाले नियमित कार्यक्रमों, ख़सरा होने पर उससे निपटने की प्रक्रिया और अन्य ख़ुराकें देने के अभियान व अन्य गतिविधियों की जाँच-पड़ताल करने के बाद अपने निष्कर्ष तैयार किए.