वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
सोमालिया एक अभूतपूर्व अकाल के जोखिम का सामना कर रहा है.

90% देशों में पिछड़ रहा है मानव विकास: यूएन रिपोर्ट

UN Photo / Fardosa Hussein
सोमालिया एक अभूतपूर्व अकाल के जोखिम का सामना कर रहा है.

90% देशों में पिछड़ रहा है मानव विकास: यूएन रिपोर्ट

आर्थिक विकास

मानव विकास पर गुरूवार को जारी, संयुक्त राष्ट्र की एक नवीन और अति महत्वपूर्ण रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि अनेकानेक संकट, मानव विकास पर प्रगति के रास्ते में बाधाएँ खड़ी कर रहे हैं, और अधिकतर देशों में, मानव विकास, पीछे की ओर जा रहा है. रिपोर्ट की कुछ मुख्य बातों पर नज़र...

वर्ष 2021 में निम्न, मध्यम और उच्च एचडीआई वाले अधिकतर देशों में लगातार गिरावट देखी गई .
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वर्ष 2021 में निम्न, मध्यम और उच्च एचडीआई वाले अधिकतर देशों में लगातार गिरावट देखी गई .

वर्ष 2021/22 की मानव विकास रिपोर्ट (HDR) को - “Uncertain Times, Unsettled Lives: Shaping our Future in a Transforming World” नाम दिया गया है. 

रिपोर्ट में एक ऐसे वैश्विक समाज की तस्वीर पेश की गई है जो एक के बाद एक संकट से उबरने की कोशिश कर रहा है, और जो बढ़ते अभावों व अन्यायों के जोखिम का भी सामना कर रहा है.

वैश्विक व्यवधान उत्पन्न करने वाली घटनाओं में सबसे ऊँचा स्थान कोविड-19 महामारी का, और उसके बाद यूक्रेन पर रूसी हमले का है. 

इस हमले के अलावा, व्यापक सामाजिक और आर्थिक बदलावों, पृथ्वी के अस्तित्व से सम्बन्धिक ख़तरनाक परिवर्तनों,  और ध्रुवीकरण में बेतहाशा वृद्धि का माहौल भी अपनी तरह की चुनौतियाँ खड़ी कर रहे हैं.

तीन दशकों में पहली बार लगातार गिरावट

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP), पिछले लगभग 32 वर्षों से मानव विकास सूचकांक (HDI) की गणना करता रहा है, और इस अवधि में इस सूचकांक में पिछले दो वर्षों में वैश्विक स्तर पर लगातार गिरावट दर्ज की गई है. 

इस सूचकांक में देश के स्वास्थ्य, शिक्षा और रहन-सहन के स्तर का आकलन किया जाता है.

इस सूचकांक में, अनेक क्षेत्रों में गहराते संकटों के संकेत दिये गए हैं, और विशेष रूप से लातिनी अमेरिका, कैरीबियाई, सब सहारा अफ़्रीका, और दक्षिण एशिया क्षेत्र कुछ ज़्यादा प्रभावित हुए हैं.

मानव विकास पीछे की तरफ़ जाकर, 2016 के स्तर पर पहुँच गया है, जिससे, टिकाऊ विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में हासिल की गई प्रगति उलट गई है. 

ध्यान रहे कि ये लक्ष्य मिलकर ही 2030 का टिकाऊ विकास एजेंडा बनाते हैं, जोकि दुनिया भर के लोगों और पृथ्वी के लिये एक बेहतर व न्यायसंगत भविष्य की ख़ातिर, संयुक्त राष्ट्र का ब्लूप्रिंट है.

यूएनडीपी के प्रशासक, अख़िम स्टाइनर का कहना है, “दुनिया, एक के बाद एक संकटों का सामना करने में मुश्किलों का सामना कर रही है.”

“हमने ये स्थिति जीवन यापन की बढ़ती लागत और ऊर्जा संकटों में ये देखी है, वैसे तो जीवाश्म इंधनों पर अनुदान देने जैसे त्वरित समाधानों पर ध्यान लगाना प्रलोभन भरा लग सकता है, मगर इस तरह की तत्काल राहत पहुँचाने वाली नीतियों के कारण, दीर्घकालीन व्यवस्थागत बदलावों में देरी कर रही हैं, जो हमें करने ही होंगे.”

90 प्रतिशत देशों ने वर्ष 2020 या 2021 में अपने HDI (मानव विकास सूचकांक) मूल्य में गिरावट देखी.
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90 प्रतिशत देशों ने वर्ष 2020 या 2021 में अपने HDI (मानव विकास सूचकांक) मूल्य में गिरावट देखी.

उन्होंने आपस में गुँथे हुए और सबकी साझा चुनौतियों का मुक़ाबला करने के लिये, वैश्विक एकजुटता की एक नई भावना जागृत करने की पुकार लगाई है. मगर उन्होंने साथ ही ये भी माना कि इस समय अन्तरराष्ट्रीय समुदाय, ये बदलाव लाने में निष्क्रिय नज़र आ रहा है.

इस अध्ययन में असुरक्षा और विचारों के ध्रुवीकरण की वजह से, वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिये ज़रूरी एकजुटता के प्रयासों में उत्पन्न हुई बाधा की ओर इंगित किया गया है. डेटा के अनुसार, जो लोग सबसे अधिक असुरक्षित महसूस करते हैं, उनके चरमपंथी विचार होने की सम्भावना सबसे अधिक होती है.  

इस रुझान को कोविड-19 महामारी से पहले ही देखा गया था.

कोविड-19, एक नई वास्तविकता से सामना

यह वैश्विक महामारी का तीसरा वर्ष है, जोकि रिपोर्ट के अनुसार, एक नई वास्तविकता से परिचय कराती है. कारगर वैक्सीन के विकास को एक विशाल उपलब्धि के रूप में देखा गया है, जिससे क़रीब दो करोड़ ज़िन्दगियों की रक्षा में मदद मिली है.

साथ ही यह दर्शाता है कि राजनैतिक इच्छाशक्ति और नवाचार के ज़रिये क्या कुछ हासिल किया जा सकता है.

मगर, टीकाकरण प्रयासों ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में पसरी विशाल विषमताओं को भी उजागर किया है. अनेक निम्न-आय वाले देशों में टीकों की सुलभता बहुत कम है, जिससे लड़कियाँ और महिलाएँ अधिक प्रभावित हुई हैं.

उनके कंधों पर घर-परिवार व देखभाल की ज़िम्मेदारी बढ़ी है और उन्हें हिंसा का भी सामना करना पड़ रहा है.

स्वास्थ्यकर्मी, बेबी दाभोधिया, पूरे दिन कोविड-19 के ख़िलाफ़ लोगों का टीकाकरण करने में व्यस्त रहती हैं.
© UNICEF/Sandeep Biswas
स्वास्थ्यकर्मी, बेबी दाभोधिया, पूरे दिन कोविड-19 के ख़िलाफ़ लोगों का टीकाकरण करने में व्यस्त रहती हैं.

अनिश्चितताओं भरे दौर में जीवन

कोविड-19 वैरीएण्ट्स की उत्तरोत्तर लहरों और भविष्य में नई महामारियों के उभरने की चेतावनी के बीच, अनिश्चितता का माहौल और अधिक गहरा हुआ है.

टैक्नॉलॉजी में तेज़ गति से आ रहे बदलाव और उससे कार्यस्थल पर होने वाले प्रभावों, और जलवायु संकट से जूझ रही दुनिया के लिये हालात और जटिल हो गए हैं.

रिपोर्ट के लेखकों ने सचेत किया है कि जैवविविधता को भीषण क्षति पहुँचने की स्थिति में परिस्थितियाँ, वैश्विक महामारी के कारण विश्व में हुई ऊठापठक से कहीं अधिक विकट होंगी.

इन परिस्थितियों में, कीट परागण के अभाव में ही समाजों को खाद्य उत्पादन बढ़ाने की चुनौती से निपटने होगा.

“मानव इतिहास में पहली बार, अस्तित्व के लिये मानव-जनित ख़तरों का साया, प्राकृतिक जोखिमों से कहीं बड़ा है.”

इस क्रम में, तीन बड़ी अनिश्चितताओं की पहचान की गई है: पृथ्वी पर हो रहे ख़तरनाक बदलाव, औद्योगिक समाजों को संगठित करने के नए रास्तों की दिशा में बढ़ते क़दम, और गहन राजनैतिक व सामाजिक ध्रुवीकरण.

विशेषज्ञों का कहना है कि बात केवल यह नहीं है कि पर्यावरण पर मानव गतिविधियों के असर से तूफ़ान बड़े और घातक होते जा रहे हैं.

उन्होंने आगाह किया कि जिन सामाजिक विकल्पों को चुना जाता है, उनसे इन तूफ़ानों के लिये सर्वाधिक निर्बलों तक विनाशकारी रास्ता बनाया जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से सम्बन्धित नियामक तैयार कर रहा है.
ITU T
संयुक्त राष्ट्र आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल से सम्बन्धित नियामक तैयार कर रहा है.

अनिश्चितता में अवसर

बदलाव को रोक पाना सम्भव नहीं है, लेकिन मानवता, प्रतिक्रिया के तौर-तरीक़ों में बदलाव ला सकती है.

कृत्रिम बुद्धिमता (Artificial Intelligence/AI) के बढ़ते इस्तेमाल में निहित भय को समझा जा सकता है, लेकिन इस टैक्नॉलॉजी के उपयोग में अनेक लाभ भी हैं.

उदाहरणस्वरूप, इसके ज़रिये जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन करने में मदद मिलती है, व्यक्तिगत स्तर पर सीखने-समझने में बेहतरी लाई जा सकती है और दवाएँ विकसित कर पाना भी सम्भव है.

कोविड-19 के बाद की दुनिया में एक बड़ी उपलब्धि, mRNA वैक्सीन टैक्नॉलॉजी का विकसित होना है, जिसमें अन्य बीमारियों के इलाज का वादा भी छिपा है.

वैश्विक महामारी के कारण, बीमार होने पर सवेतन अवकाश, स्वैच्छिक रूप से सामाजिक दूरी बरता जाना और एकान्त में चले जाना, जैसे उपाय आम जीवन का हिस्सा बन गए हैं, जोकि भावी महामारी से निपटने के उपायों की दृष्टि से अहम है.

WFP की टीम सिन्ध के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों तक भोजन पहुँचाने में जुटी है.
WFP/Kapil Dev
WFP की टीम सिन्ध के बाढ़ प्रभावित इलाक़ों में ज़रूरतमन्दों तक भोजन पहुँचाने में जुटी है.

एक नए मार्ग पर आगे बढ़ना सम्भव

पिछले तीन वर्षों को इस रूप में देखा जा सकता है कि कामकाज के पारम्परिक तौर-तरीक़ों से अलग हटकर काम करने पर हम क्या कुछ हासिल कर सकते हैं.

इससे हम संस्थाओं में ऐसे रूपान्तरकारी बदलाव ला सकते हैं, जोकि वर्तमान विश्व के लिये कहीं अधिक प्रासंगिक हैं.

यूएनडीपी प्रशासक अख़िम स्टाइनर के अनुसार, रिपोर्ट के विश्लेषण के ज़रिये मौजूदा वैश्विक अनिश्चितता से बाहर निकल कर एक नए रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है.

“हमारे पास हमारी प्रणाली को फिर से नए सिरे से शुरू करने, निर्णायक जलवायु कार्रवाई पर निर्मित भविष्य को साकार करने और सर्वजन के लिये नए अवसरों का निर्माण करने के लिये बहुत कम समय है.”

इस नई दिशा में किये जाने वाले प्रयासों के तहत, नवीकरणीय ऊर्जा से लेकर वैश्विक महामारियों की तैयारियों; बीमार; सामाजिक संरक्षा और चुनौतियों के नवाचारी समाधान समेत अन्य क्षेत्रों में निवेश की पुकार लगाई गई है ताकि एक अनिश्चित जगत में आने वाले उतार-चढ़ाव के लिये समाजों को तैयार किया जा सके.