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सूडान: हिंसक टकराव के कारण लाखों बच्चों पर जोखिम, स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान पर चिन्ता

सूडान की राजधानी ख़ारतूम की अल-तायिफ़ बस्ती में, बामबारी के बाद उठता धुआँ.
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सूडान की राजधानी ख़ारतूम की अल-तायिफ़ बस्ती में, बामबारी के बाद उठता धुआँ.

सूडान: हिंसक टकराव के कारण लाखों बच्चों पर जोखिम, स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान पर चिन्ता

शान्ति और सुरक्षा

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की कार्यकारी निदेशक कैथरीन रसैल ने गुरूवार को जारी अपने एक वक्तव्य में सभी पक्षों से, लड़के व लड़कियों की हरसम्भव रक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने अन्तरराष्ट्रीय दायित्वों का पालन करने की पुकार लगाई है.

सूडान के सशस्त्र सैन्य बलों और पूर्व सहयोगी अर्द्ध सैनिक गुट, त्वरित समर्थन बल (RSF) के बीच, देश में नागरिक शासन की वापसी के मुद्दे पर मतभेद हैं, जिस वजह से दोनों पक्षों के बीच पिछले शनिवार को घातक झड़पें शुरू हो गईं.

अधिकाँश हिंसा देश की राजधानी में हुई है, जहाँ पिछले कई दिनों से निवासी अपने घरों तक सीमित हो जाने के लिए मजबूर हैं. बताया गया है कि हज़ारों लोग शहर छोड़कर चले गए हैं, हालांकि लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जाना बेहद कठिन हो गया है.

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यूनीसेफ़ की शीर्ष अधिकारी ने क्षोभ प्रकट किया है कि सूडान में पिछले पाँच दिनों के टकराव, और संघर्षविराम के लिए चार विफल प्रयासों की स्थानीय बच्चों को एक भारी क़ीमत चुकानी पड़ी है.

“अगर इस हिंसा को रोका नहीं गया तो यह बोझ केवल और बढ़ेगा.”

ख़ारतूम, दारफ़ूर और उत्तरी कोर्डोफ़न में संघर्ष जारी है और लड़ाई में अब तक कम से कम 9 बच्चों के मारे जाने और 50 से अधिक के घायल होने का समाचार है.

“देश भर में ख़तरनाक सुरक्षा हालात के कारण जानकारी जुटाना और उसकी पुष्टि कर पाना कठिन होता जा रहा है, लेकिन हम यह जानते हैं कि जब तक यह लड़ाई जारी रहेगी, तब तक बच्चों को इसकी क़ीमत चुकानी पड़ेगी.”

मानवीय राहतकर्मियों ने चेतावनी जारी की है कि आम लोगों के पास भोजन, ईंधन और अन्य महत्वपूर्ण सामग्री की क़िल्लत है और अनेक लोगों को तत्काल स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है.

'संघर्षविराम का सम्मान हो'

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने अपने एक ट्वीट सन्देश के ज़रिये अपना वक्तव्य साझा करते हुए बताया कि सूडान में हालात चिन्ताजनक और हृदयविदारक हैं.

अब तक, देश में लगभग 330 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और तीन हज़ार 200 से अधिक घायल हुए हैं.

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी प्रमुख ने हिंसक घटनाओं में लोगों के हताहत होने की निन्दा की है, और आम नागरिकों व स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर हुए हमलों पर क्षोभ प्रकट किया है.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केन्द्रों पर सुरक्षाकर्मियों द्वारा क़ब्ज़ा किया जाना अन्तरराष्ट्रीय क़ानून का खुला उल्लंघन है.

महानिदेशक घेबरेयेसस ने सचेत किया कि ज़रूरतमन्दों तक सुरक्षित रास्ता, भोजन, बिजली, जल, स्वास्थ्यकर्मियों और मेडिकल आपूर्ति घटने की वजह से अनेक स्वास्थ्य केन्द्रों में कामकाज कठिन होता जा रहा है, एक ऐसी घड़ी में जब हज़ारों घायलों को तत्काल देखभाल की आवश्यकता है.

उन्होंने सभी पक्षों से संघर्षविराम का सम्मान किए जाने का आग्रह किया है ताकि लोगों के लिए शरण व स्वास्थ्य देखभाल हासिल करना और भोजन, जल और दवाओं का प्रबन्ध कर पाना सम्भव हो.

सहायता प्रयासों में व्यवधान

मानवीय राहत मामलों में संयोजन के लिए यूएन कार्यालय (OCHA) के अनुसार, सूडान में इस साल की शुरुआत से ही मानवीय ज़रूरतें रिकॉर्ड स्तर पर थीं, जहाँ लगभग एक तिहाई आबादी, यानि क़रीब एक करोड़ 60 लाख लोगों को सहायता की आवश्यकता है.

कैथरीन रसैल के अनुसार, सूडान में जारी हिंसा से बिजली आपूर्ति में व्यवधान आया है और जनरेटर के लिए ईंधन का प्रबन्ध कर पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है.

इस वजह से देश में कोल्ड चेन व्यवस्था पर जोखिम है, जिसमें चार करोड़ डॉलर से अधिक मूल्य के टीके और इंसुलिन भी हैं.

खाद्य सुरक्षा पर जोखिम

इस बीच, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने चेतावनी जारी की है कि बढ़ती हिंसा, लाखों लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है.

WFP ने सूडान में, इस वर्ष, क़रीब 76 लाख लोगों को समर्थन देने की योजना बनाई थी, लेकिन संघर्ष के कारण, यूएन एजेंसी को अपना सहायता अभियान अस्थाई रूप से रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

बताया गया है कि मौजूदा तनाव के कारण, सहायता टीमों के लिए आपात भोजन, स्कूली आहार, कुपोषण रोकथाम सेवाओं समेत अन्य महत्वपूर्ण आपात सामग्री का वितरण कर पाना कठिन हो गया है.

यूएन एजेंसी को भारी नुक़सान भी झेलना पड़ा है. शनिवार को गोलीबारी की चपेट में आने की वजह से तीन कर्मचारियों की मौत हो गई और दो गम्भीर रूप से घायल हुए हैं.

यूएन एजेंसी के अनुसार, संगठन के कर्मचारी, कार्यालय, वाहन, उपकरण, खाद्य भंडार भी सीधे तौर से गोलीबारी की जद में आए हैं.