'बारूदी सुरंगों का अभिशाप सदैव के लिये ख़त्म करना होगा'
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि 160 से ज़्यादा देशों ने बारूदी सुरंगों (Landmines) को प्रतिबन्धित करने वाले ऐतिहासिक कन्वेन्शन पर दस्तख़त किये हैं मगर लोगों को इन अभिशापीय हथियारों से बचाने के लिये और ज़्यादा कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है.
यूएन महासचिव ने बारूदी सुरंगों के बारे में जाकरूकता व कार्रवाई में सहायता के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर सन्देश में दुनिया के सभी देशों से, 1997 में हुई इस सन्धि में शामिल होने का आग्रह किया. ये दिवस हर वर्ष 4 अप्रैल को मनाया जाता है.
4 April is #MineAwarenessDay.@UN & @UNMAS are working towards a world free from the threat of landmines, explosive remnants of war and improvised explosive devices. #IMAD2022 #MineActionLearn more 👉 https://t.co/PbDNpYq43k pic.twitter.com/7qKPazDJNz
UNPeacekeeping
यूएन प्रमुख ने कहा, “बारूदी सुरंगें, युद्ध में बचे हुए विस्फोटक अवशेष और संवर्धित विस्फोटक उपकरण (IEDs), अब भी हर साल हज़ारों लोगों की जान ले लेते हैं, जिनमें बहुत से बच्चे भी होते हैं.”
यूएन बाल एजेंसी – यूनीसेफ़ ने गत सप्ताहान्त पर ख़बर दी थी कि अफ़ग़ानिस्तान के हेलमन्द प्रान्त में शुक्रवार को युद्ध की एक अवशेष विस्फोटक सामग्री फटने से पाँच बच्चों की मौत हो गई थी जिनमें एक लड़की और चार लड़के थे. अन्य एक लड़की व एक लड़का घायल भी हुए.
अफ़ग़ानिस्तान में यूनीसेफ़ प्रतिनिधि मोहम्मद आयोया ने आगाह किया कि ये कोई अकेला मामला नहीं था.
उन्होंने बताया, “अफ़ग़ानिस्तान में पिछले सात महीनों के दौरान युद्ध की अवशेष विस्फोटक सामग्री या बारूदी सुरंगों में विस्फोट होने से, 301 बच्चे या तो मारे गए या घायल हुए. जबकि असल संख्या इससे कहीं ज़्यादा होने की सम्भावना है.”
भण्डारों में हैं लाखों
यूएन महासचिव ने याद दिलाते हुए कहा कि 30 वर्ष पहले कार्यकर्ताओं ने तमाम बारूदी सुरंगों पर प्रतिबन्ध लगाने के लिये अन्तरराष्ट्रीय अभियान शुरू किया था, और पाँच वर्ष के भीतर बारूदी सुरंग प्रतिबन्ध कन्वेन्शन हस्ताक्षरों के लिये खोल दी गई थी.
तब से अब तक साढ़े पाँच करोड़ से ज़्यादा बारूदी सुरंगें नष्ट कर दी गई हैं, और दुनिया भर में 30 से ज़्यादा देश इनसे मुक्त घोषित कर दिये गए हैं. जबकि इनसे हताहत होने वाले लोगों की संख्या में भी भारी कमी आई है.
उन्होंने कहा, “मगर दुनिया अब भी बारूदी सुरंगों के भण्डार के अभिशाप से त्रस्त है और 50 से ज़्यादा देश इन अभिशापीय हथियारों की मौजूदगी से संक्रमित हैं.”
यूक्रेन में सहायता उपलब्धता में देरी
यूएन प्रमुख एंतोनियो गुटेरेश ने सीरिया, लेबनान, अफ़ग़ानिस्तान, म्याँमार और अन्य अनेक देशों में, इस विस्फोटक हथियार की छाया मे रहने वाले लोगों को ज़्यादा सुरक्षा मुहैया कराने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया.
उन्होंने कहा, “यूक्रेन में केवल एक महीने के युद्ध की विरासत ये होगी कि बिना फटे विस्फटकों, बारूदी सुरंगों और क्लस्टर हथियारों से निपटने और उनकी सफ़ाई करने में दशकों का समय लगेगा जिससे युद्ध समाप्त होने के बाद भी बहुत से लोगों की ज़िन्दगियों के लिये जोखिम बरक़रार रहेगा.”
“पहले ही, ये हालात, आपात मानवीय सहायता मुहैया कराने और लोगों को सुरक्षित स्थानों के लिये निकलने से रोक रहे हैं.”
बारूदी सुरंग जागरूकता दिवस 2022 की थीम है – ‘सुरक्षित ज़मीन, सुरक्षित क़दम, सुरक्षित घर’. संयुक्त राष्ट्र की माइन ऐक्शन सेवा (UNMAS) में इसकी महत्ता बताई गई है.