दुनिया को घातक बारूदी सुरंगों से मुक्त करने का काम पूरा करने की ज़रूरत
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का आहवान करते हुए, दुनिया को बारूदी सुरंगों से मुक्त करने के लक्ष्य के लिये, फिर से संकल्प ताज़ा करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है. महासचिव ने ऐसे प्रयास करने का भी आग्रह किया है जिनकी बदौलत, इस तरह के लक्ष्य के लिये ख़ुद को समर्पित करने की ज़रूरत का ये आख़िरी दशक साबित हो, यानि उसके बाद दुनिया बारूदी सुरंगों से मक्त हो जाए, और फिर इस काम की ज़रूरत ही ना पड़े.
यूएन प्रमुख ने, 4 अप्रैल को मनाए जाने वाले, 'बारूदी सुरंग जागरूकता और कार्रवाई में सहायता के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस' पर दिये सन्देश में, मानव के लिये घातक बारूदी सुरंगों पर प्रतिबन्ध लगाने वाली सन्धि पर, अभी तक हस्ताक्षर नहीं करने वाले तमाम देशों से, बिना और देरी किये, हस्ताक्षर करने का भी आग्रह किया.
Minefields disrupt education, making it more difficult for children to go to school.Although COVID-19 made our work harder, we have persevered through our partnerships. Perseverance always leads to progress.#3PMA #IMAD2021 pic.twitter.com/OskABMkdtz
UNMAS
ये सन्धि वर्ष 1997 में हस्ताक्षर के लिये प्रस्तुत की गई थी और अभी तक, 160 देश इस पर दस्तख़त करके इसके पक्ष बन चुके हैं.
इस सन्धि का पूर्ववर्ती नाम – 'इनसानों के लिये घातक बारूदी सुरंगों के प्रयोग, भण्डारण, निर्माण और स्थानान्तरण व उनके द्वारा होने वाले विनाश पर प्रतिबन्ध सन्धि' था.
एंतोनियो गुटेरेश ने कहा, “हम अक्सर बारूदी सुरंगों को हटाने में कुछ प्रगति हासिल करते हैं मगर बाद में देखते हैं कि बारूदी सुरंगें फिर से बिछा दी गई हैं.”
उन्होंने ज़ोर देकर कहा, “हम बारूदी सुरंगों द्वारा प्रस्तुत जोखिम व ख़तरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिये अभियान चलाकर व पैराकारी करके ही, सन्तुष्ट होकर हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकते.”
यूएन प्रमुख ने कहा, “यूएन चार्टर हमसे कार्य पूरा करने का आहवान करता है: इन घातक उपकरणों का सर्वे करें, उन्हें पूरी तरह से ज़मीनों से हटाएँ और उन्हें नष्ट करें.”
युद्ध के अवशेषों के रूप में बारूदी सुरंगें और संवर्धित विस्फोटक डिवाइसें (IEDs), दुनिया भर में, ना केवल हज़ारों लोगों को ज़ख़्मी करती हैं या उनकी मौत का कारण बनती हैं, बल्कि सामाजिक व आर्थिक विकास में भी बाधाएँ उत्पन्न करती हैं.
किसानों को उनकी खेतीबाड़ी योग्य ज़मीन से दूर रखती हैं, उनके कारण स्कूल बन्द करने पड़ते हैं, पुनर्निर्माण में बाधा उत्पन्न होती हैं, और मानवीय सहायता की सरक्षित पहुँच व उपलब्धता बाधित होती है.
बच्चों को, बारूदी सुरंगों से घायल होने या मौत का शिकार होने की सम्भावना बहुत ज़्यादा है क्योंकि वो घातक व जानलेवा विस्फोटक - बारूदी सुरंग को कोई खिलौना समझ लेते हैं.
समुदायों के लिये घातक
बारूदी सुरंगों और विस्फोटक पदार्थों के उन्मूलन के लिये वैश्विक पैरोकार - जेम्स बाँड फ़िल्म के अभिनेता डैनियल क्रेग ने भी बारूदी सुरंगों के ख़तरों को रेखांकित किया है.
उन्होंने कहा, “एक बारूदी सुरंग, किसी पूरे समुदाय को तहस-नहस कर सकती है: किसी माता, किसी पिता की जान ले सकती है, और यहाँ तक कि किसी बच्चे की मौत का भी कारण बन सकती है.”
डैनियल क्रेग ने आगे कहा कि मौजूदा समय में जारी संघर्षों के कारण, नए तरह के विस्फोटकों का भी दूषण बढ़ने के अतिरिक्त, अनेक स्थानों पर पुराना विस्फोटक दूषण भी मौजूद है, जहाँ अनेक दशकों पहले, लड़ाइयाँ ख़त्म हो गई थीं.
उदाहरण के लिये, वियतनाम में, अनेक स्थानों पर अब भी बारूदी सुरंगों और अन्य विस्फोट सामग्रियों का दूषण तबाही मचाता है, जहाँ युद्ध औपचारिक रूप में 45 वर्ष पहले समाप्त हो गया था.
सीरिया में दशक पुराने संघर्ष ने ना केवल लाखों लोगों की जान ली है, बल्कि करोड़ों अन्य को विस्थापित भी किया है. इसके परिणामस्वरूप, हज़ारों टन, नए विस्फोटकों का दूषण भी फैल गया है.
डैनियल क्रेग ने आग्रह करते हुए कहा कि लड़ाई तुरन्त बन्द करने की ज़रूरत है. विस्फोटों को हटाने व उन्हें नष्ट करने का काम गम्भीर और व्यापक पैमाने पर किये जाने की भी अवश्यकता है.
ध्यान टिकाएँ
संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक पैरोकार डैनियल क्रेग ने हर किसी से, चाहे वो किसी भी भूमिका में हों, एक ऐसी दुनिया बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये, यथासम्भव योगदान करने का आहवान किया, जहाँ लोग व समुदाय, सुरक्षित घरों, सुरक्षित ज़मीनों पर, व सुरक्षित पर्यावरणों में रह सकें.
उन्होंने देशों का आहवान करते हुए कहा, “आइये, ध्यान केन्द्रित करें – दुनिया को बारूदी सुरंगों और युद्ध के अवशेष विस्फोटकों से छुटकारा दिलाने के अन्तिम लक्ष्य पर.”
डैनियल क्रेग ने उन लोगों की सराहना भी की है जो कोविड-19 महामारी के दौरान, वर्ष 2020 में, लाखों विस्फोटकों को हटाने और उनकी सफ़ाई करने के काम में जुटे रहे, इनमें बारूदी सुरंगों से लेकर अनफटे बम और संवर्धित विस्फोटक डिवाइसें (IEDs) भी शामिल थे.