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सटीक आंकड़े हैं कुपोषण से लड़ाई का आधार

सटीक आंकड़े हैं कुपोषण से लड़ाई का आधार

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बच्चों में कुपोषण एक बड़ी चुनौती है लेकिन अक्सर सही ऑंकड़ों के अभाव में योजनाओं का लाभ ज़रूरतमंद समुदायों तक पहुंचाने में मुश्किलें पेश आती हैं. उदाहरण के तौर पर भारत में शहरी प्रवासियों के बच्चों में कुपोषण पर सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है.

टिकाऊ विकास लक्ष्यों के 2030 एजेंडा का मुख्य लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास प्रक्रिया में सभी की भागीदारी हो और कोई भी पीछे ना छूटने पाए.

भारत की राजधानी नई दिल्ली में हाल ही में एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई है जिसमें ग़रीब व वंचित समूहों की आवाज़ों को शामिल किया गया, और उनकी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने और उनसे संबंधित ऑंकड़े एकत्र करने में आने वाली मुश्किलों को दूर करने का प्रयास किया गया.

यूएन न्यूज़ हिन्दी की दिल्ली में सहयोगी अंशु शर्मा ने संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) में नियोजन, निगरानी और मूल्यांकन विशेषज्ञ के.डी. मैयती से जानना चाहा कि स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (Voluntary National Reviews/VNR) के तहत हो रहे विचार-विमर्श का उद्देश्य क्या है...

अवधि
6'23"
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UN India