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भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर धीमी

भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर धीमी

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भारत में जनसंख्या वृद्धि की दर धीमी हो रही है और महिलाओं की प्रजनन दर यानी टोटल फ़र्टिलिटी रेट में भी गिरावट दर्ज की गई है.

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) में राष्ट्रीय कार्यक्रम अधिकारी डॉ देवेन्दर सिंह ने यूएन न्यूज़ को बताया कि 1990 के दशक में महिलाओं की प्रजनन दर 3.6 बच्चे प्रति महिला थी लेकिन अब यह घटकर 2.2 रह गई है जो जनसंख्या में बढ़ोत्तरी के नज़रिए से आदर्श दर, 2.1, के बेहद नज़दीक है.

कुछ अनुमानों के मुताबिक़ 2027 में चीन को पीछे छोड़ते हुए विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा.

डॉ सिंह का कहना है कि जनसंख्या में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ भारत में जनसंख्या की बनावट में भी बदलाव आ रहा है और बूढ़ों की संख्या में आने वाले सालों में वृद्धि देखी जाएगी और इस चुनौती से निपटने के लिए सही नीतियों पर ध्यान केंद्रित करने का आवश्यकता पर बल दिया गया है.

11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर हमारी सहयोगी अंशु शर्मा ने डॉ देवेन्दर सिंह से बात की.

अवधि
10'22"
Photo Credit
UN India/K. Manoharan