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परिधान उद्योग में बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध मुहिम

परिधान उद्योग में बढ़ते प्रदूषण के विरुद्ध मुहिम

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भारत के कोलकाता शहर की महिला उद्यमी सुजाता चैटर्जी का मानना है कि कपड़ों की बर्बादी एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा है.

सुजाता अपने उद्यम के ज़रिये, घरों में बेकार पड़े कपड़ों को  एकत्र करके, उसका एक हिस्सा गाँव में ग़रीब लोगों को देती हैं, और बाकी कपड़ों को री-सायकिल करके नए उत्पाद बनाती हैं.

सुजाता का उद्यम पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित है और परिधान उद्योग में प्रदूषण से निपटने के अलावा ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण में भी अहम भूमिका निभा रहा है.

इस काम के लिये, उन्हें संयुक्त राष्ट्र की महिला संस्था, UN Women के 'Industry Disruptor' कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये चुना गया.   

यूएन न्यूज़ हिन्दी ने सुजाता चैटर्जी के साथ बात की और सबसे पहले पूछा कि उनका यह सफ़र किस तरह शुरू हुआ...

Audio Credit
Anshu Sharma
अवधि
9'4"
Photo Credit
Sujata Chatterjee