समाजों में सन्तुलन बहाली के लिये, हरित व डिजिटल क्षेत्र में रोज़गार सृजन पर ज़ोर

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने शुक्रवार को विश्व नेताओं से आग्रह किया है कि आम लोगों के भावी कल्याण के लिये विशाल स्तर पर निवेश किये जाने होंगे, और इन योजनाओं में व्यक्तियों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी.
The world is on red alert.Without effective responses to the impacts of the climate, food, fuel and finance crises, we'll see more suffering, instability and potentially more conflict.The #UNGlobalAccelerator is a crucial component of a coordinated global response. pic.twitter.com/hsKWyxTAWI
GuyRyder
पिछले वर्ष 2021 में, यूएन महासचिव ने ‘Global Accelerator on Jobs and Social Protection for Just Transitions’ नामक एक कार्यक्रम प्रस्तुत किया था, जिसका उद्देश्य हरित, डिजिटल व देखभाल अर्थव्यवस्थाओं समेत 40 करोड़ उपयुक्त व शिष्ट रोज़गारों का सृजन करना और चार अरब लोगों को सामाजिक संरक्षा के दायरे में लाना है.
यूएन प्रमुख ने बताया कि यह पहल, टिकाऊ विकास के केन्द्र में उपयुक्त व शिष्ट रोज़गारों और सामाजिक संरक्षण को रखकर, समाजों में फिर से सन्तुलन स्थापित करने पर लक्षित है.
उन्होंने न्यूयॉर्क में यूएन महासभा के 77वें सत्र के दौरान इस विषय में एक उच्चस्तरीय बैठक को सम्बोधित करते हुए सचेत किया, “अकर्मण्यता का रास्ता हमें आर्थिक बदहाली और जलवायु विनाश की ओर ले जाएगा, असमानताएँ चौड़ी होंगी और सामाजिक अशान्ति भड़केगी.”
यूएन प्रमुख ने टोगो समेत अन्य देशों द्वारा उठाए गए क़दमों की सराहना की, जिनके ज़रिये दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाली आबादी तक सामाजिक संरक्षा का विस्तार करने के लिये नवाचारी डिजिटल समाधानों का उपयोग किया गया है.
वहीं दक्षिण अफ़्रीका में, न्यायोचित ढंग से ऊर्जा सुलभता की ओर बढ़ने के लिये साझेदारी शुरू की गई है.
उन्होंने कहा कि मौजूदा आर्थिक प्रणाली निष्पक्ष नहीं है, विषमताओं को बढ़ाने वाली है और अधिक संख्या में लोगों को निर्धनता में धकेल रही है. इसी वजह से ढाँचागत सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है.
“हम उसी को हासिल करने के लिये मेहनत कर रहे हैं, मगर ये बदलाव रातों-रात नहीं आएगा.”
“इस दौरान, Global Accelerator एक ऐसा महत्वपूर्ण उपाय है जोकि ज़रूरतमन्दों को तत्काल समर्थन देगा और सर्वजन के लिये रूपान्तरकारी बदलावों की दिशा में कार्रवाई आगे बढ़ाएगा.”
इसे एक ऐसे उपकरण के रूप में भी देखा गया है, जिससे दुनिया को डिजिटल, जलवायु, और जनसांख्यिकी बदलावों में विशाल परिवर्तनों के अनुरूप प्रबन्धन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.
बताया गया है कि इन बड़े बदलावों के कारण आने वाले दशकों में समाजों में व्यापक व बुनियादी बदलाव देखने को मिलेंगे.
युवजन के लिये यूएन महासचिव की विशेष दूत जयाथमा विक्रामानायके ने अपने सम्बोधन में विश्व नेताओं को ध्यान दिलाया कि रोज़गारों और सामाजिक संरक्षा के विषय में सभी रणनीतियों व कार्रवाई के केन्द्र में युवजन को रखना होगा.
“वर्ष 2022 में, विश्व भर में बेरोज़गार युवजन की कुल संख्या सात करोड़ 30 लाख पहुँचने का अनुमान है, 2019 में महामारी से पूर्व के स्तर की तुलना में यह 60 लाख अधिक है. युवा महिलाओं पर सर्वाधिक असर हुआ है.”
उन्होंने आगाह किया कि सामाजिक संरक्षा नीतियों व कार्यक्रमों का लाभ उठाने में युवजन को व्यवस्थागत क़ानूनी व वित्तीय अवरोधों का अनुभव करना पड़ रहा है.
विशेष दूत ने कहा कि युवजन को केवल लाभार्थी होने के बजाय बदलाव के वाहक के रूप में देखा जाना महत्वपूर्ण होगा.
अन्तरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के प्रमुख गाय राइडर ने चेतावनी भरे अन्दाज़ में कहा कि यदि जलवायु और जीवन-व्यापन की क़ीमत, आपस में गुँथी इन चुनौतियों के कारगर समाधान नहीं ढूंढे गए तो विश्व के समक्ष एक विकराल संकट होगा.
उन्होंने कहा कि इन हालात में विशाल स्तर पर पीड़ा उत्पन्न होगी, अस्थिरता बढ़ेगी, और हिंसक संघर्ष व टकराव पनपेंगे.
यूएन श्रम एजेंसी प्रमुख के अनुसार मौजूदा अवरोधों से निपटना बेहद अहम है, ताकि सामाजिक संरक्षण और श्रम बाज़ार पर लक्षित उन उपायों की रक्षा व उनका दायरा बढ़ाया जा सके, जिन्हें सरकारों ने वैश्विक महामारी के दौरान लागू किया था.
उन्होंने इन कठिनाइयों के रूप में सतत, सामाजिक रूप से समावेशी और न्यायोचित ढंग से आगे बढ़ने की दिशा में समर्थन के लिये ज़रूरी वित्त पोषण, अनेक देशों में संस्थागत क्षमता का अभाव, सीमित वित्तीय संसाधन और अन्य चुनौतियाँ हैं.
यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने बताया कि ‘Global Accelerator’ इन सभी अवरोधों से सामूहिक रूप से निपटने पर केन्द्रित है, ताकि अरबों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके.