
संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर दुनिया भर में लोग एक फ़ोटो प्रदर्शनी में शिरकत के ज़रिये भविष्य के लिये अपनी आशाओं व आकाँक्षाओँ को साझा कर रहे हैं.
#TheWorldWeWant (दुनिया_जो_हम_चाहते_हैं) नामक यह प्रदर्शनी 75 चुनिन्दा तस्वीरों का एक ऐसा संग्रह है जिन्हें 130 देशों से मिली 50 हज़ार तस्वीरों में से चुना गया है. इण्डोनेशिया की एक प्रतिभागी लेति लीज़ा ने बताया, “हमें दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने की ज़रूरत है ताकि बच्चों को उन स्थानों पर सुरक्षित रखा जा सके जहाँ वे रहते, पढ़ते और खेलते हैं.”

तस्वीरों का यह संग्रह संयुक्त राष्ट्र महासचिव की उस अपील के सन्दर्भ में आई एक सृजनात्मक प्रतिक्रिया है जिसमें उन्होंने दुनिया भर में लोगों से भविष्य के प्रति उनकी उम्मीदों और सपनों के बारे में पूछा है.
नाइजीरिया के बासिल नुएला का कहना है, “मैं जो दुनिया चाहता हूँ, उसमें आप चारों ओर हँसी-ठहाके सुन सकते हैं. भाषा की विविधता मित्रता पर असर नहीं डालती है.”

यूएन के मुताबिक ये 75 तस्वीरें हमारी दुनिया की रक्षा करने, उस पर मरहम लगाने और उसमें फिर से स्फूर्ति भरने के सामूहिक प्रयासों को दर्शाती हैं. ये तस्वीरें बताती हैं कि हमें विभाजित करने से कहीं ज़्यादा हमें जोड़ कर रखने वाली वजहें हैं. घाना में एडवर्ड एनिन्ग पोआक्वाह ने बताया, “मैं ऐसी दुनिया चाहता हूँ जहाँ दृढ़ निश्चय से शिक्षा को सफलता में तब्दील किया जा सके.”
“पढ़ाई-लिखाई के लिये उपयुक्त सामग्री के अभाव के बावजूद, ये बच्चे सफल होने के लिये पहले से कहीं ज़्यादा संकल्पबद्ध हैं.”

प्रदर्शनी की अनेक तस्वीरों में प्रकृति की सुन्दरता और जीवन के हर रूप को बरक़रार रखने की उसकी शक्ति को पहचाना गया है. नीदरलैंड्स वासी जियॉर्जियोस कोसियेरिस ने कहा, “मुझे ऐसी दुनिया की चाहत है, जो सुरक्षित, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है, हमारे चहुँओर प्राकृतिक पर्यावरण के प्रति सम्मान के संकेत के रूप में.”

इन तस्वीरों में मानवता की सहनक्षमता और एक उज्ज्वल भविष्य के लिये विचलित ना होने वाली आशा को भी उकेरा गया है. तुर्की की देमेत ओयज़ेर याकूत की एक तस्वीर में यही भावना प्रकट होती है. “मैं एक ऐसी दुनिया चाहती हूँ जहाँ हम प्रकृति के साथ समरसता के साथ शान्तिपूर्वक रह सकें.”

अर्जेन्टीना की मारिया मितरानो का कहना है कि उनकी फ़ोटो आदिवासी समुदायों की लड़ाई को प्रदर्शित करती है जो अपने मानवाधिकारों के लिये प्रदर्शन कर रहे हैं. “मैं वो दुनिया चाहती हूँ जहाँ हम सभी मानवीय रूप से अलग लेकिन सामाजिक रूप से एकसमान हो सकें.” उनका यह भाव संयुक्त राष्ट्र के मूल्यों, समानता, न्याय और समावेश को परिलक्षित करता है.

इण्डोनेशिया की अन्दिका ओकी अरिसान्दी का सन्देश सरल है. “मैं ख़ुशियों से परिपूर्ण दुनिया चाहती हूँ.”
ये तस्वीरें संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगाँठ के अवसर पर मोबाइल ऐप अगोरा द्वारा आयोजित #दुनिया_जो_हम_चाहते_हैं (#TheWorldWeWant) नामक फ़ोटो प्रतियोगिता से लिये गए हैं.