1. एसडीजी-1: निर्धनता उन्मूलन
- अत्यधिक निर्धनता को समाप्त करना, जिसे 2.15 डॉलर प्रतिदिन से कम रक़म पर गुज़र-बसर करने के रूप में परिभाषित किया गया है.
- निर्धनता में जीवन गुज़ारने को विवश लोगों की संख्या, कम से कम 50% कम हो.
- पुरुषों व महिलाओं, दोनों को आर्थिक संसाधनों, बुनियादी सेवाओं, प्राकृतिक संसाधनों, नवीन प्रौद्योगिकी, भूमि और सम्पत्ति के अधिकारों तक समान पहुँच सुनिश्चित हो.
- आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय व्यवधानों का सामना करने की क्षमता बढ़ाना.
- विकासशील देश, ग़रीबी उन्मूलन के उद्देश्य से की गई पहलों और रणनीतियों को लागू करने के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराने हेतु संसाधन जुटाना.
- ऐसी नीतिगत रूप-रेखाएँ या दिशानिर्देश विकसित किए जाएँ, जो ग़रीबी में रहने वाले लोगों को समर्थन और लाभ पहुँचाने के लिए तैयार किए गए हों और लिंग-सम्बन्धी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों.
विकास रणनीतियाँ
वैश्विक आबादी का लगभग आधा हिस्सा, जिसमें लगभग एक अरब बच्चे शामिल हैं, ग़रीबी में रहने के लिए मजबूर हैं.
एसडीजी 2: खाद्य अभाव दूर करना
- भूखमरी और कुपोषण को ख़त्म करना, और सर्वजन के लिए साल भर सुरक्षित, पौष्टिक और पर्याप्त भोजन तक पहुँच सुनिश्चित करना.
- कृषि उत्पादकता और लघु स्तर के किसानों की खाद्य उत्पादकों की आय को दोगुना करना.
- टिकाऊ खाद्य उत्पादन प्रणालियों की स्थापना और कृषि तकनीकें लागू करना, जिससे उत्पादन को बढ़ावा मिले और जलवायु परिवर्तन व आपदाओं के अनुकूलन की क्षमता को मज़बूत करना.
- वैश्विक कृषि बाज़ारों के भीतर व्यापार प्रतिबन्धों में सुधार उनकी समाप्ति.
- विश्व स्तर पर, हर तीन में से एक व्यक्ति को मध्यम से गम्भीर खाद्य असुरक्षा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.
एसडीजी 3: सर्वजन के लिए स्वास्थ्य:
- सार्वभौमिक स्वास्थ्य देखभाल, और किफ़ायती, आवश्यक टीकों व दवाओं तक पहुँच
- प्रति एक लाख जीवित जन्मों पर, वैश्विक मातृ मृत्यु दर 70 से कम रहे, और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के बीच मृत्यु दर, प्रति एक हज़ार जीवित जन्मों पर घटकर 25 तक करना.
- एड्स, तपेदिक और मलेरिया की महामारी को ख़त्म करना, और हेपेटाइटिस और अन्य संक्रामक रोगों के ख़िलाफ़ लड़ाई में शिरकत.
- मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के समर्थन को बढ़ावा देना, मादक पद्दार्थों के सेवन को रोकने और उपचार के प्रयासों को मज़बूत करना.
- प्रदूषण, संक्रमण और तम्बाकू से होने वाली मौतों और बीमारियों की संख्या में कमी लाना.
- सतत विकास, सभी आयुवर्ग लोगों का कल्याण सुनिश्चित करने और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा देने की नींव पर निर्भर करता है.
एसडीजी 4: सर्वजन के लिए शिक्षा
- सभी बच्चों को निःशुल्क, न्यायसंगत और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्ति और गुणवत्तापूर्ण प्रारम्भिक बचपन विकास सेवाओं तक पहुँच.
- लैंगिक असमानताओं को दूर करना और शिक्षा के सभी स्तरों तक समान पहुँच सुनिश्चित करना.
- सभी युवाओं और अधिकांश वयस्कों के लिए साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान तक पहुँच सुनिश्चित करना.
- बच्चों, विकलांग व्यक्तियों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए और लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ावा देते हुए, समावेशी शैक्षिक सुविधाओं का निर्माण एवं सुधार करना.
- योग्य शिक्षकों की संख्या बढ़ाना.
अतिरिक्त उपायों को लागू किए बिना, लगभग आठ करोड़ 40 लाख बच्चों के शिक्षा से वंचित होने का जोखिम है. 30 करोड़ छात्र, बुनियादी संख्यात्मकता एवं साक्षरता कौशल हासिल नहीं कर पाएंगे और हर छह देशों में से केवल एक देश ही, सार्वभौमिक माध्यमिक विद्यालय पूर्णता प्राप्त करने के लक्ष्य तक पहुँच पाएगा.
एसडीजी 5: महिलाओं और लड़कियों का सशक्तिकरण
- महिलाओं और लड़कियों के ख़िलाफ़ सभी प्रकार के भेदभाव और हिंसा को समाप्त करना.
- कम उम्र में जबरन विवाह और महिला जननांग विकृति जैसी हानिकारक प्रथाओं का उन्मूलन.
- लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं एवं लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए क़ानून को संशोधित व मज़बूत करना.
- राजनैतिक, आर्थिक और सार्वजनिक जीवन में नेतृत्व की भूमिकाओं के लिए समान अवसरों के साथ-साथ, महिलाओं की पूर्ण एवं प्रभावशाली भागीदारी सुनिश्चित करना.
- यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करना.
दुनिया भर में, वर्तमान में लगभग आधी विवाहित महिलाओं को अपने यौन व प्रजनन स्वास्थ्य अधिकारों के बारे में निर्णय लेने का अधिकार नहीं है.
एसडीजी 6: स्वच्छ पानी और साफ़-सफ़ाई की सार्वभौमिक कवरेज
- सर्वजन के लिए सुरक्षित, किफ़ायती पेयजल और पर्याप्त, समान स्वच्छता व साफ़-सफ़ाई तक सार्वभौमिक एवं न्यायसंगत पहुँच सुनिश्चित करना.
- प्रदूषण कम करके जल की गुणवत्ता में सुधार लाना.
- वैश्विक स्तर पर पुनर्चक्रण और सुरक्षित पुन: उपयोग को बढ़ावा देना.
- सभी क्षेत्रों में जल उपयोग कुशलता/की क्षमता बढ़ाना.
- जल और स्वच्छता प्रबन्धन को बढ़ाने में स्थानीय समुदायों की भागेदारी को बढ़ावा देना.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्तमान में लगभग 2 अरब 20 करोड़ लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबन्धित पेयजल और बुनियादी हाथ धोने की सुविधाएँ नहीं हैं, वहीं लगभग साढ़े तीन अरब लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबन्धित स्वच्छता तक पहुँच नहीं है.
एसडीजी 7: सर्वजन के लिए किफ़ायती, स्वच्छ ऊर्जा
- वैश्विक स्तर पर नवीकरणीय ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ावा देना.
- ऊर्जा उपयोग की प्रभावशीलता में वृद्धि की वैश्विक दर को दोगुना करना.
- आधुनिक, टिकाऊ ऊर्जा सेवाओं की आपूर्ति के लिए बुनियादी ढाँचे का विस्तार करना और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा.
विकासशील देशों में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं के लिए अन्तरराष्ट्रीय सहायता धनराशि, वर्ष 2021 में घटकर मात्र 10.8 अरब डॉलर रह गई, जो वर्ष 2017 में 26.4 अरब डॉलर के अपने उच्चतम स्तर से कम है.
एसडीजी-8: सम्मानजनक रोज़गार वाला कामकाज और आर्थिक विकास
- जबरन मज़दूरी, आधुनिक दासता और मानव तस्करी को ख़त्म करने के लिए तत्काल कार्रवाई करना.
- श्रम अधिकारों की रक्षा करना, और सभी श्रमिकों के लिए सुरक्षित, संरक्षित वातावरण को बढ़ावा देना.
- कम विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आर्थिक वृद्धि और प्रति वर्ष कम से कम सात प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि को बनाए रखना आवश्यक.
- विविधीकरण, प्रौद्योगिकी और नवाचार के ज़रिए आर्थिक उच्च स्तरीय उत्पादन क्षमता हासिल करना.
- उपभोग और उत्पादन में, वैश्विक संसाधन तक पहुँच में सुधार.
- आर्थिक विकास को पर्यावरणीय क्षरण से अलग करना.
वैश्विक बेरोज़गारी का स्तर, महामारी से पहले के समय के स्तर पर नीचे आने की उम्मीद है, जिसमें निम्न आय वाले देश शामिल नहीं हैं.
एसडीजी 9: नवाचार, सहनसक्षमता और टिकाऊ उद्योग विकसित करना
- लघु व्यवसायों के लिए वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता बढ़ाना और उनके विकास एवं एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु उन्हें मूल्य श्रृंखलाओं और बाज़ार नेटवर्क में शामिल करना.
- मौजूदा बुनियादी ढाँचे में सुधार और आधुनिकीकरण लाना. साथ ही, उद्योगों को उनकी दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अनुकूलित करना.
- वैज्ञानिक अनुसन्धान को मज़बूत करना, औद्योगिक क्षेत्रों की तकनीकी क्षमताओं को आगे बढ़ाना और अनुसन्धान एवं विकास में लगे श्रमिकों की संख्या में विस्तार करना.
- विकासशील देशों में घरेलू प्रौद्योगिकी विकास, अनुसन्धान और नवाचार का समर्थन.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, ऊर्जा और औद्योगिक गतिविधियों से होने वाला कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन, वर्ष 2022 में 36.8 अरब मीट्रिक टन के अभूतपूर्व स्तर पर पहुँच गया है.
एसडीजी 10: देशों के भीतर और उनके बीच असमानताएँ घटाना
- वैश्विक आबादी के सबसे कम समृद्ध 40 प्रतिशत लोगों के लिए, आय वृद्धि हासिल करना और उसे बनाए रखना.
- सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक समावेशन का समर्थन व सशक्तिकरण.
- भेदभावपूर्ण क़ानूनों, नीतियों और प्रथाओं को ख़त्म करके, समान अवसर सुनिश्चित करना.
- अधिक प्रभावी विनियमन और निगरानी सुनिश्चित करने के लिए, वैश्विक वित्तीय बाज़ारों और संस्थानों की निगरानी बढ़ाना.
- व्यवस्थित, सुरक्षित, नियमित और ज़िम्मेदार प्रवासन की सुविधा प्रदान करना.
- कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीस वर्षों में देशों के बीच असमानताओं में सर्वाधिक वृद्धि हुई है.
एसडीजी 11: सतत शहर व समुदाय
- सर्वजन के लिए पर्याप्त, सुरक्षित और किफ़ायती आवास, बुनियादी सेवाओं और टिकाऊ परिवहन प्रणालियों तक पहुँच सुनिश्चित करना.
- विश्व की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत की सुरक्षा के प्रयासों को मज़बूत करना.
- आपदाओं से प्रभावित लोगों की संख्या और आर्थिक नुक़सान में कमी लाना.
- सुरक्षित, समावेशी और सुलभ सार्वजनिक स्थानों तक सार्वभौमिक पहुँच.
- स्थानीय स्तर पर प्राप्त सामग्रियों का उपयोग करके टिकाऊ और सहनसक्षम इमारतों के निर्माण के लिए, अल्प विकसित देशों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, वर्तमान में 1.1 अरब शहरी निवासी बस्तियों में रहते हैं, और अगले तीन दशकों में यह आँकड़ा अतिरिक्त दो अरब बढ़ने की सम्भावना है.
एसडीजी 12: ज़िम्मेदार उपभोग व उत्पादन
- प्राकृतिक संसाधनों का सतत प्रबन्धन और कुशल उपयोग प्राप्त करने का लक्ष्य.
- वैश्विक स्तर पर, खुदरा और उपभोक्ता, दोनों स्तरों पर प्रति व्यक्ति भोजन की बर्बादी में 50 प्रतिशत कमी लाना, साथ ही कम्पनियों को खाद्य उत्पादन और वितरण में स्थाई प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
- अधिक टिकाऊ उपभोग और उत्पादन पैटर्न की ओर परिवर्तन के लिए विकासशील देशों को उनकी वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता करना.
- ऐसी नीतियाँ बनाना, जो स्थाई पर्यटन को प्रोत्साहित करें, व स्थानीय संस्कृति को संरक्षित और बढ़ावा देते हुए रोज़गार के अवसर पैदा करना.
- व्यर्थ उपभोग को प्रोत्साहित करने वाली जीवाश्म ईंधन के लिए निष्प्रभावी अनुदान को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना.
- विश्व भर में कटौती के व्यापक आहवान के बावजूद, वैश्विक संकटों के कारण जीवाश्म ईंधन के लिए अनुदान, वर्ष 2020 से 2021 तक दोगुनी हुआ है.
एसडीजी 13: जलवायु संकट से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना.
- जलवायु सम्बन्धी ख़तरों और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सहनसक्षमता एवं अनुकूलन मज़बूत करना.
- राष्ट्रीय नीतियों, रणनीतियों और परियोजनाओं में जलवायु परिवर्तन कार्रवाई शामिल करना.
- जलवायु परिवर्तन शमन, अनुकूलन, प्रभावों में कमी और प्रारम्भिक चेतावनी प्रणालियों के क्षेत्रों में शिक्षा, जागरूकता को बढ़ाना एवं मानव व संस्थानों की जानकारी तथा क्षमताओं को मज़बूत करना.
- जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धित पहलों की प्रभावी ढंग से योजना बनाने और प्रबन्धन करने के लिए, अल्पतम विकसित देशों की क्षमता बढ़ाना.
जलवायु परिवर्तन मामलों के लिये यूएन संस्थान (UNFCCC) जलवायु परिवर्तन पर वैश्विक प्रतिक्रिया पर बातचीत करने के लिए प्राथमिक अन्तरराष्ट्रीय, अन्तरसरकारी मंच है.
एसडीजी 14: जल संसाधनों का सतत उपयोग
- मछली पालन से लेकर पर्यटन तक, समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग के ज़रिए, छोटे द्वीप विकासशील राज्यों और अल्प विकसित देशों को होने वाले आर्थिक लाभ को बढ़ाना.
- वैज्ञानिक समझ को बढ़ाना, अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ावा देना और समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के कल्याण एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए समुद्री प्रौद्योगिकी के हस्तान्तरण की सुविधा प्रदान करना.
- लघु स्तर के दस्तकारी मछुआरों को समुद्री संसाधनों और बाज़ारों तक पहुँच प्रदान करना.
- अपने भरण-पोषण और आजीविका के लिए मज़बूत समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र पर निर्भर समुदायों का कल्याण, पर्यावरणीय क्षति के कारण जोखिम में है.
एसडीजी 15: पारिस्थितिक तंत्र का टिकाऊ उपयोग
- मरुस्थलीकरण से निपटें, और ख़राब भूमि और मिट्टी को पुनर्स्थापित करना.
- टिकाऊ विकास के लिए आवश्यक लाभ प्रदान करने की क्षमता बढ़ाने के लिए पर्वतीय पारिस्थितिकी प्रणालियों का संरक्षण सुनिश्चित करना.
- आनुवंशिक संसाधनों के उपयोग से सम्बन्धित लाभों के समान, निष्पक्ष, न्यायसंगत वितरण और पहुँच को बढ़ावा देना.
- संरक्षित प्रजातियों का ग़ैर-क़ानूनी शिकार और तस्करी समाप्त करें, साथ ही, अवैध वन्यजीव उत्पादों की माँग एवं आपूर्ति की समस्या का समाधान करना.
- जैव विविधता और पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण व ज़िम्मेदार उपयोग का समर्थन करने के साथ-साथ, स्थाई वन प्रबन्धन को वित्तपोषित करने के लिए वित्तीय संसाधन जुटाना.
- जंगलों को बढ़ता नुक़सान, भूमि का क्षरण और प्रजातियों के विलुप्त होने के कारण पृथ्वी एवं लोग गम्भीर ख़तरे में है.
एसडीजी 16: शान्ति, न्याय और मज़बूत संस्थान
- सभी प्रकार की हिंसा और सम्बन्धित मृत्यु दर में कमी लाना.
- बच्चों के विरुद्ध दुर्व्यवहार, शोषण, तस्करी और हिंसा कोी समाप्ति.
- राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर क़ानूनी सिद्धांतों और विनियमों की स्थापना व कार्यान्वयन को प्रोत्साहित करना, तथा यह सुनिश्चित करना कि बिना किसी भेदभाव के न्याय सुलभता सुनिश्चित हो.
- धन और हथियारों की ग़ैरकानूनी आवाजाही घटाना और संगठित आपराधिक गतिविधियों से निपटना.
- भ्रष्टाचार और रिश्वतख़ोरी में कमी लाना.
- प्रभावी, जवाबदेही और पारदर्शी संस्थान विकसित करना.
- हिंसा को रोकने और आतंकवाद एवं अपराध से निपटने के लिए प्रासंगिक संस्थानों को मजबूत करना.
वर्ष 2022 के अन्त तक, 10 करोड़ 84 लाख लोगों को जबरन विस्थापित होना पड़ा था. यह संख्या, एक दशक पहले दर्ज की गई संख्या से ढाई गुना अधिक है.
एसडीजी 17: एसडीजी प्राप्ति के लिए विश्वव्यापी सहयोग को नवीनीकृत और सक्रिय करना
- घरेलू संसाधन जुटाने की क्षमताएँ बढ़ाकर, कर और राजस्व के अन्य स्रोत जोड़ने की योग्यता बढ़ाना.
- अल्पतम विकसित देशों के लिए निवेश प्रोत्साहन व्यवस्थाओं का समर्थन करना.
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार पर उत्तर-दक्षिण, दक्षिण-दक्षिण, क्षेत्रीय और अन्तरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना.
- पर्यावरण-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के विकास और प्रसार को प्रोत्साहित करना और टिकाऊ विकास का समर्थन करने के लिए नीति सामंजस्य में सुधार करना.
- ग़रीबी उन्मूलन और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीतियों को आकार देने और लागू करने में प्रत्येक देश की सम्प्रभुता और नेतृत्व को सम्मान देना
- प्रभावी सार्वजनिक, सार्वजनिक-निजी और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित और बढ़ावा देने का लक्ष्य.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व के 69 सर्वाधिक निर्धन देशों में से 37 देश, ऋण संकट का सामना कर रहे थे या इसके उच्च जोखिम में थे.