
संयुक्त राष्ट्र का पहला मिशन, UNTSO, फ़लस्तीन में अरब और यहूदी समुदायों के बीच एक निश्चित अवधि के लिए लड़ाई रोकने पर हुए समझौते की निगरानी के उद्देश्य से 29 मई 1948 में स्थापित किया गया था.
वर्ष 1959 में ली गई इस तस्वीर में, सीरियाई सम्पर्क अधिकारी लेफ़्टिनेंट कर्नल सऊद केमाल, UNTSO के चीफ़ ऑफ़ स्टाफ़ मेजर जनरल कार्ल वोन हॉर्न का अभिवादन कर रहे हैं. इस मिशन के तहत आज भी 150 से अधिक सैन्य पर्यवेक्षक संघर्षविराम की निगरानी व समझौतों का निरीक्षण कर रहे हैं, और ऐसी घटनाओं की रोकथाम करने की भी कोशिशें होती हैं जिनके बड़े हिंसक टकराव में तब्दील होने का जोखिम है.

फ़िलहाल, संयुक्त राष्ट्र के सभी 12 शान्तिरक्षा मिशनों में स्थानीय आबादी तक सम्पर्क स्थापित किए जाने के प्रयास किए जाते हैं, ताकि उनकी ज़रूरतों के अनुरूप सहायता प्रदान की जा सके. बच्चों को बारूदी सुरंग के ख़तरों से अवगत कराने से लेकर स्कूलों में शान्ति सम्बन्धी विषयों पर शिक्षा तक.
लगभग 40 वर्ष, यूएन शान्तिरक्षा अभियानों में महिलाओं की संख्या एक फ़ीसदी से भी कम थी, मगर यह 2020 में, सैन्य दस्तों में बढ़कर 4.8 प्रतिशत और गठित पुलिस इकाईयों में 10.9 प्रतिशत तक पहुँच गई.
वर्तमान में, महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए यूएन द्वारा सरकारों के साथ मिलकर प्रयास किए जा रहे है.

संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षक और यूएन बारूदी सुरंग कार्रवाई सेवा (UNMAS) 21 देशों में समुदायों को सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत हैं. पश्चिमी सहारा, संयुक्त राष्ट्र की विऔपनिवेशीकरण सूची में उल्लिखित 17 क्षेत्रों में से है, और लगभग डेढ़ दशक तक चले युद्ध के बाद बारूदी सुरंगों से सर्वाधिक प्रभावित इलाक़ा है.
संयुक्त राष्ट्र मिशन, MINURSO, ढाई हज़ार किलोमीटर तक फैले इस रेतीले क्षेत्र में बिना विस्फोट हुई आयुध सामग्री को हटाने के काम में मदद कर रहा है. अल्जीरिया के टिन्डॉफ़ में एक शरणार्थी शिविर में जन्मी सहरावी महिला फ़ातिमेटू बुशराया मालाइनिन यहाँ बारूदी सुरंग को हटाने में जुटी हैं.
उनका कहना है कि बिखरी हुई आयुध सामग्री को हटाने से उनका यह विश्वास मज़बूत होता है कि उन्होंने एक जीवन की रक्षा की है.

हेती में भूकम्प से लेकर कोविड-19 महामारी तक, संयुक्त राष्ट्र शान्तिरक्षकों ने सदैव सहायता के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है. वर्ष 2020 में बेरूत के बन्दरगाह पर भीषण विस्फोट की घटना में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
UNIFIL मिशन ने इस विस्फोट के बाद राहत एवं बचाव कार्य और बर्बादी के आकलन के काम में स्थानीय प्रशासनिक एजेंसियों को समर्थन दिया. साथ ही, एक आपात चिकित्सा टीम की भी तैनाती की गई.

शान्तिरक्षकों को अक्सर ‘ब्लू हैलमैट’ के रूप में भी सम्बोधित किया जाता है. मध्य अफ़्रीका गणराज्य में यूएन मिशन, MINUSCA, में सेवारत शान्तिरक्षकों ने कोविड-19 के दौरान, सख़्त पाबन्दियों के बावजूद अपना कार्य जारी रखा.
उन्होंने अति-आवश्यक सामग्री वितरित करने में भी हाथ बँटाया, जैसेकि मास्क समेत स्वच्छता उत्पादों, स्थानीय समुदायों में शिक्षण सामग्री, स्कूलों में साफ़-सफ़ाई और संक्रमण परीक्षण के लिए क्लीनिक की व्यवस्था.

सीरिया में एक शान्तिरक्षक स्थानीय स्कूल में छात्रों का अभिवादन कर रही है. संयुक्त राष्ट्र मिशन, UNDOF, ने सीरियाई समुदायों की तात्कालिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अपनी एक परियोजना के तहत चार स्कूलों को नए सिरे से तैयार किया है. यह स्कूल उन्हीं में से एक है.
अन्य परियोजनाओं में, सड़कों, पुलों, और अस्पतालों की स्थिति में सुधार लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.

आम नागरिकों की सुरक्षा, शान्तिरक्षा के नज़रिये से बेहद अहम है. माली में यूएन मिशन, MINUSMA में शान्तिरक्षक बेहद ख़तरनाक परिस्थितियों में काम कर करते हैं. यहाँ टिम्बकटू में एक यूएन पुलिस अधिकारी हिंसा प्रभावित इलाक़े में शान्ति व्यवस्था बनाने के लिए बाज़ारों और अन्य इलाक़ों की गश्त पर है.