
यूएन महासभा के 77वें सत्र के उदघाटन सत्र की थीम थी: “आपस में गुंथी हुई चुनौतियों के परिवर्तनकारी समाधान”. इस दौरान, शिक्षा संकट से निपटने के लिये एक उच्चस्तरीय शिखर सम्मेलन भी आयोजित किया गया.
इस वर्ष बड़ी संख्या में राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों ने न्यूयॉर्क का दौरा किया, जोकि एक संकेत था कि लगभग तीन वर्षों के यात्रा प्रतिबंधों और कोविड-19 महामारी से उपजे व्यवधान के बाद, आम जनजीवन फिर से सामान्य हो रहा है.

यूएन महासभा के 77वें सत्र के लिये अध्यक्ष, हंगरी के कसाबा कोरोसी (दाएं) ने मंच से जनरल डिबेट के दौरान कार्यवाही ज़िम्मा संभाला.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुटेरेश (बाएं) ने आम बहस में हिस्सा लेने वाले विश्व नेताओं को अपने भाषण में चेतावनी दी कि भू-राजनैतिक तनावों के कारण विशाल वैश्विक चुनौतियों से निपटने की दिशा में प्रगति बाधित हो रही है.

न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर विश्व भर से आए मीडियाकर्मियों का तांता लगा रहा, जोकि वहाँ महासभा सत्र की कवरेज के लिये पहुँचे थे.
अनेक अन्य पत्रकार यूएन परिसर के उत्तरी लॉन पर मौजूद थे, जो अपने काम के दौरान गुनगुनी धूप में न्यूयॉर्क की ‘ईस्ट रिवर’ को भी निहारते रहे.

शिक्षा पर आयोजित शिखर बैठक में युवजन को अहम भूमिका दी गई. कार्यक्रम के पहले दिन, युवा समूहों को निर्णय-निर्धारकों के समक्ष उन बदलावों के बारे में बताने का अवसर मिला, जिन्हें वे देखना चाहते हैं, ताकि 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप उपयुक्त व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जा सके.

अन्तरराष्ट्रीय शान्ति दिवस पर आर्थिक एवं सामाजिक परिषद कक्ष में एक विशेष सत्र आयोजित किया गया.
हाई स्कूल के सैकड़ों छात्रों से यह कक्ष भर गया, जो वहाँ युवा कार्यकर्ताओं और वक्ताओं व बड़ी हस्तियों को सुनने के लिये एकत्र हुए थे. विविधता के विषय पर एक इण्टरएक्टिव प्रदर्शन के लिये ‘ब्लू मैन’ ग्रुप भी वहाँ मौजूद था.

SDG moment एक बार फिर से महासभा के उदघाटन सत्र का एक आकर्षक हिस्सा रहा. महासभा हॉल में मौजूद लोगों ने महासागरों और जंगलों पर आधारित एक शानदार प्रस्तुति का आनंद लिया.
साथ ही, उन्होंने भारतीय अभिनेता प्रियंका चोपड़ा के सम्बोधन कोरियन-पॉप सितारों के समूह BLACKPINK के एक वीडियो सन्देश को सुना. अमेरिकी कवि ऐमेण्डा गोर्मन की एक नई कविता का वाचन किया गया.